एक्सप्लोरर

इजरायल पर हुआ आतंकी हमला न तो अचानक और ना ही बिना प्लानिंग, हमास को मिला है कहीं से समर्थन, भारत का रुख बिल्कुल सटीक

7 अक्टूबर की सुबह ही इजराइल पर गाजा पट्टी की तरफ से हमास ने अचानक हमला किया. ये हमला कितना बड़ा था, इसका अंदाजा इससे लगता है कि हमास ने कुल मिलाकर 5000 मिसाइलों को इजराइल पर दागने का दावा किया है. यह हमास की तरफ से शॉक एंड ऑ की कार्रवाई थी. हमास ने इजरायली नागरिकों को भी मारा, घरों पर हमला किया और इजरायली लोगों को भी बंधक बनाया है. शुरुआती झटके से उबरते हुए इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया. इस तरह लगभग दो साल तक शांति रहने के बाद एक बार फिर से मिडिल ईस्ट में खूनी संघर्ष की शुरुआत हो चुकी है. इजराइल में मरने वालों की तादाद 300 के पार जा चुकी है, जबकि 1590 लोग घायल हुए हैं. गाजा पट्टी में 232 लोग मारे गए हैं, जबकि 1800 के करीब लोग घायल हैं. इधर लेबनान की तरफ से भी इजरायल पर हमला हो रहा है और इजरायल दो मोर्चों पर एक साथ जूझ रहा है. 

हमला न तो अचानक न ही अनियोजित

यह तो तय है कि जिस तरह का अप्रत्याशित हमला हुआ है, उसकी प्लानिंग बहुत पहले से चल रही होगी. यह हमला वैसा भी नहीं था जो किसी हालिया विवाद या मामले को लेकर किया गया है. इसमें प्लानिंग पहले से चल रही होगी और काफी तरीके से इसका खाका तैयार किया होगा. अभी जैसी खबरें आ रही हैं कि ईरान ने हमास की मदद की होगी, वह भी इस पूरी घटना को एक नया आयाम देता है, लेकिन इतना तो तय है कि इस स्तर का और इतना बड़ा आक्रमण किसी देश पर होना किसी आतंकी संगठन के अकेले के बस की बात नहीं है. हमला मिश्रित आबादी वाले इलाके में हुआ है, यानी मिश्रित इलाके की वल्नरेबिलिटी का भी इस्तेमाल किया गया. इसको हाइब्रिड वॉरफेयर के तौर पर ही पढ़ा जाएगा.

आतंकियों ने मिश्रित इलाका चुना और फिर तकनीक का इस्तेमाल भी किया, अपने लड़ाके पैराट्रूपर्स-पैराग्लाइडर्स के तौर पर उतारे, फिर जमीनी लड़ाई भी की. जाहिर है कि युद्धस्तर पर इसकी योजना बनायी गयी और ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि किसी नॉन-स्टेट एक्टर ने किसी स्टेट (यानी इजरायल) पर हमला किया है. जो भी हमला हुआ है, उसके दूरगामी परिणाम भी होंगे इससे बाकी सारे देश भी चकित हैं और वे उसे इसी तरह समझने की कोशिश करेंगे कि अगर कोई नॉन-स्टेट एक्टर इस तरह का हमला करता है, तो प्रतिक्रिया कैसे दी जाए? इजरायली इंटेलिजेंस के लिए यह सबसे बड़ा झटका है कि इतने बड़े स्तर पर तैयारी चल रही थी और उनको पता नहीं चला. 

