एक्सप्लोरर

Opinion: यूसीसी के बहाने 2024 चुनाव में हिन्दू-मुसलमान करने की कोशिश, सत्ता में आने के लिए ये है दुष्प्रयास

भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कहा कि एक देश में दोहरी व्यवस्था कैसे चल सकती है. सबसे बड़ी बात ये है कि देश की गरीबी, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था, घटता निर्यात, बढ़ते आयात और देश के अंदर नौकरी के लिए कराहते युवाओं की चर्चा इस देश के अंदर नहीं हो रही है. वे संकीर्ण धार्मिक भावनाओं के बहते ज्वार पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं. इसलिए, अनावश्यक रुप से यूसीसी पर बहस कर रहे हैं.

भारत के संविधान में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर तो सिर्फ डेढ़ लाइनें लिखी गई हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की साफ समझ है कि अनावश्यक रुप से 2024 चुनाव के पहले इस पर चर्चा करके समाज में ध्रुवीकरण कर, उसे हिन्दू-मुसलमान में बांटकर एक बार फिर से वोट लेने और सत्ता में आने के लिए ये दुष्प्रयास है. मैं पूछता हूं कि लॉ कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में खुलेतौर पर ये कहा था कि भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड की जरूरत नहीं है. फिर अकस्मात उसको उछालने की जरूरत क्यों पड़ी?

सरकार की मंशा पर सवाल

यूनिफॉर्म सिविल कोड लाकर आखिर हिन्दू-मुसलमान बनाने की क्या जरूरत है. अगर आप यूसीसी लागू करेंगे तो करीब साढ़े छह सौ कबीलों पर ये लागू होगी. आदिवासियों पर लागू होगी. हिन्दू बहनों पर लागू होगी. हमारी गोद लेने की प्रथा अलग है. हमारी उत्तराधिकार की प्रथा अलग है. संयुक्त परिवार की अलग सोच है. हमारे यहां पर अलग तरह की धाराएं हैं, उन धाराओं को आप क्या करेंगे?

मुसलमान और ईसाई धर्म में गोद लेने की परंपरा नहीं है. वहां गार्जियनशिप की परंपरा है और उनके अपने पर्सनल लॉ है. हमारे एक ही धर्म के अंदर बहुत से पर्सनल निजी लॉ है. जैन समुदाय और बौद्ध धर्म के लोगों के अलग हैं. आप एक डंडे से सबको हांकना चाहते हैं. सुनने में बड़ा अच्छा लगता है, एक देश एक कानून. लेकिन ये विविधता का देश है. इस देश में बहुत से धर्म हैं और उनके अंदर भी विभिन्न धाराएं हैं. हम आस्तिक होकर भी हिन्दू हैं और नास्तिक होकर भी हिन्दू हैं. हम किसी भगवान की पूजा नहीं करते और अगर सूर्य भगवान को सुबह जल चढ़ाते हैं, फिर भी हम हिन्दू हैं. बड़ी परंपराओं से लगा हुआ देश हैं.

इस देश के अंदर बहुत से इलाकों में विवाहित मुस्लिम महिलाएं सिन्दुर लगाती हैं. पर्सनल लॉ में इसका जिक्र है भी या नहीं, ये मुझे नहीं मालूम. मेरा ये मानना है कि इसमें किसी तरह की कोई छोड़खानी की आवश्यकता नहीं है. वोटों के लिए इस समाज को नहीं बांटा जाना चाहिए. धरती बांट दिया, गगन बांट दिया, अब इंसान को नहीं बांटिए. इस पर समझने की कोशिश करिए. इसके साथ ही, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से भी कहना चाहता हूं कि ज्यादा चीखने-चिल्लाने की जरूरत नहीं है. हम अपने देश के ही अंदर तमाम लोगों से ये कहना चाहते हैं. 

