एक्सप्लोरर

शिक्षक भर्ती: नीतीश कुमार को गुजराती अस्मिता से सीखते हुए बिहारी सब-नेशनलिज्म पर टिके रहना चाहिए था

बिहार में इंसान तो छोडिये, यहाँ का अनाज भी पलायित हो जाता है. नीति आयोग के एक दस्तावेज के मुताबिक़ बिहार में उगने वाला 40 फीसदी गेंहूं बाहर के राज्यों में चला जाता है जहां से वह बिस्किट, मैदा में बदल कर वापिस फिर बिहार आ जाता है बिकने के लिए. बहरहाल, 2011 की जनसंख्या के मुताबिक़, 2001 से 2011 के बीच करीब 9.3 मिलियन लोगों ने पलायन किया. इसमें शिक्षा के लिए 3 फीसदी (2011 के आकडे के अनुसार) पलायन होता है जो पिछले 12 सालों में और अधिक हुआ है. और सबसे दुखद आकड़ा साल 2020 के इन्स्तीत्यूत ऑफ पोपुलेशन साइंसेज की है जिसके मुताबिक़ 50 फीसदी बिहारी घरों से पलायन हुआ है. साल 2022 में जम्मू-कश्मीर और राजस्थान के बाद बिहार बेरोजगारी के मामले में तीसरे स्थान पर शान से टिका हुआ है. 

ऐसे में, इसी बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का एक बयान आता है. “हमको कुछ सब्जेक्ट्स के लिए बेहतर उम्मीदवार नहीं मिलता इसलिए बाहरी उम्मीदवार को मौक़ा दे रहे हैं.” ये बिहार के शिक्षा मंत्री की सफाई है, बिहारी बनाम बाहरी उम्मीदवारों के मुद्दे पर. इस सफाई पर हंसिये, रोइए, गर्दन शर्म से झुका लीजिये या बेहया की तरह इस बयान से मुतमईन हो जाइए. सवाल है कि किसी भी यूनिवर्सिटी में क्षमता का आधा स्टाफ भी भर्ती नहीं होगा, अकेडमिक कैलेंडर सालों तक देर से चलेगा, बीपीएससी हो या बीएसएससी, एक भी परीक्षा बिना पर्चा लीक हुए नहीं करा पाता है, हाई कोर्ट की टिप्पणी है कि राज्य के ज्यादातर लॉ कालेज में इन्फ्रा स्ट्रक्चर और काबिल शिक्षक नहीं है और बिहार के राज्यपाल छात्रों के पलायन के लिए बिहार की शिक्षा व्यवस्था को दोषी ठहराते है तो फिर ऐसे में किसी राज्य के शिक्षा मंत्री को अपने पद पर रहने का क्या और कितना नैतिक अधिकार रह जाता है? जब शिक्षा मंत्री अपने ही छात्रों की काबिलियत पर सवाल उठाते है तो वे क्या भूल जाते है कि छात्रों की काबिलियत बेहतर बनाने का जिम्मा मंगल गृह के किसी शिक्षा मंत्री का नहीं है बल्कि खडू उनका ही है. तो यह मान लिया जाना चाहिए कि शिक्षा मंत्री का उक्त बयान बिहार के लाखों छात्रों, करोड़ों बिहारियों का घोर अपमान है.  

मसला शिक्षकों की भर्ती का है और लाखों STET/CTET पास उम्मीदवार बिहार में है लेकिन शुरुआत में मूल निवासी को मौक़ा देने की बात कह कर अब बिहार सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए सारे देश से आवेदन मंगाने की बात कह दी है. 