युद्ध और फैलेगा या नहीं, अभी कहना मुश्किल

कौन से देश इस युद्ध में संलग्न होंगे, यह कहना तो अभी कठिन है. अलग-अलग देशों की हमेशा से इस मामले में अलग प्रतिक्रियाएं रही हैं. कुछ देश जो जॉर्डन या इजिप्ट जैसे हैं, वे इजरायल के चारों तरफ हैं और उन्होंने इजरायल के साथ समझौता कर चीजों को सामान्य किया है, तो वे ज्यादा इनवॉल्व नहीं होते. जहां तक सऊदी अरब की बात है, तो उसने इजरायल को बिना नाम लिए दोषी ठहराने की कोशिश तो की है. बाइडेन सरकार तो यह कोशिश कर रही थी कि दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक संबंध स्थापित हो जाएं. यह कहना इसलिए मुश्किल है कि युद्ध कितना फैलेगा और किन देशों तक फैलेगा...हां, एक चीज जो इजरायल को तय करनी है कि वह अपने डेटरेंस को फिर से स्थापित करे. इसकी वजह है कि एक चीज जो हिली है, वह ये हिली है कि इजरायल पर भी हमला किया जा सकता है. इजरायल की फोर्सेज का यह डर था कि कोई भी उस पर हमला करने से पहले सोचता. वह परसेप्शन यानी धारणा हिली है. उसको फिर से स्थापित करने के लिए इजरायल को एक बड़ा ऑपरेशन तो करना होगा. अगर कोई आतंकी संगठन किसी देश पर हमला करता है, तो वहां की सुरक्षा सेना की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे वापस क्रेडिबल डेटरेंस को स्थापित करे. यह इजरायल के लिए बहुत बड़ी चुनौती है और वे कैसे यह करते हैं, यह देखने की बात है. उन्होंने यह कहा है कि वे युद्ध में हैं और जब तक आखिरी आतंकी नहीं मिट जाता, तब तक वे कार्रवाई जारी रखेंगे.

हालांकि, वहां तो मिश्रित आबादी है और वहां पर आम नागरिक भी हैं. यह इजरायल के साथ अक्सर परेशानी भी रही है कि अगर बात आगे तक जाती है, तो फिर उसको मानवाधिकार के मसले पर भी जवाब देना होता है, क्योंकि मिश्रित आबादी में तो आम नागरिक भी हैं और अगर वे मारे गए तो इजरायल के साथ खड़े देश भी उसको नसीहत देंगे. सिविलियन्स के खिलाफ अगर कार्रवाई हुई तो आस-पड़ोस के देश भी उस पर प्रतिक्रिया देंगे. फिर, इजरायल के जो मित्र देश हैं, अमेरिका जैसे, उन्होंने पहले ही कह दिया है कि हड़बड़ा कर काम नहीं करना है और जो भी कार्रवाई हो, वह शांति सुनिश्चित करने की हो. तो, अगले दो दिनों में इजरायल क्या करता है, यह देखने की बात है. 

भारत के पास इजरायल का समर्थन ही विकल्प

जहां तक रूस की बात है तो उसकी विदेश नीति फिलहाल एक ही मुद्दे पर टिकी है. कोई भी देश जो पश्चिमी देशों या उनके अलाइज की मुखालफत करता है, रूस उसका समर्थन करेगा. रूस और इजरायल के गहरे संबंध रहे हैं, रूस आतंकवाद का भी शिकार रहा है, लेकिन उसके पास एक टैक्टिकल मौका है, जहां वह मुस्लिम देशों के साथ अपना समर्थन दिखा सकता है. इसके अलावा वह ओपेक देशों (तेल उत्पादक) के साथ भी काम करना चाहता है और वह जिस तरह की आर्थिक परेशानी झेल रहा है, उसके पास एक मौका है कि वह ओपेक देशों के साथ अपना संतुलन बना सके. तो, उसकी अभी की नीति या जो बयान है,वह सीधे तौर पर उसके स्वार्थ से जुड़ा है. 

भारत आतंकवाद से इतना ग्रस्त रहा है कि उसके पास कोई विकल्प नहीं है कि वह इजरायल पर हमले को किसी भी तरह पॉजिटिव तरीके से देखे. भारत के लिए यह चिंता का विषय है कि कुछेक आतंकी संगठन जो दूसरे देशों की मदद से किसी देश पर इतना बड़ा हमला कर सकते हैं, भारत में या इसके आसपास जो आतंकी संगठन सक्रिय हैं, वे कैसा कर सकते हैं, यह तो बस सोचा जा सकता है, इस पर चिंतित हुआ जा सकता है. भारत के लिए यह बहुत स्पष्ट मुद्दा है. यह आतंकवाद का मुद्दा है. एक आतंकी संगठन ने एक देश पर हमला किया है, तो भारत सीधे तौर पर इजरायल के साथ ही जाएगा. पीएम मोदी ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच बैलेंस्ड नीति लाने की कोशिश की है, लेकिन फिलिस्तीन में अब राष्ट्रपति महमूद अब्बास की चल नहीं रही. हमास ने यह हमला ही इसलिए किया है. अगर महमूद अब्बास होते या फिलिस्तीन की कोई अथॉरिटी होती तो भारत के लिए शायद स्थिति अलग होती, लेकिन यह तो एकतरफा अटैक है, आतंकी अटैक है और भारत ने जिस तरह की प्रतिक्रिया दी है, वह बहुत ही सेंसिबल लगता है. 

