साल 2024 : भारत की सबसे बड़ी घटनाएं और चर्चित मुद्दे, जिन्होंने गढ़ा इस देश को
साल 2024 भारत के लिए राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ. इस साल देश ने बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं, तो कई विवादों और घटनाओं ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरीं.
1. लोकसभा और राज्यों के चुनाव: लोकतंत्र का उत्सव
2024 में भारत ने 18वीं लोकसभा के लिए चुनावों का आयोजन किया. यह चुनाव न केवल राजनीतिक दलों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी बेहद अहम साबित हुआ. सत्तारूढ़ पार्टी ने चुनावी मैदान में अपनी योजनाओं और उपलब्धियों के आधार पर जीत दर्ज की. इसके अलावा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव हुए. इन चुनावों में क्षेत्रीय दलों ने अपनी पकड़ बनाए रखी, जबकि राष्ट्रीय पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली.
2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली.
3. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया. सोनम वांगचुक ने लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल की,
4.त्रिपुरा शांति समझौते से 35 साल पुराना विद्रोह समाप्त हुआ.
5,तिरुपति मंदिर के लड्डू में मांस और मछली के तेल के इस्तेमाल का खुलासा हुआ, जिससे विवाद हुआ. अबूझमाड़ में सुरक्षा बलों ने 36 माओवादियों को मार गिराया.
6. भारत ने अपना पहला हाइपरसोनिक मिसाइल लॉन्च किया और सुप्रीम कोर्ट ने अपराधियों के घरों को ध्वस्त करने की प्रथा को अवैध घोषित किया. गुकेश डोमराजू ने विश्व शतरंज चैम्पियनशिप जीती. 2024 में ये घटनाएं देशभर में चर्चा का विषय बनीं.
7. कोलकाता का चर्चित रेप और मर्डर केस
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक महिला के साथ हुए जघन्य रेप और मर्डर केस ने पूरे देश को हिला दिया. इस घटना ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए. राज्य सरकार पर कार्रवाई में देरी का आरोप लगा, जिसके बाद पुलिस ने तेजी से जांच शुरू की. कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया तेज हुई.
8.WazirX पर साइबर हमला हुआ, जिसमें करोड़ों की क्रिप्टोकरेंसी चोरी हुई. असम के चराईदेव मैदान को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला.
9. उत्तराखंड में एनआरसी लागू करने की घोषणा
उत्तराखंड सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने की घोषणा की. यह फैसला राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान और उन्हें रोकने के उद्देश्य से लिया गया. हालांकि, इस फैसले को लेकर देशभर में बहस छिड़ गई। कुछ ने इसे राज्य की सुरक्षा के लिए सही कदम बताया, तो कुछ ने इसे सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाला कदम करार दिया.
10. असम में सार्वजनिक स्थानों पर बीफ पर प्रतिबंध
असम सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर बीफ के सेवन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया. सरकार ने इसे धार्मिक भावनाओं की रक्षा और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने का कदम बताया. हालांकि, इस फैसले पर विपक्ष और मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी.
11. बिहार में छात्रों पर लाठीचार्ज
बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों ने बेरोजगारी और परीक्षा में अनियमितताओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया. पटना में हुए इस प्रदर्शन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे कई छात्र घायल हो गए. इस घटना ने राजनीतिक भूचाल ला दिया. छात्रों की मांगों और सरकार की प्रतिक्रिया ने राष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियां बटोरीं.
12. महिला पहलवानों का प्रदर्शन
देश की महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ न्याय की मांग करते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख पर गंभीर आरोप लगाए. इस प्रदर्शन को देशभर से समर्थन मिला और महिलाओं की सुरक्षा और खेल संगठनों में जवाबदेही को लेकर गंभीर चर्चा हुई.
13. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का 2024 में निधन हो गया. उनके निधन पर पूरे देश में शोक की लहर थी. डॉ. सिंह के कार्यकाल में किए गए आर्थिक सुधार और उनके शांतिपूर्ण व्यक्तित्व को याद करते हुए देश ने उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दी.
14. संसद के नए भवन का उद्घाटन
साल 2024 में भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ. यह आधुनिक और पारंपरिक वास्तुकला का अनूठा उदाहरण है. इस ऐतिहासिक इमारत को भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का प्रतीक बताया गया. उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विभिन्न राज्यों के नेताओं ने हिस्सा लिया.
15. इसरो की ऐतिहासिक सफलताएं
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2024 में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं.
चंद्रयान-3: भारत ने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया.
आदित्य एल-1: सूर्य के अध्ययन के लिए लॉन्च किया गया यह मिशन इसरो की वैज्ञानिक क्षमता का प्रमाण है.
इन मिशनों ने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया.
16. खेलों में भारत का शानदार प्रदर्शन
2024 के एशियाई खेलों और ओलंपिक क्वालिफिकेशन में भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया.
नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया.
मीराबाई चानू और पीवी सिंधु ने भी अपनी उपलब्धियों से देश को गर्व महसूस कराया.
भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों ने शानदार प्रदर्शन किया.
17. प्राकृतिक आपदाएं और जलवायु परिवर्तन
साल 2024 में भारत ने कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया.
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं ने व्यापक तबाही मचाई.
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव: इन आपदाओं ने जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों पर चर्चा को तेज कर दिया.
सरकार और गैर-सरकारी संगठनों ने राहत कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
18. फिल्म और मनोरंजन जगत की सुर्खियां
2024 में भारतीय सिनेमा ने कई चर्चित फिल्में दीं.
कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' ने राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को लेकर विवाद खड़ा किया.
'द बीबी फाइल' ने इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के भ्रष्टाचार मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय चर्चा बटोरी.
अभिनेता पवन मल्होत्रा को उनकी फिल्म 'फौजा' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला.
19. सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलनों का उभार
2024 में सामाजिक आंदोलनों ने देश को झकझोरा.
जाति आधारित जनगणना: इसे लेकर देशभर में मांगें उठीं.
महिला आरक्षण विधेयक: इस पर संसद में चर्चा और प्रदर्शन हुए.
धार्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय: इन मुद्दों पर कई आंदोलन हुए.
20. किसान और मजदूर आंदोलन
साल 2024 में किसानों और मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए. फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए.
21. शिक्षा और रोजगार के मुद्दे
शिक्षा और रोजगार 2024 में भी चर्चा के प्रमुख विषय बने रहे.
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में फीस वृद्धि के खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन किया.
बेरोजगारी दर में मामूली गिरावट आई, लेकिन यह अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.
आगे की राह
साल 2024 भारत के लिए उपलब्धियों और चुनौतियों से भरा रहा। जहां एक ओर देश ने विज्ञान, खेल और बुनियादी ढांचे में नए आयाम छुए, वहीं सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों ने गंभीर सवाल भी खड़े किए. यह साल भारतीय लोकतंत्र, समाज और संस्कृति के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुआ.
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