साल की सबसे मुश्किल सीरीज शुरू होने जा रही है. इस सीरीज में भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों टीमों का बहुत कुछ दांव पर है. कप्तान के तौर पर विराट कोहली और टिम पेन का बहुत कुछ दांव पर है. टीम इंडिया के लिए स्थितियां अगर दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड से भी खराब हो गईं तो आईसीसी टेस्ट रैंकिंग्स में उसकी नंबर एक की पायदान तक छिन सकती है.


ऑस्ट्रेलिया इस लिस्ट में फिलहाल चौथे पायदान पर है. स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की गैरमौजूदगी में अपने घर में उसकी साख दांव पर है. टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री का वो दावा दांव पर है जिसमें उन्होंने मौजूदा टीम को हाल-फिलहाल सबसे बेहतरीन ‘टूरिंग साइड’ बताया था. जाहिर है जब इतना कुछ दांव पर हो तो मुकाबले हाई-वोल्टेज होंगे. खिलाड़ियों में खींचतान होगी. एक एक सेशन कीमती होगा. वैसे भी करीब डेढ़ दशक पहले जो प्रतिद्वंदिता भारत-पाकिस्तान के मैचों मे देखने को मिलती थी वो अब भारत-ऑस्ट्रेलिया के मैचों में देखने को मिलती है. लिहाजा क्रिकेट के खांटी शौकीनों के लिए सर्दियों में रजाई में लेट-लेटे दमदार सीरीज देखने का वक्त आ गया है. भारतीय समय के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच त़ड़के सुबह शुरू होंगे.


क्या कहता है टीम इंडिया के प्लेइंग 11 का गणित


विराट कोहली ने एक नई परंपरा शुरू की है. वो आखिरी 12 खिलाड़ियों के नाम का ऐलान मैच के एक दिन पहले कर देते हैं. पहले के कप्तान ऐसा नहीं करते थे. विराट का ये कदम उनके आत्मविश्वास को भी दिखाता है. खैर, आखिरी 12 खिलाड़ियों में विराट कोहली ने भुवनेश्वर कुमार, रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, उमेश यादव और पार्थिव पटेल को जगह नहीं दी है. पृथ्वी शॉ चोट की वजह से पहले टेस्ट मैच से बाहर हैं.


इस प्लेइंग 12 का सीधा मतलब ये है कि पहले टेस्ट मैच में तेज गेंदबाजी की कमान ईशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शामी को निभानी है. प्रैक्टिस मैच में गेंदबाजों की हालत अच्छी नहीं थी. मोहम्मद शामी को छोड़कर बाकी सभी गेंदबाज महंगे साबित हुए थे. कुछ रोज पहले पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने भारतीय गेंदबाजों को लेकर कहा था कि उन्हें ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर श़ॉर्ट गेंदों से बचना चाहिए.


ऐसा इसलिए क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को शॉर्ट पिच गेंदों को खेलने की आदत होती है. वो यही चाहते हैं कि भारतीय गेंदबाज पिच को देखकर लालच में शॉर्ट पिच गेंद फेंके. जिसका फायदा वहां के बल्लेबाजों को हो. टीम इंडिया मैनेजमेंट ने भी निश्चित तौर पर इस दिशा में बात की होगी. आर अश्विन प्लेइंग 11 में इकलौते स्पिनर होंगे. अब रहस्य सिर्फ इस बात का है कि टीम के लिए नंबर 6 पर बल्लेबाजी कौन करेगा. विकल्प हैं रोहित शर्मा और हनुमा विहारी. रोहित शर्मा को प्लेइंग 12 में शामिल करके बाहर बिठाने की उम्मीद कम ही है. वैसे भी उन्हें एक तरह से विदेशी जमीन पर टेस्ट क्रिकेट में ये आखिरी मौका ही मिला है. रोहित शर्मा अगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस सीरीज में नहीं चलते हैं तो टेस्ट क्रिकेट में उनकी दावेदारी बहुत सीमित रह जाएगी.

छोटी-छोटी गलतियों से बचें खिलाड़ी


खेलों की दुनिया में ‘एक्स फैक्टर’ बहुत चलता है. ये ‘एक्स’ फैक्टर फिलहाल इस सीरीज में ‘एक्सट्रा’ जिम्मेदारी के तौर पर देखा जा सकता है. टीम इंडिया के सभी खिलाड़ियों को अपने अपने रोल से थोड़ा ‘एक्सट्रा’ करना होगा. ऑस्ट्रेलिया में अगर इतिहास रचना है तो उसके लिए ये जरूरी है. याद कीजिए सीरीज के लिए रवाना होने से पहले विराट कोहली ने एक बहुत जरूरी बात कही थी.


उन्होंने कहा था कि दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में उनकी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया लेकिन कुछ बड़े निर्णायक मौकों पर उनकी टीम के खिलाड़ियों ने बड़ी गलती कर दी. अब मुकाबला ऐसी टीम से है जहां बड़ी तो दूर छोटी छोटी गलतियां दोनों टीमों को भारी पड़ेंगी. बेहतर होगा कि दोगुनी सतर्कता बरतते हुए गलतियों से दूर ही रहा जाए. पिछली दो विदेशी सीरीज में भारतीय टीम की हार के पीछे बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन था. इस सीरीज में उन पर सभी की निगाहें हैं.