एक्सप्लोरर

मुलायम के चले जाने से समाजवादी आंदोलन के एक युग का अंत हो गया !

सैफई के अखाड़े से निकलकर कुश्ती के चर्खा दाव को पहले यूपी और फिर देश की सियासत में अपनाते हुए अपनी अलग पहचान बनाने वाले मुलायम सिंह के चले जाने से राजनीति में समाजवादी आंदोलन के एक युग का भी अंत हो गया. मुलायम की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी लेकिन 55 साल पहले महज़ 28 बरस की उम्र में विधायक बनने वाले "नेताजी" राजनीति के बेहद उलझे दांव-पेंचों को सुलझाने में भी इतने माहिर थे कि उन्होंने सरकारें गिराई भी और बनवाईं भी. 

समाजवादी आंदोलन के प्रणेता डॉ.  राम मनोहर लोहिया को ताउम्र अपना आदर्श मानने वाले मुलायम ने 5 दिसंबर,  1989 को जब पहली बार  मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब उन्होंने रुंधे हुए गले से कहा था, "लोहिया का गरीब के बेटे को मुख्यमंत्री बनाने का पुराना सपना आज साकार हो गया है."

अपने पैतृक गांव सैफई के अखाड़े में कुश्ती लड़ने वाले मुलायम सिंह की राजनीतिक प्रतिभा को सबसे पहले पहचाना था, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के एक नेता नाथू सिंह ने, जिन्होंने 1967 के चुनाव में जसवंतनगर विधानसभा सीट का उन्हें टिकट दिलवाया था. उस समय मुलायम की उम्र सिर्फ़ 28 साल थी और वो प्रदेश के इतिहास में सबसे कम उम्र के विधायक बने थे. उन्होंने विधायक बनने के बाद अपनी एमए की पढ़ाई पूरी की थी. 

बाद में, 1977 में जब यूपी में जनता पार्टी की सरकार बनी, तो मुलायम सिंह को सहकारिता मंत्री बनाया गया. उस समय उनकी उम्र सिर्फ़ 38 साल थी. लेकिन महज 12 साल के भीतर ही अपने दमखम पर वे बाकी नेताओं को मात देते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने में कामयाब हुए.

मुख्यमंत्री बनते ही मुलायम सिंह ने उत्तर प्रदेश में तेज़ी से उभर रही बीजेपी का मजबूती से सामना करने का फ़ैसला किया. ये वो दौर था, जब राम मंदिर का आंदोलन अपने उफ़ान पर आने की तैयारी में था. इसीलिये कहते हैं कि नब्बे के दशक की राजनीति में परिवर्तन लाने का बड़ा श्रेय भी मुलायम को ही जाता है. 

पिछड़ों के साथ ही अल्पसंख्यकों की जमकर वकालत करने वाले मुलायम उस ज़माने में अक्सर एक वाक्य कहा करते थे - "बाबरी मस्जिद पर एक परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा". इस एक वाक्य ने ही उन्हें मुसलमानों के इतना क़रीब ला दिया कि उन्हीं के सहारे बाद में, भी वे दो बार यूपी के सीएम बने और इसी M Y (मुस्लिम-यादव) के गठजोड़ ने 2012 में उनके बेटे अखिलेश यादव की भी ताजपोशी करवाई.

गौरतलब है कि जब दो नवंबर,  1990 को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद की तरफ़ बढ़ने की कोशिश की,  तो उन पर पहले लाठीचार्ज फिर गोलियाँ चली, जिसमें एक दर्जन से अधिक कार सेवक मारे गए.  इस घटना के बाद से ही बीजेपी के समर्थक मुलायम सिंह यादव को 'मौलाना मुलायम' कह कर पुकारने लगे थे. 

चार अक्तूबर, 1992 को उन्होंने समाजवादी पार्टी की स्थापना की. उन्हें लगा कि वो अकेले भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते हुए ग्राफ़ को नहीं रोक पाएंगे. इसलिए उन्होंने कांशीराम की बहुजन समाज पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन किया. साल 1993 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 260 में से 109 और बहुजन समाज पार्टी को 163 में से 67 सीटें मिलीं थीं और तब मुलायम सिंह ने कांग्रेस और बीएसपी के समर्थन से राज्य में दूसरी बार सरकार बनाई थी. साल 2003 में मुलायम तीसरी बार यूपी के सीएम बने थे. 

कहते हैं कि राजनीति में सफल होने के बावजूद प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचना, किस्मत की लकीरों का खेल होता है. मुलायम भी इस खेल में मात खा गए और पीएम बनते-बनते रह गए. साल 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली 13 दिन की सरकार गिरने के बाद जब यूनाइटेड फ्रंट की सरकार बनी, तो दिग्गज वामपंथी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत ने पीएम के लिए मुलायम सिंह यादव के नाम की पैरवी की.  

हालांकि लालू प्रसाद यादव और शरद यादव के विरोध के चलते उनकी पीएम बनने की तमन्ना पूरी नहीं हो सकी.  बाद में एचडी देवगौड़ा और आईके गुजराल पीएम बने और उस सरकार में मुलायम सिंह यादव रक्षा मंत्री रहे.  हालांकि पीएम नहीं बनने की टीस हमेशा उनके मन में रही. 

