एक्सप्लोरर

Opinion: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में न जाने का इंडिया गठबंधन नेताओं का फैसला हो सकता है घातक और रणनीतिक भूल

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण जोर-शोर से चल रहा है. वहीं, राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा 22 नवंबर को होने वाली है. प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए तमाम बड़े नेताओं, सेलिब्रिटी, साधु- संत को न्योता भैजा गया है. सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को भी आमंत्रण भेजा गया है. साथ ही ममता बनर्जी को भी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया गया है. लेकिन कई लोग इसका विरोध कर रहे है कि ये राम लला की प्राण प्रतिष्ठा नहीं भाजपा का कार्यक्रम हैै. विरोध कर रही पार्टी कह रही है कि राम तो हमारे कण- कण में है, लेकिन हम इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे. कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी सहित मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने भी यह कहते हुए इनकार कर दिया है कि यह भाजपा का कार्यक्रम है. हालांकि, कल यानी रविवार 15 दिसंबर को कांग्रेस के कुछ नेता अयोध्या गए थे, लेकिन उनके साथ कुछ झूमाझटकी होने की भी खबर है. 

राम मंदिर और राजनीति

भारत में जिस तरह की राजनीति हो रही है, ये संभावित है, ये कोई नई बात नहीं है. भारत में जो लोग इस तरह की राजनीति कर रहे है, वो बहुत बड़ी भूल कर रहे है. भारत के इतिहास में बहुत दिनों बाद ऐसा मौका आया है, जब कुछ लोगों को छोड़कर पूरा देश राम मंदिर के पक्ष में है. राजनीति करने वालों का काम है राजनीति करना, उन्हें ऐसा करने देना चाहिए. राम मंदिर को लेकर पूरे देश में एक अलग माहौल बना हुआ है. एक ऐसा माहौल बना हुआ है जिसको आप नकार नहीं सकते है. जब पूरा माहौल एक जैसा है उसमें कुछ राजनीति करने वाले अलग बीन बजाने लगते है.

निश्चित तौर पर नुकसान उन्हें ही होने वाला है. कुछ महीने बाद ही इस देश में आम चुनाव होने वाला है जिसके बाद राजनीति करने वाले यह भी बोलेंगे कि ईवीएम खराब है या ईवीएम में हेराफेरी की गई है, इस प्रकार के तमाम इल्जाम लगाए जाएंगे. राजनीति करने वालों को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि वे कहां गलती कर रहे है और यदि गलती कर भी रहे हैं तो क्यों कर रहे है. इन तमाम बातों पर उन्हें ध्यान देने की जरूरत है. राम मंदिर बनने के बाद का उत्साह पूरे देश में और पूरे माहौल में दिख रहा है. जो लोग राम मंदिर के लिए निमंत्रण बांट रहे है वो यह मानते हैं कि दूसरे धर्म के लोग भी इससे काफी खुश नजर आ रहे हैं. यह कोई धार्मिक कार्यक्रम न होकर एक तरह से सांस्कृतिक पुनरुत्थान का कार्यक्रम बन गया है.  

विरोधियों के लिए यह भाजपा का कार्यक्रम

ममता बनर्जी से लेकर अखिलेश यादव तक को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का न्योता भेजा गया है, लेकिन उनका कहना है कि ये भाजपा का कार्यक्रम है, राम तो हमारे कण-कण में है. ये अच्छी बात है कि विरोध कर रहे लोगों को राम से कोई विरोध नहीं है. यह एक तरह का बदलाव है, जो तथाकथित सेकुलर राजनीति में आया है और इस बदलाव का स्वागत भी किया जाना चाहिए, क्योंकि अतीत में देखा जाए तो ये लोग राम को ही नकारते रहे हैं. विरोध कर रहे लोगों की जो धारणा रही है राजनीति को लेकर, और उसी धारणा के अनुसार वो राजनीति कर रहे है, उनका एक बना बनाया फॉर्मूला रहा है कि उनका अपना एक वोट बैंक है. इसमें वो कितना सफल होंगे कितना असफल होंगे, ये बाद की बात है लेकिन वो अपनी बनी बनाई राजनीति के हिसाब से काम कर रहे है. वो उसी लीग पर चल रहे है. उनको इस बात का खतरा लगता है कि अगर वो अपनी बनाई लीक से  हटे तो उनका वोट बैंक कहीं नाराज न हो जाए. 

राहुल गांधी की राजनीति अबूझ

राहुल गांधी की राजनीति बहुत हद तक समझ में नहीं आती है. राहुल गांधी के सलाहकार एक अलग तरह की राजनीति के लिए उन्हें प्रेरित करते हैं, लेकिन राहुल गांधी जिस राजनीति में है, अगर उनका उद्देश्य चुनाव लड़ना नहीं होता, सरकार बनाना नहीं होता, सत्ता हासिल करना नहीं होता, तब यह मान लिया जाता कि वो अपने ढंग से राजनीति कर रहे हैं. देश - दुनिया को एक नया संदेश दे रहे हैं. लेकिन अंततः वो चुनावी राजनीति के हिसाब से ही बातें कर रहे होते हैं. चुनावी राजनीति के हिसाब से ही पीएम नरेन्द्र मोदी के ऊपर हमले करते हैं, जिसका चुनावी राजनीति में, चुनावी धरातल पर कोई बहुत बड़ा फायदा नहीं होता है. तो ऐसा लगता है कि यह सिर्फ राजनीति का शोर है या फिर कुछ अन्य ऐसे परोक्ष कारण है जिसकी वजह से वो ये सब करते है. और वो परोक्ष कारण क्या हैं..., क्या किसी खास विचारधारा को, किसी खास राजनीति को सहारा देना है.