न सूत न कपास, बुनकरों में लट्ठम लट्ठा

सबसे पहले ये जानना चाहेंगे कि आखिर सरकार का क्या प्रस्ताव है और लॉ कमीशन का क्या प्रस्ताव है? क्या सरकार ने इस बारे में कोई दस्तावेज रखा है क्या? लेकिन, सारे बीजेपी के लोग पहले हिन्दू-मुसलमान कर रहे हैं. फिर श्मशान और कब्रिस्तान और फिर शाहरुख खान और पठान. और अब यूसीसी. क्या यूसीसी राज्यों का विषय वस्तु है? असम और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं? आप यूसीसी बना देंगे और राज्य पारित कर देगा, राज्यों के अंदर? ये देश है और संघीय ढांचा भी कोई चीज होती है.

फेडरल व्यवस्था से देश चलता है, जिसका अपना संविधान है. हमारी अनेकता में एकता है. हमारे देश के संविधान निर्माताओं ने बहुत सोचकर संविधान को तैयार किया है. इसलिए, कॉमन सिविल कोड पर सिर्फ डेढ़ लाइन लिखी गई है. 

अगर सही मायने में सरकार चर्चा करना ही चाहती है कि दूसरे मुद्दे पर राजनीतिक दलों के साथ बातचीत होनी चाहिए. 2024 चुनाव से पहले इसे लाने का सिर्फ एक ही मकसद है कि किसी तरह से लोकसभा का चुनाव जीता जा सके. हिन्दू-मुसलमान का कार्ड खत्म हो गया. अब एक देश एक संविधान सुनने में बड़ा अच्छा लगता है. पार्लियामेंट में अगर इस तरह के बिेल लाए जाएंगे तो देश की जनता इसे फाड़कर फेंक देगी. स्वीकार नहीं करेगी. हरेक की अपनी परंपराएं हैं, उनके अपना रास्ते हैं. 

आप कौन सा देश बनाना चाहते हैं?
बहुत से इलाके में भाई की कलाई पर रक्षाबंधन के मौके पर बहन राखी बांधती है. भाई-भाई बांधता है, एक दूसरे को. ये परंपराओं का देश है. आप इसे डंडे से नहीं हांक सकते हैं.  यूरोप के लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं एक दूसरे के गाल से गाल मिलाते हैं. हमारे यहां पर सीने से सीना मिलाते है. हिन्दू मुसलमान मिलाते हैं. तो क्या करें अलग कर दें कि हिन्दू-हिन्दू मिलाएंगे और मुसलमान-मुसलमान मिलाएंगे? अगर यूसीसी का यही मतलब है तो उसे फाड़कर टुकड़े-टुकड़े कर देना चाहिए, जो हमारे बीच में, भाई-भाई में विभेद पैदा करता हो, जो भाई-भाई में खाई पैदा करता हो, जो हमारी संस्कृति को जलाकर खाक कर देता हो. 

धर्म की भावनाओं पर, लहरों पर कुछ देर तक राजनीतिक रोटी सेंकी जा सकती है. लेकिन जब धर्म की लहरों के ऊपर उसे संकीर्णता का रूप दिया जाता है तो वो सम्प्रदायवादी दृष्टिकोण हो जाता है. लेकिन, आज धर्म की लहरों को अगर संकीर्ण बताओगे तो क्या होगा? सवाल उठता है कि आप कौन सा देश बनाना चाहते हैं? अखंड भारत या हस्तिनापुर? हम हस्तिनापुर नहीं चाहते हैं. अतुल कुमार अंजान महाभारत के हस्तिनापुर के समर्थक नहीं है. आपका राष्ट्रवाद संकुचित राष्ट्रवाद है. वोट का राष्ट्रवाद है. हमारा राष्ट्रवाद किंकर्तव्यता को जोड़ता है और व्यापक तरीके से सीमाओं के अंदर रहने वाले हर जाति-धर्म, हर मान्यता और परंपराओं को एक साथ जोड़कर मां भारती के कदमों पर रखता है.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'सोनिया ने मौत का सौदागर कहा, राहुल ने PM को डंडे से पीटने की बात की', नड्डा का खरगे को खुला पत्र
'सोनिया ने मौत का सौदागर कहा, राहुल ने PM को डंडे से पीटने की बात की', नड्डा का खरगे को खुला पत्र
बिहार में NIA का बड़ा एक्शन, JDU विधान परिषद की पूर्व सदस्य मनोरमा देवी के आवास पर छापे
बिहार में NIA का बड़ा एक्शन, JDU विधान परिषद की पूर्व सदस्य मनोरमा देवी के आवास पर छापे
Salman Khan Airport: हैवी सिक्योरिटी के साथ एयरपोर्ट पर स्पॉट हुए सलमान खान, दिखा स्टाइलिश अवतार
हैवी सिक्योरिटी के साथ एयरपोर्ट पर स्पॉट हुए सलमान खान, दिखा स्टाइलिश अवतार
119 साल पहले किया डेब्यू, 29 साल खेला क्रिकेट और जड़ दिए 199 शतक; इस दिग्गज के आस-पास भी नहीं सचिन-विराट
119 साल पहले किया डेब्यू, 29 साल खेला क्रिकेट और जड़ दिए 199 शतक
ABP Premium