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

संसद में गूंजेगा महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा! बजट सत्र में पेश हो सकते हैं वक्फ संशोधन बिल समेत ये 16 विधेयक
संसद में गूंजेगा महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा! बजट सत्र में पेश हो सकते हैं वक्फ संशोधन बिल समेत ये 16 विधेयक
'अरविंद केजरीवाल की गारंटी पर...', कालकाजी में भगवंत मान ने सीएम आतिशी के साथ किया रोड शो
'अरविंद केजरीवाल की गारंटी पर...', कालकाजी में भगवंत मान ने सीएम आतिशी के साथ किया रोड शो
रेलवे के खिलाफ मैच में विराट कोहली ने DDCA कैन्टीन से मंगाया लंच, जानें खाने में क्या किया था ऑर्डर
रेलवे के खिलाफ मैच में विराट कोहली ने DDCA कैन्टीन से मंगाया लंच, जानें खाने में क्या किया था ऑर्डर
हिना खान को कीमो के दौरान ये चीजें भेजते थे सुनील ग्रोवर, एक्ट्रेस ने कॉमेडियन को बताया 'फेवरेट पड़ोसी'
हिना खान को कीमो के दौरान ये चीजें भेजते थे सुनील ग्रोवर, बताया 'फेवरेट पड़ोसी'
ABP Premium

वीडियोज

Mahadangal with Chitra Tripathi: दिल्ली की लड़ाई...Mahakumbh पर आई! | Delhi Election 2025 | ABP NewsArvind Kejriwal Full Interview : केजरीवाल, Atishi और Manish Sisodia वोटर्स को इशारे में क्या बता गए?Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में भगदड़ दूसरी भगदड़...तस्वीरें हैरान कर देंगी | Prayagraj | ABP News24 Ghante 24 Reporter Full Episode: दिनभर की बड़ी खबरें | Mahakumbh Stampede | Delhi Election 2025 | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
संसद में गूंजेगा महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा! बजट सत्र में पेश हो सकते हैं वक्फ संशोधन बिल समेत ये 16 विधेयक
संसद में गूंजेगा महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा! बजट सत्र में पेश हो सकते हैं वक्फ संशोधन बिल समेत ये 16 विधेयक
'अरविंद केजरीवाल की गारंटी पर...', कालकाजी में भगवंत मान ने सीएम आतिशी के साथ किया रोड शो
'अरविंद केजरीवाल की गारंटी पर...', कालकाजी में भगवंत मान ने सीएम आतिशी के साथ किया रोड शो
रेलवे के खिलाफ मैच में विराट कोहली ने DDCA कैन्टीन से मंगाया लंच, जानें खाने में क्या किया था ऑर्डर
रेलवे के खिलाफ मैच में विराट कोहली ने DDCA कैन्टीन से मंगाया लंच, जानें खाने में क्या किया था ऑर्डर
हिना खान को कीमो के दौरान ये चीजें भेजते थे सुनील ग्रोवर, एक्ट्रेस ने कॉमेडियन को बताया 'फेवरेट पड़ोसी'
हिना खान को कीमो के दौरान ये चीजें भेजते थे सुनील ग्रोवर, बताया 'फेवरेट पड़ोसी'
किस देश के लोगों को सबसे जल्दी मिल जाता है वीजा, जान लीजिए नाम
किस देश के लोगों को सबसे जल्दी मिल जाता है वीजा, जान लीजिए नाम
कांग्रेस ने की RSS पर बैन लगाने की मांग, कहा- 'देश के लोकतंत्र के लिए खतरा'; गिनाए 7 कारण
कांग्रेस ने की RSS पर बैन लगाने की मांग, कहा- 'देश के लोकतंत्र के लिए खतरा'; गिनाए 7 कारण
CME Technique: भारतीय वैज्ञानिकों का कमाल, खोज निकाली सूर्य से निकलने वाले सीएमई का आकार मापने की तकनीक
भारतीय वैज्ञानिकों का कमाल, खोज निकाली सूर्य से निकलने वाले सीएमई का आकार मापने की तकनीक
महाकुंभ में एक और जगह मची थी भगदड़, चश्मदीदों के मुताबिक कुछ लोगों की हुई मौत, प्रशासन चुप
महाकुंभ में एक और जगह मची थी भगदड़, चश्मदीदों के मुताबिक कुछ लोगों की हुई मौत, प्रशासन चुप
Embed widget