Ruckus on Hanuman Ji Birth Place: पवनपुत्र हनुमानजी का नाम फिर एक बार खबरों में है. राम की जन्मभूमि अयोध्या है लेकिन रामभक्त हनुमानजी की जन्मभूमि कहां है? कर्नाटक के किष्किंधा में या फिर महाराष्ट्र के अंजनेरी में? इन दिनों महाराष्ट्र में इस सवाल को लेकर विवाद चल रहा है. नासिक शहर से 26 किलोमीटर दूर त्रयंबक रोड पर अंजनेरी गांव है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस गांव का नाम अंजनेरी इसलिये पड़ा क्योंकि गांव से सटे पहाड़ पर हनुमानजी की मां अंजनी का निवास था. अंजनगढ़ नाम के इसी पहाड़ पर मौजूद एक गुफा में हनुमानजी का जन्म हुआ था. 


अंजनगढ़ पहाड़ की चोटी पर एक छोटा सा मंदिर भी है जिसमें नन्हें हनुमान जी अपनी मां की गोद में नजर आते हैं. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि रामायण में जिस किष्किंधा का जिक्र किया गया वो नासिक और इगतपुरी की इन्ही पहाड़ियों के बीच बसी थी और यहीं सुग्रीव का राज हुआ करता था. लक्ष्मण ने कुछ किलोमीटर के फासले पर मौजूद पंचवटी में रावण की बहन शूर्पनखा की नाक काटी थी. सीता हरण के बाद जब राम-लक्षम्ण सीता माता को खोजने निकले तो इन्ही पहाड़ों के नीचे उनकी मुलाकात हनुमानजी से हुयी थी, जिन्होंने उनकी दोस्ती सुग्रीव से करवाई. 


अंजनगढ़ पहाड़ी एक ट्रैकिंग का ठिकाना भी है. पहाड़ी के नीचे एक हनुमानजी का मंदिर है जहां ध्यान में लीन हनुमानजी की एक विशालकाय मूर्ति है. यहीं से पहाड़ की चोटी पर मौजूद अंजनी माता के मंदिर के लिये ट्रैकिंग की शुरूवात होती है. चोटी तक पैदल पहुंचने में करीब 3 घंटे तक का वक्त लग जाता है. रास्ते में मौजूद एक तालाब को लोग हनुमानजी से जोड़ कर देखते है. ऊपर से इस तालाब का आकार किसी के पैर के दायें पंजे का नजर आता है. 


हनुमान चालीसा में एक चौपाई है – जुग सहस्त्र योजन पर भानु. लिल्यौ ताहि मधुर फल जानु. स्थानीय लोगों के मुताबिक ये तालाब उस वक्त बना जब हनुमानजी ने सूरज को लाल रंग का फल समझकर उसे निगलने के लिये छलांग लगायी थी. पंजे की दिशा भी पूर्व की ओर है यानी कि जिस ओर से सूर्योदय होता है. इस बात ने लोगों के विशावास को और बल दिया है. ...लेकिन यहां के लोग तब सकते में आ गये जब कर्नाटक से आये महंत दंडास्वामी गोविंदानंद सरस्वती ने एक प्रेस कांफ्रेंस में ऐलान किया कि अंजनेरी तो हनुमानजी का जन्मस्थल है ही नहीं. हनुमानजी का जन्म कर्नाटक में हुआ था और असली किष्किंधा वहीं पर है. 


महंत गोविंदानंद के इस ऐलान के बाद से नासिक और त्रयंबेकेश्वर के संत-महंतों के बीच हडकंप मच गया है. उनका कहना है कि गोविंद दास का दावा गलत है. अंजनेरी गांव के निवासी नासिक-त्रयंबक रोड पर उतर आये और उन्होने कुछ देर के लिये रास्ता रोको आंदोलन किया. वेद-पुराणों के मुताबिक हनुमानजी का जन्म कहां हुआ इस पर शास्त्रार्थ करने के लिये मंगलवार को एक बैठक गोविंदानंद के साथ स्थानीय साधुसंतों की एक बैठक बुलायी गयी है.  


वैसे हनुमानजी के जन्मस्थल होने का दावा सिर्फ महाराष्ट्र और कर्नाटक में ही नहीं हो रहा. भारत भर में कुल 9 ठिकानें ऐसे हैं जहां दावा किया जा रहा है कि हनुमानजी का जन्म वहां हुआ. जहां जहां हनुमान जी के जन्मस्थल होने का दावा किया जा रहा है वे जगहें हैं - अंजनेरी- महाराष्ट्र,  किष्किंधा- कर्नाटक, गोकर्ण- कर्नाटक, तिरूपति पर्वत- आंध्र प्रदेश, गुमला- झारखंड, कैथल - हरियाणा, डांग - गुजरात, सुजानगढ़ - राजस्थान, देहरादून - उत्तराखंड.


हनुमानजी हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं. घर-घर में उनकी पूजा की जाती है. वे संकटमोचक और बिगड़े काम बनाने वाले माने जाते हैं. शायद इसी आस्था की वजह से हर कोई उन्हें अपनी जमीन से जोड़कर देखना चाहता है.


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