Tokyo Olympic 2020: 41 बरस के लंबे इंतजार के बाद ओलंपिक में हमारी हॉकी टीम ने अगर कांस्य पदक न जीता होता, तो शायद कम ही लोग ये जान पाते कि इस मंज़िल तक पहुंचने में एक मुख्यमंत्री का भी ख़ामोशी भरा अमूल्य योगदान रहा है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सरकार ने पिछले तीन साल से भारत की पुरुष व महिला हॉकी टीम को स्पांसर किया हुआ है जो आगे दो साल तक और जारी रहेगा. लेकिन एक जमाने में दून स्कूल की हॉकी टीम के गोलकीपर रहे नवीन पटनायक की तारीफ इसलिये की जानी चाहिये कि उन्होंने पिछले तीन साल में इस स्पॉन्सरशिप का न तो कोई ढिंढोरा पीटा और न ही मीडिया में इसका श्रेय लेने की कोई तड़प दिखाई.


साल 2018 में जब 'सहारा' कंपनी ने हॉकी टीमों को स्पांसर करना बंद कर दिया,तो हॉकी इंडिया फेडरेशन के सामने संकट खड़ा हो गया.उसने केंद्र सरकार के आगे गुहार लगाई लेकिन अपनी आदत से मजबूर अफसरशाही ने अड़ंगा लगा दिया.ऐसे में,भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रह चुके और अब बीजू जनता दल के राज्यसभा सदस्य दिलीप टिर्की किसी देवदूत के रुप में उभरे.उन्होंने मुख्यमंत्री पटनायक को सुझाव दिया कि हॉकी के पुराने खिलाड़ी होने के नाते यह संकट खत्म करने के लिए अब आपकी सरकार को मदद करनी चाहिए.


एक गोलकीपर रह चुके मुख्यमंत्री के दिलोदिमाग में हॉकी के लिए वही पुराना जज़्बा जाग उठा और उन्होंने एक ही झटके में स्पॉन्सरशिप के लिए हां कर दी.तब 140 करोड़ रुपये में भारत की दोनों हॉकी टीम के लिए पांच साल का करार हुआ,जिसके बाद फिर से हॉकी इंडिया में नई जान आई.


कहना गलत नहीं होगा कि पिछले कुछ सालों में हॉकी के प्रति जितना लगाव व समर्पण ओडिशा में देखने को मिला है,उसने पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है.साल 2018 में ही ओडिशा ने पुरुष हॉकी के वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी और अब 2023 में वो फिर इसकी मेज़बानी करेगा.इसके लिए राज्य सरकार भुवनेश्वर व राउरकेला में 120 करोड़ रुपये की लागत से विश्व स्तरीय सुविधायुक्त स्टेडियम बना रही है.करीब 20 हज़ार दर्शकों के बैठने की क्षमता वाला यह देश का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम होगा.ओडिशा सरकार ने कहा है कि इस विशाल स्टेडियम का नाम स्थानीय आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के नाम पर रखा जाएगा.


कहते हैं कि ओडिशा में हॉकी सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि जीवन-शैली है,खासकर आदिवासी इलाकों में जहां बच्चे हॉकी की स्टिक पकड़कर ही चलना सीखते हैं. ओडिशा अकेला ऐसा प्रदेश है जिसकी 'कलिंगा लांसर्स' के नाम से अपनी पेशेवर हॉकी टीम है,जो 2017 में हॉकी इंडिया लीग की चैंपियन बनी थी.


पटनायक के हॉकी- प्रेम ने राज्य में कई स्पोर्ट्स होस्टल बनाये हैं जहां हजारों लड़के-लड़कियों को हॉकी का प्रशिक्षण मिल रहा है.करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से 20 हॉकी ट्रेनिंग सेंटर बनाये जा रहे हैं जहां नये खिलाड़ियों को एस्ट्रो टर्फ पर अभ्यास करने की सुविधा मिलेगी. टोक्यो के मैदान में कांस्य पदक जीतने के तुरंत बाद नवीन पटनायक ने वीडियो लिंक के जरिये टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और बाकी खिलाड़ियों से बात करते हुए उन्हें बधाई देने के साथ ही ये भरोसा भी दिलाया था कि मैं आपके साथ हूँ और हॉकी इंडिया के लिए आगे और भी बहुत कुछ करना अभी बाकी है. उन्होंने 17 अगस्त को भुवनेश्वर में हॉकी टीम के स्वागत के लिए भव्य आयोजन भी रखा है. 


हालांकि टोक्यो ओलिंपिक में इतिहास बनाने वाली हॉकी टीम के कैप्टन मनप्रीत सिंह ने इस ऐतिहासिक सफलता का श्रेय सीएम नवीन पटनायक को देने में कोई कंजूसी नहीं बरती.उन्होंने कहा कि पटनायक के विजन और हौसलाफजाई के बिना यह सपना सच नहीं हो पाता. उन्होंने इस पूरी यात्रा में हमें सपोर्ट किया.जब हर कोई क्रिकेट को सपोर्ट कर रहा था,तब उन्होंने हॉकी को चुना. पूरी टीम की तरफ से उनको शुक्रिया. 


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