समाजवादी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बाद मुलायम ही ऐसे नेता थे, जो अन्य विपक्षी नेताओं के साथ ही सत्ता पक्ष के नेताओं से भी तालमेल बनाए रखने की कला में पारंगत थे. इसकी ताजी मिसाल है कि पीएम मोदी के साथ अंत तक उनकी बेहतर केमिस्ट्री बनी रही. 

मुलायम सिंह यादव और पीएम मोदी जब भी मिलते थे,  तो पूरी गर्मजोशी के साथ एक-दूसरे की हौसला अफजाई करते थे.  मोदी वो पल कभी नहीं भूलते, जब 2019 के लोकसभा के आखिरी सत्र में मुलायम सिंह ने उन्हें फिर से प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया था. 

चुनावी दौरे पर गुजरात गए पीएम मोदी को जब मुलायम के निधन की ख़बर मिली, तो उन्होंने चुनावी रैली के मंच से ही उन रिश्तों को खुले दिल से याद करते हुए यूपी के इस धरतीपुत्र को अपनी श्रद्धांजलि देने में कोई कंजूसी नहीं बरती. 

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सुप्रीम कोर्ट ने मैनुअल तरीके से सीवर सफाई पर लगाई रोक, दिल्ली समेत इन 6 महानगरों में लागू होगा आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने मैनुअल तरीके से सीवर सफाई पर लगाई रोक, दिल्ली समेत इन 6 महानगरों में लागू होगा आदेश
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल कल से शुरू, शशि थरूर और हुमा कुरैशी होंगे शामिल, क्या है इस बार टिकट के दाम?
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल कल से शुरू, शशि थरूर और हुमा कुरैशी होंगे शामिल, जानें टिकट के दाम?
Watch: 'फ्रेंडशिप कहां है, इसमें तो...', सौरव गांगुली के बयान पर शोएब अख्तर का मजेदार रिप्लाई
'फ्रेंडशिप कहां है, इसमें तो...', सौरव गांगुली के बयान पर शोएब अख्तर का मजेदार रिप्लाई
पीली धोती, गले में रुद्राक्ष की माला... मिलिंद सोमन ने पत्नी संग लगाई आस्था की डुबकी, महाकुंभ से सामने आईं तस्वीरें
मिलिंद सोमन ने पत्नी संग लगाई आस्था की डुबकी, महाकुंभ से सामने आईं तस्वीरें
ABP Premium

वीडियोज

Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में जब बिछड़ गए अपने, छूट गया साथ | ABP News | Breaking News | Prayagraj24 Ghante 24 Reporter Full Episode: दिनभर की बड़ी खबरें | Mahakumbh Stampede | Delhi Election 2025Mahakumbh Stampede : संगम की आधी रात का पूरा सच,  'अमृत' की आस में थमी कई लोगों की सांसMahakumbh Stampede : महाकुंभ में मिडनाइट भगदड़ की रिपोर्ट, आस्था वाले मेले में अनुशासन कैसे टूटा?

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सुप्रीम कोर्ट ने मैनुअल तरीके से सीवर सफाई पर लगाई रोक, दिल्ली समेत इन 6 महानगरों में लागू होगा आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने मैनुअल तरीके से सीवर सफाई पर लगाई रोक, दिल्ली समेत इन 6 महानगरों में लागू होगा आदेश
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल कल से शुरू, शशि थरूर और हुमा कुरैशी होंगे शामिल, क्या है इस बार टिकट के दाम?
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल कल से शुरू, शशि थरूर और हुमा कुरैशी होंगे शामिल, जानें टिकट के दाम?
Watch: 'फ्रेंडशिप कहां है, इसमें तो...', सौरव गांगुली के बयान पर शोएब अख्तर का मजेदार रिप्लाई
'फ्रेंडशिप कहां है, इसमें तो...', सौरव गांगुली के बयान पर शोएब अख्तर का मजेदार रिप्लाई
पीली धोती, गले में रुद्राक्ष की माला... मिलिंद सोमन ने पत्नी संग लगाई आस्था की डुबकी, महाकुंभ से सामने आईं तस्वीरें
मिलिंद सोमन ने पत्नी संग लगाई आस्था की डुबकी, महाकुंभ से सामने आईं तस्वीरें
स्कूल में आई सेकंड डिवीजन फिर अफसर बनकर इस तरह से आए चर्चा में, पढ़िए ऐसे अधिकारी की कहानी
स्कूल में आई सेकंड डिवीजन फिर अफसर बनकर इस तरह से आए चर्चा में, पढ़िए ऐसे अधिकारी की कहानी
हमास ने इजरायल को सौंपी बंधकों की तीसरी लिस्ट, PM नेतन्याहू ने लगाई मुहर; जानें कब होगी रिहाई
हमास ने इजरायल को सौंपी बंधकों की तीसरी लिस्ट, PM नेतन्याहू ने लगाई मुहर; जानें कब होगी रिहाई
'यमुना के पानी में जहर' वाले बयान पर EC को अरविंद केजरीवाल ने दिया जवाब, 'तत्थों के आधार...'
'यमुना के पानी में जहर' वाले बयान पर EC को अरविंद केजरीवाल ने दिया जवाब, हस्तक्षेप की मांग की
ट्रूडो ने बोला था झूठ! कनाडा की कमेटी बोली- निज्जर हत्याकांड में नहीं साबित हुआ किसी विदेशी ताकत का हाथ
ट्रूडो ने बोला था झूठ! कनाडा की कमेटी बोली- निज्जर हत्याकांड में नहीं साबित हुआ किसी विदेशी ताकत का हाथ
Embed widget