एक्सप्लोरर

अंग्रेजों के झूठे अभिमान और ऑस्ट्रेलियाई औरतों के अति उत्साह ने रचा एशेज का इतिहास

वर्ल्ड कप एक प्रतिमान है. इसी तरह एशेज सीरीज़ भी एक सांकेतिक प्रतिमान है. एशेज की पूरी महागाथा ही शुरु एक मज़ाक से हुई और ये मजाक भी तकरीबन 150 साल पहले किया गया था. एक हार की बेइज्जती करने के इरादे से एक संकेत गढ़ा गया जो क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा प्रतिमान बन गया.

दर्शनशास्त्र में एक थ्यौरी है संकेतों की. संकेत दरअसल इंसानी जीवन में इस कदर हावी रहते हैं कि जिंदगी की सारी भाग दौड़, परेशानियां, खुशियां, गम सब उसी के इर्द गिर्द घूमते हैं और इंसान को इसका पता तक नहीं चलता. मसलन अगर कोई कार से चल रहा है तो मतलब नौकरी अच्छी है, अगर किसी के पास अपना मकान है तो कमाई अच्छी है. ये सबकुछ संकेत हैं जो प्रतिमानों के दायरे तय करते हैं. क्रिकेट के खेल में भी संकेतों और प्रतिमानों का बड़ा महत्व है. वर्ल्ड कप एक प्रतिमान है. इसी तरह एशेज सीरीज़ भी एक सांकेतिक प्रतिमान है. एशेज की पूरी महागाथा ही शुरु एक मज़ाक से हुई और ये मजाक भी तकरीबन 150 साल पहले किया गया था. एक हार की बेइज्जती करने के इरादे से एक संकेत गढ़ा गया जो क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा प्रतिमान बन गया. एशेज माने राख, राख माने इज्जत बात बहुत पुरानी है. साल 1882 में क्रिकेट अभी पालने से उतरकर मैदान पर घुटनों के बल चलना ही सीख रहा था. इंग्लैंड उस समय राष्ट्र के तौर पर भी बहुत ताकतवर था और ऑस्ट्रेलिया अब भी इंग्लैंड की कॉलोनी था. 1901 में राष्ट्र बनने में अभी 19 साल बाकी थे. अंग्रेजों में उस समय अपने राज और साम्राज्य को लेकर बड़ा गुरुर था. 1882 में इंग्लैंड क्रिकेट जगत में भी बादशाह ही था. उसी साल ओवल में हुए एक कम स्कोर वाले टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को पटक दिया. जिस ब्रितानिया साम्राज्य के बारे में कहा जाता था कि उसका सूरज कभी अस्त नहीं होता, वो मैदान पर डूब गया. जीत के लिए 85 रन बनाने थे इंग्लैंड को लेकिन पूरी इंग्लिश टीम 8 रन पहले ही ढेर हो गई. ओवल का मैदान शांत, पूरे दर्शकों में एक अजीब सा मुर्दा सन्नाटा छा गया. ये पहली बार था जब इंग्लैंड को उसी के ईजाद किए हुए खेल में उसकी ही एक कॉलोनी ने मात दे दी थी. obituary इंग्लिश अखबारों ने इंग्लैंड क्रिकेट का मर्सिया पढ़ दिया. 'द स्पोर्टिंग टाइम्स' अखबार ने उस समय लिखा- 'इंग्लैंड क्रिकेट मर चुका है, उसकी लाश जलाई जा चुकी है और राख (एशेज) ऑस्ट्रेलिया ले गया.’. उस समय भी इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच ये सालाना सीरीज़ नहीं थी, एशेज नाम प्रचलित नहीं हुआ था. लेकिन अगले साल ये नाम सभी क्रिकेट फैंस की जुबान पर चढ़ने वाला था. ऑस्ट्रेलिया जाएंगे, राख ले आएंगे एशेज को क्रिकेट फैंस के बीच लोकप्रिय करने में बड़ा हाथ रहा 1882-83 में इंग्लैंड के कप्तान इवो ब्लिंग का. इवो ब्लिंग उस इंग्लिश टीम के कप्तान थे जो 1982-83 में ऑस्ट्रेलिया गई थी. इवो ब्लिंग ने ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले ऐलान कर दिया था कि वो एशेज यानि राख वापस लाने जा रहे हैं. इस बयान के बाद इंग्लिश मीडिया ने इस सीरीज को 'रिगेन द एशेज' नाम दे दिया. नाम दिया इंग्लैंड ने, एशेज दिया ऑस्ट्रेलियाई महिलाओं ने 1982-83 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ब्लिंग की कप्तानी में इंग्लैंड ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज़ के पहले दो टेस्ट मैच जीत लिए. तीसरे टेस्ट मैच में मेलबर्न की कुछ महिलाओं के एक ग्रुप ने ब्लिंक को दूसरे टेस्ट मैच में इस्तेमाल की गई गिल्लियों को जलाकर उसकी राख एक छोटी सी ट्रॉफी में रखकर उपहार स्वरुप दी. उन महिलाओं ने उसे नाम दिया ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की राख. ये निजी तोहफा था इसलिए इसे कभी भी एशेज की आधाकारिक ट्रॉफी नहीं बनाया गया. अभी जो ट्रॉफी एशेज में दिखती है वो रेप्लिका यानि नकल है. असली ट्रॉफी अभी भी लॉर्ड्स के एमसीसी म्यूज़ियम में रखी गई है. एशेज आज के समय में क्रिकेट में प्रतिद्वंदिता का सबसे बड़े संकेतों के तौर पर माना जाता है और पूरी दुनिया पर इसकी निगाहें रहती हैं.
और देखें