बिहारी बनाम बाहरी की लड़ाई पूरे देश में है. कुछ समय पहले तक और अभी भी, बिहारी मजदूर हो या रेलवे का कैंडिडेट, असम से बांबे तक पिटाई हो जाती थी/है. क्योंकि, बाहरी मानते है कि बिहारी आ कर उनका हक़ मार लेते है. जबकि जिस गुजरात से मोदी आते हैं और जिनके खिलाफ नीतीश कुमार इन दिनों बिगुल फूंके हुए हैं, वहाँ निजी उद्योग-धंधे लगाने वाले पूंजीपतियों के साथ करार होता था कि 20 फीसदी स्थानीय लोगों को निश्चित ही नौकरी दी जाएगी. लेकिन, 15 साल से अधिक समय तक भाजपा के साथ सत्ता में रहने वाले नीतीश कुमार गुजराती अस्मिता से कुछ सीखते हुए बिहारी सब-नेशनलिज्म के लिए कुछ नहीं कर पाए. ऐसी स्थिति में जब 1 लाख 70 हजार पदों पर बिहार के भीतर ही भर्ती का मौक़ा आया तो नीतीश कुमार 10 साल पहले तक जिस बिहारी सब-नेशनलिज्म की बात करते थे, उसे अचानक लात मार गए. बिहारी उपराष्ट्रवाद की जगह नीतीश कुमार के मन में अचानक 24 में प्रधानमंत्री पद की कुर्सी का सपना आने लगा और इस वजह से वे खुद को राष्ट्रीय नेता साबित करने के लिए सभी पदों को देशवासियों के लिए ओपन कर दिए. तो महाराज, तेजस्वी यादव जी आपके 10 लाख सरकारी नौकरी के सपने का क्या होगा? 

इस बार शिक्षकों की नियुक्ति बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन करेगा जो एक मानक परिक्षा के जरिये की जाएगी. ऐसे में अभी आवेदन भरे नहीं गए, परीक्षा हुआ नहीं, परिणाम आए नहीं और शिक्षा मंत्री से ले कर राज्य के मुखिया तक ने ये कैसे मान लिया कि उनके पास काबिल उम्मीदवार नहीं है. अगर एक-दो बार परीक्षा लेने के बाद भी सीटें नहीं भारती तो यह कहा जा सकता था कि ऐसा कुछ है. लेकिन, अब से पहले मार्क्स बेसिस पर नियुक्ति की जाती थी, जिसमें सीबीएसई बनाम बिहार बोर्ड का एक अलग झंझट होता था. परीक्षा के जरिये नियुक्ति का फैसला बेहतर है लेकिन इसमें प्राथमिकता बेरोजगारी और पलायन का दंश झेल रहे बिहारियों को दिया जाना चाहिए था. जब समूचा देश अपनी क्षेत्रीय अस्मिता की लड़ाई लड़ता है तो ऐसे में बिहार को भला क्यों अपनी क्षेत्रीय अस्मिता और बिहारी उपराष्ट्रवाद को भूलना चाहिए? वह भी तब जब आर्थिक मोर्चे पर बिहार का नागरिक हर पायदान पर फिसलना भरी राह पर है. 


नीतीश कुमार निश्चित ही स्टेट्समैन कैटेगरी के नेता थे. लेकिन इलहाम बड़ा बुरा होता है. इल्हाम से उपजे फैसले अच्छे अच्छे नेताओं की छवि खराब कर देता है. नीतीश कुमार जी को भी यह भ्रम नहीं पालना चाहिए महागठबंधन का संयोजक बनने से कोई पीएम पद का दावेदार हो जाता है. नीतीश कुमार जी से पहले भी कई संयोजक रहे हैं. शरद यादव, चंद्रबाबू नायडू. नहीं बन सकते थे तो नहीं बने पीएम. और सबसे बड़ी बात, नीतीश कुमार जी को पहले कम से कम बिहार की 40 सीटें तो जीतनी ही होंगी अन्यथा दावेदारी भी कैसे जता पाएंगे और जिस तरह का निर्णय आप लोग शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में ले रहे है, झारखंड और यूपी तो छोडिये, बिहार की 40 में से 20 सीटें भी हासिल करना मुश्किल हो जाएगा. 

