बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस में गवाह उमेशपाल हत्याकांड पर उत्तर प्रदेश की पुलिस लगातार एक्शन में है. उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से पिछले 8 दिन में दूसरा एनकाउंटर किया गया है. सोमवार को विजय उर्फ उस्मान चौधरी को मार गिराया गया. इसके ऊपर यूपी पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम रखा था. उमेश पाल पर पहली गोली उस्मान चौधरी ने ही चलाई थी. यानी, उमेश पाल मर्डर के 11 दिन के भीतर एनकाउंटर में दो को ढेर किया जा चुका है.
साल 2017 में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री की कमान सौंपी गई. यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद आतंक के खात्मे का जिम्मा सीएम योगी आदित्यनाथ के ऊपर है. उसी क्रम में उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त किया जा रहा है और सुशासन का राज लागू हुआ है.
लेकिन, योगी सरकार पार्ट-2 में बीएसपी विधायक राजूपाल की हत्या का गवाह, जिसे पुलिस की सुरक्षा के घेरे में रहते हुए मौत के घाट उतार दिया गया, ये बीजेपी और योगी आदित्यनाथ के लिए बड़ी चुनौती थी. इस पर यूपी सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी लेते हुए, ऐसे माफिया के जो सदस्य घूम रहे हैं, वे लोग मुठभेड़ में यूपी पुलिस की तरफ से एकाउंटर में मारे जा रहे हैं. ऐसे में निश्चित तौर से यूपी में माफियाओं का सफाया होना तय है.
माफियाओं का सफाया होना तय
पुलिस की ये बड़ी कामयाबी है. गवाह उमेशपाल के हत्यारों को और जिन्होंने पुलिस के जवानों को मौत के घाट उतारा, वे पुलिस के हत्थे चढ़ रहे हैं. यूपी सरकार के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के सवाल के जवाब में बिल्कुल साफ किया था कि जिस तरीके से डॉन ने गवाह उमेश पाल को मिट्टी में मिलाया है, ऐसे हत्यारों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा. उनकी वाणी से निकले वचन के बाद यूपी पुलिस एक के बाद एक ऐसे लोगों को मिट्टी में मिला रही है.
उमेशपाल का हत्या आखिरी हत्या होगी
यूपी में जेल के अंदर से इस घटना को अंजाम दिया गया हो या फिर बाहर से, इन सभी को मिट्टी में मिलना पड़ेगा. उत्तर प्रदेश में जंगलराज का खात्मा इसी उमेशपाल हत्याकांड से जुड़ा हुआ है और निश्चित रुप से ऐसा अंजाम इन अपराधियों को दिया जाएगा कि उमेशपाल की हत्या आखिरी हत्या होगी. यूपी पुलिस जिस तरीके से सक्रिय होकर ताबड़तोड़ हमले कर रही है, निश्चित रुप से यूपी में अपराधियों के हौसले पस्त होंगे. यूपी में जो बचे-खुचे अपराधी हैं, वे स्वयं ही जेल के अंदर होंगे.
आज देख रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में किसी तरह की लूट नहीं है. लोगों के मन में अपराधियों और माफियाओं का खौफ नहीं है. ये तो सिर्फ गैंगवार से जुड़े हमले हैं, जिसका मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकार में जिस प्रकार से इन माफियाओं का पालन-पोषण किया गया था. इनका सफाया भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर रही है.
ये आप देख रहे होंगे किस पार्टी में ये माफिया डॉन नेता रहे. ऐसे में अगर इस एनकाउंटर पर कोई नेता सवाल उठा रहा है तो इसका जवाब ये है कि पुलिस अपनी जान की रक्षा के लिए गोली चला रही है. अगर बदमाश अटैक कर रहे हैं, वो सरेंडर नहीं कर रहे हैं, तो पुलिस कार्रवाई कर रही है. या तो वैसे लोग खुद जेल के अंदर चले जाएं, ये ज्यादा सही होगा. अगर पुलिस पर अटैक होगा तो वे अपनी जान बचाने के लिए वार तो करेगी.
विधायकों की तरफ से गाड़ी पलटने वाली बात कयास लगाने वाली बात है. ऐसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए. अपराधी या तो जेल के अंदर चले जाएं या अपने आप पुलिस के हवाले कर दें, नहीं तो अगर मुठभेड़ होगी तो उसमें तो कुछ भी हो सकता है.
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये आर्टिकल सुनील भराला से बातचीत पर आधारित है.]