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

भारत कब करेगा पाकिस्तान पर हमला? PAK के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने बता दी तारीख
भारत कब करेगा पाकिस्तान पर हमला? PAK के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने बता दी तारीख
'कहां गई जादू की छड़ी...', दिल्ली में पॉल्यूशन को लेकर रेखा गुप्ता सरकार पर भड़के सौरभ भारद्वाज
'कहां गई जादू की छड़ी...', दिल्ली में पॉल्यूशन को लेकर रेखा गुप्ता सरकार पर भड़के सौरभ भारद्वाज
'भारत पाकिस्तान पर कभी हमला नहीं कर सकता', केआरके ने वीडियो शेयर कर बताई मजेदार वजह
'भारत पाकिस्तान पर कभी हमला नहीं कर सकता', KRK ने शेयर किया मजेदार वीडियो
IPL 2025: क्या अब भी किसी तरह प्लेऑफ में पहुंच सकती है CSK? जानें क्या है पॉइंट्स टेबल का पूरा समीकरण
क्या अब भी किसी तरह प्लेऑफ में पहुंच सकती है CSK? जानें क्या है पॉइंट्स टेबल का पूरा समीकरण
ABP Premium

वीडियोज

Pahalgam Terror Attack: आतंकवाद को लेकर हिंदुस्तान में आक्रोश, परमानेंट इलाज क्या? MS Bitta ने बतायाPahalgam Attack: 'आतंकवाद को समाप्त करेंगे...', पाकिस्तानी पत्रकार को M.S Bitta ने दी चेतावनीPahalgam Terror Attack: '..जल्द पाकिस्तान के असली चेहरे को एक्सपोज करेंगे'- Ashwini Siwach |PakistanPahalgam Terror Attack: पाकिस्तानी पत्रकारके झूठ बोलने पर Chitra Tripathi ने लगाई क्लास | Pakistan

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
भारत कब करेगा पाकिस्तान पर हमला? PAK के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने बता दी तारीख
भारत कब करेगा पाकिस्तान पर हमला? PAK के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने बता दी तारीख
'कहां गई जादू की छड़ी...', दिल्ली में पॉल्यूशन को लेकर रेखा गुप्ता सरकार पर भड़के सौरभ भारद्वाज
'कहां गई जादू की छड़ी...', दिल्ली में पॉल्यूशन को लेकर रेखा गुप्ता सरकार पर भड़के सौरभ भारद्वाज
'भारत पाकिस्तान पर कभी हमला नहीं कर सकता', केआरके ने वीडियो शेयर कर बताई मजेदार वजह
'भारत पाकिस्तान पर कभी हमला नहीं कर सकता', KRK ने शेयर किया मजेदार वीडियो
IPL 2025: क्या अब भी किसी तरह प्लेऑफ में पहुंच सकती है CSK? जानें क्या है पॉइंट्स टेबल का पूरा समीकरण
क्या अब भी किसी तरह प्लेऑफ में पहुंच सकती है CSK? जानें क्या है पॉइंट्स टेबल का पूरा समीकरण
सेना के निशाने पर जम्मू कश्मीर के ये 14 आतंकी, तलाश में एजेंसियां, पाकिस्तान से जुड़े हैं तार
सेना के निशाने पर जम्मू कश्मीर के ये 14 आतंकी, तलाश में एजेंसियां, पाकिस्तान से जुड़े हैं तार
बार-बार सूख रहे हैं होंठ तो हो गई है इस चीज की कमी, सेहत के लिए हो सकता है खतरनाक
बार-बार सूख रहे हैं होंठ तो हो गई है इस चीज की कमी, सेहत के लिए हो सकता है खतरनाक
गर्मियों में कितना होना चाहिए आपके फ्रिज का टेंपरेचर? ये रहा सही जवाब
गर्मियों में कितना होना चाहिए आपके फ्रिज का टेंपरेचर? ये रहा सही जवाब
श्रीनगर से दिल्ली के हवाई किराए ने छुआ आसमान तो भड़क गए यूजर्स, आपका भी खराब हो जाएगा माथा
श्रीनगर से दिल्ली के हवाई किराए ने छुआ आसमान तो भड़क गए यूजर्स, आपका भी खराब हो जाएगा माथा
Embed widget