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

मिल्कीपुर उप चुनाव के लिए बीजेपी ने निकाला 'तुरुप का इक्का'! किया दावा- ‘100 में 95 वोट होंगे हमारे’
मिल्कीपुर उप चुनाव के लिए बीजेपी ने निकाला 'तुरुप का इक्का'! किया दावा- ‘100 में 95 वोट होंगे हमारे’
Delhi Election 2025: AAP को झटका देने वाले 8 विधायक BJP में हुए शामिल, देखें पूरी लिस्ट
दिल्ली चुनाव से पहले AAP को झटका देने वाले 8 विधायक BJP में शामिल, देखें पूरी लिस्ट
Shah Rukh Khan की नकल कर रहे हैं कोरियाई? नए कोरियन ड्रामा का टीजर देख फैंस ने पूछे सवाल
शाहरुख खान की नकल कर रहे हैं कोरियाई? फैंस के हाथ लगे ये सबूत
सचिन को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, अश्विन-सरफराज को भी BCCI ने दिया बड़ा खिताब
सचिन को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, अश्विन-सरफराज को भी BCCI ने दिया बड़ा खिताब
ABP Premium

वीडियोज

Delhi Election 2025 : चिराग के ‘दीपक’...रोकेंगे AAP का रथ? कभी जीत न पाई BJP...अब कमाल करेगी LJP?Union Budget 2025: खुला पिटारा...कितना चमका मिडिल क्लास का सितारा? | ABP NewsBudget 2025: आम बजट पर Jyotiraditya Scindia का Super Exclusive Interview | ABP News | BreakingMahadangal with Chitra Tripathi: मिडिल क्लास की मुरादें पूरी हो गईं? | Union Budget 2025 | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
मिल्कीपुर उप चुनाव के लिए बीजेपी ने निकाला 'तुरुप का इक्का'! किया दावा- ‘100 में 95 वोट होंगे हमारे’
मिल्कीपुर उप चुनाव के लिए बीजेपी ने निकाला 'तुरुप का इक्का'! किया दावा- ‘100 में 95 वोट होंगे हमारे’
Delhi Election 2025: AAP को झटका देने वाले 8 विधायक BJP में हुए शामिल, देखें पूरी लिस्ट
दिल्ली चुनाव से पहले AAP को झटका देने वाले 8 विधायक BJP में शामिल, देखें पूरी लिस्ट
Shah Rukh Khan की नकल कर रहे हैं कोरियाई? नए कोरियन ड्रामा का टीजर देख फैंस ने पूछे सवाल
शाहरुख खान की नकल कर रहे हैं कोरियाई? फैंस के हाथ लगे ये सबूत
सचिन को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, अश्विन-सरफराज को भी BCCI ने दिया बड़ा खिताब
सचिन को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, अश्विन-सरफराज को भी BCCI ने दिया बड़ा खिताब
ट्रंप सरकार के इस मंत्री ने भरे मंच पर मुंह में दबाई 'तंबाकू'! वीडियो वायरल, यूजर्स ने कर दिया बड़ा दावा
ट्रंप सरकार के इस मंत्री ने भरे मंच पर मुंह में दबाई 'तंबाकू'! वीडियो वायरल, यूजर्स ने कर दिया बड़ा दावा
दुनिया में इंसानों ने पहली बार पाला था कौन सा पक्षी, नाम सुनकर चौंक जाएंगे आप
दुनिया में इंसानों ने पहली बार पाला था कौन सा पक्षी, नाम सुनकर चौंक जाएंगे आप
ये आंटी नहीं बवंडर हैं! दारू पार्टी पर महिला ने किया स्टेज तोड़ डांस, वीडियो देख उछल पड़ेंगे आप
ये आंटी नहीं बवंडर हैं! दारू पार्टी पर महिला ने किया स्टेज तोड़ डांस, वीडियो देख उछल पड़ेंगे आप
Budget 2025: 'सब घिसा-पिटा है, सरकार की क्षमता से परे है बजट की नई घोषणाएं', बोले कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम
'सब घिसा-पिटा है, सरकार की क्षमता से परे है बजट की नई घोषणाएं', बोले कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम
Embed widget