क्वांटम कंप्यूटिंग का बड़ा धमाका है माइक्रोसॉफ्ट का टोपोलॉजिकल कोर आर्किटेक्चर से संचालित 'मेजराना 1 क्वांटम चिप'

टेक्नोलॉजी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें नित नए बदलाव होते रहते हैं. लेकिन कुछ बदलाव ऐसे होते हैं, जो आने वाले कई दशकों या सदियों तक प्रभाव डाल सकते हैं. माइक्रोसॉफ्ट ने एक ऐसी खोज की है, जो भविष्य की कंप्यूटिंग को बदल कर रख देगी. माइक्रोसॉफ्ट ने मेजराना 1 चिप का अनावरण किया है, जो एक टोपोलॉजिकल कोर आर्किटेक्चर द्वारा संचालित पहला क्वांटम चिप है. ये बेहद महत्वपूर्ण खोज है, क्योंकि ये दुनिया कि बड़े पैमाने की समस्याओं को हल करने के लिए क्वांटम कंप्यूटरों का उपयोग का मार्ग प्रशस्त कर देगी. जिस कंप्यूटिंग ताकत को पाने में हमें कुछ दशक लग सकते थे, वह कुछ ही वर्षों में हमें सुलभ हो जाएगी.
मेजराना 1 चिप को समझिए
इस चिप के केंद्र में है टोपोकंडक्टर. ये एक नई प्रकार की सामग्री है, जिसे मेजराना कणों का अवलोकन और नियंत्रण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा करके ये अधिक स्थिर और स्केलेबल क्वबिट्स के निर्माण को सक्षम बनाता है, जो क्वांटम कंप्यूटिंग के आवश्यक निर्माण खंड हैं.
जैसे सेमीकंडक्टर ने आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स में क्रांति ला दी थी, वैसे ही टोपोकंडक्टर्स एक नई खोज है जो क्वांटम कंप्यूटिंग को हमेशा के लिए बदल कर रख देगी. माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि ये तकनीक एक मिलियन क्वबिट्स तक स्केलिंग करने में सक्षम क्वांटम सिस्टम के द्वार खोलती है, जो बेहद जटिल औद्योगिक और वैज्ञानिक चुनौतियों को कुछ ही मिनटों में हल कर सकती है.
अब आपकी हथेली में होंगे एक मिलियन क्वबिट्स
मेजराना 1 प्रोसेसर को विकसित करने के लिए उपयोग किए गए इस नए आर्किटेक्चर ने एक स्पष्ट पथ प्रदान किया है, ताकि एक मिलियन क्वबिट्स को एक सिंगल चिप पर फिट किया जा सके, जो एक की हथेली में फिट हो सके. यह क्वांटम कंप्यूटरों को परिवर्तनीय, वास्तविक दुनिया के समाधान प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम है - जैसे कि माइक्रोप्लास्टिक्स को हानिरहित उप-उत्पादों में तोड़ना, निर्माण या स्वास्थ्य देखभाल के लिए स्वयं-उपचार सामग्री का आविष्कार करना. दुनिया के सभी मौजूदा कंप्यूटर एक साथ मिलकर भी वह नहीं कर सकते जो एक मिलियन-क्वबिट क्वांटम कंप्यूटर कर सकेगा.
जानिये टोपोलॉजिकल क्वबिट्स के पीछे का विज्ञान
टोपोकंडक्टर, या टोपोलॉजिकल सुपरकंडक्टर, सामग्री की एक विशेष श्रेणी है जो एक पूरी तरह से नई अवस्था का निर्माण कर सकती है- न तो ठोस, न ही द्रव और न ही गैस, बल्कि एक टोपोलॉजिकल अवस्था. इसे एक अधिक स्थिर क्वबिट का उत्पादन करने के लिए उपयोग किया जाता है जो तेज़, छोटा और डिजिटल रूप से नियंत्रित किया जा सकता है.
इस ब्रेकथ्रू के लिए इंडियम आर्सेनाइड और एल्युमीनियम से बने एक पूरी तरह से नए सामग्री स्टैक का विकास करना आवश्यक था, जिनमें से अधिकांश को माइक्रोसॉफ्ट ने परमाणु दर परमाणु डिज़ाइन और निर्मित किया. उनका लक्ष्य मेजरानास नामक नए क्वांटम कणों को अस्तित्व में लाने और उनके अद्वितीय गुणों का लाभ उठाने का था ताकि क्वांटम कंप्यूटिंग के अगले क्षितिज तक पहुंचा जा सके.