वीडियोज

ABP News: दिल्ली टू मुंबई...गणपति की शानदार विदाईArvind Kejriwal News: सीएम पद छोड़ने के बाद केजरीवाल के लिए बंद हो जाएंगी ये सुविधाएं! | ABP NewsBharat Ki Baat Full Episode: 10 साल का सूखा खत्म हो पाएगा...7 वादों से चुनाव पलट जाएगा? | ABP NewsSandeep Chaudhary: One Nation One Election को लेकर क्या बोले विशेषज्ञ ? | ABP News | NDA | Congress

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'सोनिया ने मौत का सौदागर कहा, राहुल ने PM को डंडे से पीटने की बात की', नड्डा का खरगे को खुला पत्र
'सोनिया ने मौत का सौदागर कहा, राहुल ने PM को डंडे से पीटने की बात की', नड्डा का खरगे को खुला पत्र
बिहार में NIA का बड़ा एक्शन, JDU विधान परिषद की पूर्व सदस्य मनोरमा देवी के आवास पर छापे
बिहार में NIA का बड़ा एक्शन, JDU विधान परिषद की पूर्व सदस्य मनोरमा देवी के आवास पर छापे
Salman Khan Airport: हैवी सिक्योरिटी के साथ एयरपोर्ट पर स्पॉट हुए सलमान खान, दिखा स्टाइलिश अवतार
हैवी सिक्योरिटी के साथ एयरपोर्ट पर स्पॉट हुए सलमान खान, दिखा स्टाइलिश अवतार
119 साल पहले किया डेब्यू, 29 साल खेला क्रिकेट और जड़ दिए 199 शतक; इस दिग्गज के आस-पास भी नहीं सचिन-विराट
119 साल पहले किया डेब्यू, 29 साल खेला क्रिकेट और जड़ दिए 199 शतक
Video: जब मौत से हुआ सीधा सामना, गलती से भालू की मांद में घुस गया शख्स, देखें दिल दहला देने वाला वीडियो
जब मौत से हुआ सीधा सामना, गलती से भालू की मांद में घुस गया शख्स, देखें दिल दहला देने वाला वीडियो
इंजीनियर को हिंदी में क्या कहते हैं? जान लीजिए जवाब
इंजीनियर को हिंदी में क्या कहते हैं? जान लीजिए जवाब
UPSC ESE 2025: यूपीएससी इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम के लिए शुरू हुए आवेदन, इस डेट पर होगी परीक्षा
यूपीएससी इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम 2025 के लिए शुरू हुए आवेदन, इस डेट पर होगी परीक्षा
Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में दूसरे दिन का श्राद्ध कल? इस दिन किन लोगों का करते हैं तर्पण और पिंडदान
पितृ पक्ष में दूसरे दिन का श्राद्ध कल? इस दिन किन लोगों का करते हैं तर्पण और पिंडदान
Embed widget