एक्सप्लोरर

UP Election 2022: इस्तीफों की झड़ी के बीच 'हठ योग' की किस ताकत को दिखाएंगे योगी आदित्यनाथ?

इधर यूपी के चुनावी मौसम में इस्तीफों की बारिश हो रही है,तो उधर मीलों दूर बैठे पीर मछेन्दर नाथ के कुछ शिष्य ऐसे भी हैं,जिन्हें राजनीति से तो कोई वास्ता नही रहता लेकिन अब उन्हें लगता है कि कहीं है ये पीर मछेन्दर नाथ के शिष्य गोरखनाथ और फिर उनके भी शिष्य महंत अवैद्यनाथ के चेले योगी आदित्यनाथ को निपटाने की कोई सुनियोजित साजिश तो नहीं है,जो पर्दे के पीछे से चल रही है.आज मकर संक्रांति के मौके पर स्वामी प्रसाद मौर्य क्या धमाका करने वाले हैं,ये तो हम सबको पता चल ही  जायेगा. लेकिन कल लोहड़ी का त्योहार था,जो सिख-पंजाबी समुदाय के लिए इसलिये भी अहम होता है कि वासना की जलती हुई किसी जुल्मी राजा की आग से एक मजलूम व असहाय पिता की बेटी की रक्षा कैसे की जाती है.हर साल इस खास दिन पर अलाव जलाकर उस दुल्ला-भट्टी को याद करते हुए भांगड़ा किया जाता है,जिसने एक सुंदरी को बचाने के लिए गंजीबार के राजा की सेना को करारी शिकस्त देकर निस्वार्थ मानव-सेवा के लिये इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया.

वैसे तो योगी आदित्यनाथ जिस नाथ संप्रदाय की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं,उसे मानने वालों का राजनीति से न कोई वास्ता होता है और न ही उस पर वे भरोसा करते हैं.चूंकि गुरु गोरखनाथ की गद्दी संभालने वाले महंत अवैद्यनाथ को राम मंदिर निर्माण आंदोलन के जरिये जब बीजेपी ने पहली बार सियासी मैदान में उतारा,तो नाथ संप्रदाय के शिष्यों को भी लगा कि धर्म की ध्वजा फहराने के लिए राजनीति का साथ लेना भी शायद वक़्त का तकाज़ा है. गोरखपुर की जनता ने भी वो फ़र्ज़ निभाते हुए उन्हें लोकसभा भेजने में कोई कंजूसी नहीं बरती. लेकिन अपने जीवनकाल में ही उन्होंने योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया और वे 1998 से लेकर 2014 तक लगातार पांच बार उसी गोरखपुर से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होते रहे.

"चूंकि पांच साल तक योगी ने हिंदुत्व को जिंदा रखते हुए यूपी को जितनी सफलता से आगे बढ़ाया है,उससे वे सिर्फ विरोधियों के नहीं बल्कि अपनी ही पार्टी के कुछ खास नेताओं के आंखों की किरकिरी बन चुके हैं लेकिन शायद वे नेता 'हठयोग' के बारे में नहीं जानते."

जी हां, ये सब हम नहीं कह रहे हैं.योगी आदित्यनाथ के गुरुओं के भी गुरु यानी पीर मछेन्दर नाथ की समाधि की सेवा -संभाल करने और हर साल मकर संक्रांति पर पूरी भव्यता के साथ उनका उत्सव मनाने वाले बाबा बम-बम नाथ के ये वचन हैं.उनका कहना है कि " बीजेपी में बगावत हो नहीं रही बल्कि करवाई जा रही है." उनसे किये सवालों के जवाब का वर्णन आगे करेंगे.

फिलहाल ये जानना जरूरी है कि इतिहास के मुताबिक भारतवर्ष में आज से 2078 वर्ष पहले विक्रम संवक्त की शुरुआत करने वाले उज्जयिनी के राजा विक्रमादित्य के समयकाल में ही गुरु गोरखनाथ का अवतरण हुआ था.यानी उनके गुरु मछेन्दर नाथ उससे पहले ही भारतवर्ष की धरती पर प्रकट हो चुके थे जिन्हें संसार में आज भी 'हठयोग ' का महाज्ञानी माना जाता है.विक्रमादित्य के छोटे भाई भर्तृहरि भी धार के राजा थे लेकिन गुरु गोरखनाथ की शरण में आकर उन्होंने अपना सारा राजपाट छोड़ दिया और वैराग्य का रास्ता अपना लिया.उन्होंने सालोंसाल एक गुफ़ा में रहकर घनघोर तपस्या करते हुए प्रकृति के उस रहस्य को समझने की कोशिश कि जो अदृश्य है,अनाम है,अबूझ है और साधारण इंसान की पकड़ से बाहर है.

मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर (जिसका प्राचीन नाम उज्जयिनी भी है) में जहां उनकी तपोस्थली है,वह भर्तृहरि गुफा आज भी वहां मौजूद है.उसके ठीक निकट ही पीर मछेन्दर नाथ की समाधि है,जहाँ कितने दशकों से एक मलंग नाथ उनकी सेवा में जुटा हुआ है,इसका सही अंदाज तो वहां के लोगों को भी नहीं है.नाथ संप्रदाय में सृष्टि के संहारक शिव को सर्वोच्च माना गया है और कहते हैं कि मछेन्दर नाथ भी उन्हीं के अवतार थे.शायद इसलिए उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन सुबह चार बजे होने वाली भस्मारती में श्मशान की भस्म ले जाने का सिलसिला भी यही बम बम नाथ न जाने कितने वर्षों से निभा रहे हैं.

चूंकि आज मकर संक्रांति है,जब वे गोरखनाथ के गुरु मछेन्दर नाथ की याद में भव्य उत्सव का आयोजन करते हैं,लिहाज़ा कल रात जब फ़ोन पर उनसे इस बारे में चर्चा हुई तो उन्होंने अपने आयोजन से ज्यादा यूपी में मचे सियासी बवाल पर जो कुछ कहा,वह हैरान करने के साथ ही उन सबके लिए थोड़ा परेशान करने वाला भी है,जो राजनीति को गहराई से समझने के ठेकेदार होने का दावा करते हैं.जब जिक्र छिड़ ही गया,तो फिर उनसे कई सवाल हुए जिनके जवाब भी मिले.

लेकिन मोटे तौर पर उनका लब्बोलुबाब यही है कि पिछले तीन दिन से यूपी में जो कुछ हो रहा है,उससे   नाथ संप्रदाय बेहद आक्रोश में है और उसे लगता है कि ये सब अनायास नहीं हो रहा,बल्कि करवाया जा रहा है.कौन करवा रहा है,इसे लेकर वे किसी नेता का नाम फिलहाल लेने को तैयार नहीं हैं लेकिन उनका दावा है कि ये सब पार्टी के भीतर से ही हो रहा है.नाथ सम्प्रदाय के योगियों का एक तर्क ये भी है कि अगर हम आप मीडिया वालों की बात ही सही मानें, तो योगी आदित्यनाथ सरकार की नीतियों से तो ब्राह्मण ज्यादा नाराज थे,फिर ये अचानक ऐसा क्या हुआ कि ब्राह्मण नेताओं की बजाय पिछड़ों व दलित नेताओं के इस्तीफे की झड़ी लग गई और सबका अगला ठिकाना एक ही जगह पर है.इनमें से कोई भी मायावती या कांग्रेस में नहीं जा रहा है.बाबा बम बम नाथ सवालिया लहज़े में कहते हैं-"आपको क्या लगता है कि योगी आदित्यनाथ इतने नासमझ हैं कि जो खेल हम समझ रहे हैं,वे उन्हें नहीं समझ आ रहा.हठयोग के बारे में आपने अभी तक सिर्फ सुना ही होगा,देखा नहीं होगा.उसकी ताकत 10 मार्च को देखने को मिल जायेगी." मेरे पास ये कहने के सिवा और कोई जवाब नहीं था-जी,हम भी उस तारीख का ही इंतज़ार करेंगे.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
Mon Apr 07, 6:49 am
नई दिल्ली
37°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 26%   हवा: N 0 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सफेद टीशर्ट पहने बिहार की सड़कों पर राहुल गांधी, साथ में हजारों की भीड़, देखें पलायन रोको यात्रा की तस्वीरें
सफेद टीशर्ट पहने बिहार की सड़कों पर राहुल गांधी, साथ में हजारों की भीड़, देखें पलायन रोको यात्रा की तस्वीरें
वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की अर्जी लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सिब्बल तो बोले CJI- आपको जरूरत नहीं थी...
वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की अर्जी लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सिब्बल तो बोले CJI- आपको जरूरत नहीं थी...
मनोज कुमार की प्रेयर मीट में Jaya Bachchan ने एक महिला पर उतारा गुस्सा, यूजर्स बोले- इससे अच्छी और दयालु तो रेखा हैं
मनोज कुमार की प्रेयर मीट में जया बच्चन ने एक महिला पर उतारा गुस्सा, यूजर्स बोले- इससे अच्छी और दयालु तो रेखा हैं
टैरिफ को लेकर अब 'व्हाइट हाउस के अंदर' ही मतभेद, ट्रंप के दो सबसे करीबी आपस में भिड़े, अब क्या करेंगे US के राष्ट्रपति
टैरिफ को लेकर अब 'व्हाइट हाउस के अंदर' ही मतभेद, ट्रंप के दो सबसे करीबी आपस में भिड़े, अब क्या करेंगे US के राष्ट्रपति
ABP Premium