यहां ये भी जानना जरूरी है कि मेजराना 1 को शक्ति प्रदान करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने दुनिया का पहला टोपोलॉजिकल कोर बनाया है, जिसका डिज़ाइन अत्यंत विश्वसनीय है. यह हार्डवेयर स्तर पर त्रुटि प्रतिरोध को शामिल करता है, जो इसे अधिक स्थिर बनाता है.
वाणिज्यिक रूप से महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के लिए भी मिलियन क्वबिट्स पर ट्रोलियन संचालन की आवश्यकता होगी, जो वर्तमान दृष्टिकोण के साथ प्रतिबंधात्मक होगा. जो प्रत्येक क्वबिट के फाइन-ट्यून एनालॉग नियंत्रण पर निर्भर करता है. माइक्रोसॉफ्ट टीम का नया मापन दृष्टिकोण क्वबिट्स को डिजिटल रूप से नियंत्रित करने में सक्षम बनाता है, जिससे क्वांटम कंप्यूटिंग कैसे काम करती है. इसे फिर से परिभाषित और व्यापक रूप से सरल बनाया जा रहा है. क्वांटम पावर कि सहायता से हम कई जटिल समस्याओं का समाधान ढूंढ सकते हैं.
क्वांटम यांत्रिकी का प्रयोग
भविष्य में हम रासायनिक प्रतिक्रियाओं से लेकर आणविक परस्पर क्रिया और एंजाइम ऊर्जा जैसी क्रियाओं का अविश्वसनीय सटीकता के साथ प्रकृति के व्यवहार को गणितीय रूप से मैप करने के लिए क्वांटम यांत्रिकी का उपयोग कर सकते हैं. मिलियन-क्वबिट मशीनों द्वारा रसायन विज्ञान, सामग्री विज्ञान और अन्य उद्योगों व्याप्त बेहद जटिल समस्याओं को हल किया जा सकेगा, जिन्हे आज के पारंपरिक कंप्यूटरों और सुपर कम्प्यूटरों द्वारा हल करना लगभग असंभव हैं.
उदाहरण के लिए, वे यह कठिन रसायन विज्ञान प्रश्न हल करने में मदद कर सकते हैं कि क्यों सामग्री को क्षरण या दरारें आती हैं. इससे ब्रिज या हवाई जहाज के हिस्सों में दरारें ठीक करने वाली स्वयं-उपचार सामग्री का आविष्कार हो सकता है.
प्रदूषण से लेकर खेती तक कारगर
आज हम ढेरों प्रकार के प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उनका निस्तारण करना बहुत बड़ी समस्या है. उन्हें तोड़ने के लिए एक उपयुक्त उत्प्रेरक ढूंढना वर्तमान में संभव नहीं है - खासकर माइक्रोप्लास्टिक्स की सफाई या कार्बन प्रदूषण से निपटने की प्रक्रिया में. क्वांटम कंप्यूटिंग ऐसे उत्प्रेरकों के गुणों की गणना कर सकती है ताकि प्रदूषकों को मूल्यवान उप-उत्पादों में तोड़ा जा सके या पहले स्थान पर गैर-विषैले विकल्पों का विकास किया जा सके.
एंजाइम, जी एक प्रकार का जैविक उत्प्रेरक होता है, उनका उपयोग स्वास्थ्य देखभाल और कृषि में अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है . क्वांटम कंप्यूटिंग द्वारा एंजाइम के व्यवहार के बारे में सही गणनाओं को किया जा सकता है. इससे दुनिया में खान पान के बेहतर उपाय किये जा सकते हैं. फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाना या कठोर जलवायु में खाद्य पदार्थों की स्थायी वृद्धि को बढ़ावा देने जैसे कार्य बेहद आसानी से किया जा सकता है.
आगे क्या होगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन यह तय है कि माइक्रोसॉफ्ट की इस खोज ने कंप्यूटिंग की दुनिया में अप्रत्याशित बदलाव का मार्ग प्रशस्त कर दिया है. मेजराना 1 ना सिर्फ कंप्यूटिंग को बदल कर रख देगा, यह भविष्य की जटिल समस्याओं को सुलझाने की शक्ति भी मानव को प्रदान करेगा.
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.]
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