राहुल गांधी द्वारा जो भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की गई, उसका क्या नतीजा हुआ, कर्नाटक में चुनाव जीते. हालांकि, अगर बीजेपी ने उस समय यदि येदियुरप्पा को कमान दिया गया होता तो शायद भारत जोड़ो यात्रा का शिगूफा है, वो वहीं फूट गया होता. ऐसा कई चुनावी विश्लेषक मानते हैं. उसी तरह हिमाचल में भी राहुल का करिश्मा नहीं जीता, बीजेपी की गलतियां हारीं. राहुल को या तो अपने रणनीतिकार बदलने चाहिए या अपनी रणनीति. फिलहाल, तो वह हरेक चाल ही गलत चल रहे हैं. 

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
Fri Mar 28, 10:09 am
नई दिल्ली
31.8°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 16%   हवा: W 17.1 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Earthquake Today: 12 मिनट में एक के बाद एक झटका... म्यांमार के भूकंप से तबाही, बैंकॉक से दिल्ली तक डोली धरती
Earthquake Today: 12 मिनट में एक के बाद एक झटका... म्यांमार के भूकंप से तबाही, बैंकॉक से दिल्ली तक डोली धरती
WATCH: मेरठ में नमाज पढ़ने जा रहे शख्स को पुलिस ने रोका, उतरवाई काली पट्टी
WATCH: मेरठ में नमाज पढ़ने जा रहे शख्स को पुलिस ने रोका, उतरवाई काली पट्टी
BCCI ने स्पिन बॉलिंग कोच के लिए मांगे आवेदन, जानें इसके लिए क्या-क्या है जरूरी?
BCCI ने स्पिन बॉलिंग कोच के लिए मांगे आवेदन, जानें इसके लिए क्या-क्या है जरूरी?
Khatron Ke Khiladi 15: खतरों से खेलने आ रही गोविंदा की भांजी, ग्लैमर का तड़का लगाएंगी टीवी की ये बहुएं! पढ़ें पूरी लिस्ट
खतरों से खेलने आ रही गोविंदा की भांजी, ग्लैमर का तड़का लगाएंगी टीवी की ये बहुएं! पूरी लिस्ट
ABP Premium

वीडियोज

Juma Eid Namaz : दिल्ली की जामा मस्जिद में भयंकर भीड़ के बीच नमाजियों ने अदा की नमाज | ABP NewsMuzaffarnagar का नाम बदलने पर बीजेपी विधायक अजय महावर ने दी तीखी प्रतिक्रिया, सुनिए | ABP NewsEarthquake in Thailand : म्‍यांमार और थाईलैंड में भूकंप से मची तबाही के बाद सामने आई खौफनाक तस्वीरें! ABP Newsकैसी रही FY2024-25 में Small Cap, Mid Cap और Large Cap की Overall Performance? FULL DETAIL PaisaLive

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Earthquake Today: 12 मिनट में एक के बाद एक झटका... म्यांमार के भूकंप से तबाही, बैंकॉक से दिल्ली तक डोली धरती
Earthquake Today: 12 मिनट में एक के बाद एक झटका... म्यांमार के भूकंप से तबाही, बैंकॉक से दिल्ली तक डोली धरती
WATCH: मेरठ में नमाज पढ़ने जा रहे शख्स को पुलिस ने रोका, उतरवाई काली पट्टी
WATCH: मेरठ में नमाज पढ़ने जा रहे शख्स को पुलिस ने रोका, उतरवाई काली पट्टी
BCCI ने स्पिन बॉलिंग कोच के लिए मांगे आवेदन, जानें इसके लिए क्या-क्या है जरूरी?
BCCI ने स्पिन बॉलिंग कोच के लिए मांगे आवेदन, जानें इसके लिए क्या-क्या है जरूरी?
Khatron Ke Khiladi 15: खतरों से खेलने आ रही गोविंदा की भांजी, ग्लैमर का तड़का लगाएंगी टीवी की ये बहुएं! पढ़ें पूरी लिस्ट
खतरों से खेलने आ रही गोविंदा की भांजी, ग्लैमर का तड़का लगाएंगी टीवी की ये बहुएं! पूरी लिस्ट
भाईजान की 'राम मंदिर' वाली घड़ी पर भड़के उठे मौलाना रजवी, कहा- 'शरिया के मुताबिक पाप है'
भाईजान की 'राम मंदिर' वाली घड़ी पर भड़के उठे मौलाना रजवी, कहा- 'शरिया के मुताबिक पाप है'
Thailand Myanmar Earthquake: तुर्की से लेकर नेपाल तक, म्यांमार से पहले इन देशों में भी तबाही मचा चुका है भूकंप
तुर्की से लेकर नेपाल तक, म्यांमार से पहले इन देशों में भी तबाही मचा चुका है भूकंप
अभ्यर्थियों को बड़ा झटका, दोबारा नहीं होगी 70वीं BPSC की प्रारंभिक परीक्षा, री-एग्जाम वाली याचिका खारिज
अभ्यर्थियों को बड़ा झटका, दोबारा नहीं होगी 70वीं BPSC की प्रारंभिक परीक्षा, री-एग्जाम वाली याचिका खारिज
Minimum Balance Penalty Report: आपकी जेब से चुपचाप हजारों करोड़ रुपये उड़ा रहे बैंक! क्या सच में 'मिनिमम बैलेंस' के नाम पर डाला जा रहा डाका?
आपकी जेब से चुपचाप हजारों करोड़ रुपये उड़ा रहे बैंक! क्या सच में 'मिनिमम बैलेंस' के नाम पर डाला जा रहा डाका?
Embed widget