वीडियोज

Bihar Politics: बेगूसराय पदयात्रा पर निकले Rahul तो बिहार की जनता ने क्या दिया जवाब?Breaking News: Maharashtra के पालघर में रामनवमी के मौके पर तनाव | ABP NewsRamnavami: BJP accused of stone pelting during procession in Kolkata, what did police say?Bihar Politics: बिहार के दरभंगा में शोभायात्रा को लेकर जमकर हंगामा

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सफेद टीशर्ट पहने बिहार की सड़कों पर राहुल गांधी, साथ में हजारों की भीड़, देखें पलायन रोको यात्रा की तस्वीरें
सफेद टीशर्ट पहने बिहार की सड़कों पर राहुल गांधी, साथ में हजारों की भीड़, देखें पलायन रोको यात्रा की तस्वीरें
वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की अर्जी लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सिब्बल तो बोले CJI- आपको जरूरत नहीं थी...
वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की अर्जी लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सिब्बल तो बोले CJI- आपको जरूरत नहीं थी...
मनोज कुमार की प्रेयर मीट में Jaya Bachchan ने एक महिला पर उतारा गुस्सा, यूजर्स बोले- इससे अच्छी और दयालु तो रेखा हैं
मनोज कुमार की प्रेयर मीट में जया बच्चन ने एक महिला पर उतारा गुस्सा, यूजर्स बोले- इससे अच्छी और दयालु तो रेखा हैं
टैरिफ को लेकर अब 'व्हाइट हाउस के अंदर' ही मतभेद, ट्रंप के दो सबसे करीबी आपस में भिड़े, अब क्या करेंगे US के राष्ट्रपति
टैरिफ को लेकर अब 'व्हाइट हाउस के अंदर' ही मतभेद, ट्रंप के दो सबसे करीबी आपस में भिड़े, अब क्या करेंगे US के राष्ट्रपति
सर्वे में हुआ खुलासा! तीन साल में स्कूल फीस में 50-80% तक की छलांग, अभिभावकों की जेब पर भारी बोझ
सर्वे में हुआ खुलासा! तीन साल में स्कूल फीस में 50-80% तक की छलांग, अभिभावकों की जेब पर भारी बोझ
पैर दे रहे हैं बड़ी बीमारी का अलार्म! इन 6 संकेतों को न करें नजरअंदाज
पैर दे रहे हैं बड़ी बीमारी का अलार्म! इन 6 संकेतों को न करें नजरअंदाज
World Health Day 2025: ये है भारत सरकार की बेस्ट हेल्थ केयर योजना, फायदे गिनते गिनते थक जाएंगे आप
ये है भारत सरकार की बेस्ट हेल्थ केयर योजना, फायदे गिनते गिनते थक जाएंगे आप
Kamada Ekadashi 2025: कामदा एकादशी बन रहे कई शुभ योग, श्रीहरि की पूजा में जरूर पढ़ें ये कथा, व्रत होगा सफल
कामदा एकादशी बन रहे कई शुभ योग, श्रीहरि की पूजा में जरूर पढ़ें ये कथा, व्रत होगा सफल
Embed widget