एक्सप्लोरर

चुनाव परिणाम 2024

(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

UP Election: प्रियंका गांधी के तीखे तेवरों से क्या कांग्रेस तलाश लेगी अपनी जमीन?

देश का अकेला ऐसा सूबा है उत्तरप्रदेश जो कुछेक अपवाद को छोड़ हमेशा ये तय करता आया है कि दिल्ली का सिंहासन किस पार्टी को सौंपा जाये. उस लिहाज़ से देखें तो प्रियंका गांधी कांग्रेस की जमीन तलाशने और उसे किसी भी तरह से मजबूत करने में अपने भाई राहुल गांधी से दो कदम आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. पिछली बार यानी साल 2017 में राहुल ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का जो फैसला लिया था, वह बुरी तरह से फ्लॉप हुआ. इसलिये यूपी की प्रभारी महासचिव होने के नाते प्रियंका के इस कदम की तारीफ इसलिये भी होनी चाहिए कि उन्होंने एक फ्लॉप फ़िल्म को दोहराने की रिस्क लेने की बजाय कांग्रेस को अपने दम पर ही इस चुनावी-दंगल में उतारा.

हालांकि ये तो फिलहाल कोई नहीं जानता कि इसमें उन्हें किस हद तक कामयाबी मिलेगी. लेकिन कहते हैं कि राजनीति के जरिये हासिल होने वाली सत्ता उस ऊंचे पहाड़ पर चढ़ने की तरह है, जहां एक तरफ खाई है तो दूसरी तरफ बहता हुआ दरिया है. लगता है कि प्रियंका सियासत के इस पथरीले पहाड़ की ऊंचाई का अंदाज़ लगा चुकी हैं, लेकिन वे न तो खाई में गिरना चाहती हैं और न ही दरिया में बहना चाहती हैं. लिहाज़ा उन्होंने अपना या अपनी पार्टी का वजूद बचाने के लिए यूपी के इस चुनाव-प्रचार में जो आक्रामक तेवर अपनाए हैं, लोकतंत्र में उसका स्वागत होना भी चाहिए. वह इसलिये कि जनता से जुड़े रोजमर्रा के मुद्दों को अगर विपक्षी दल नहीं उठाएंगे तो सरकार चाहे जिस भी पार्टी की हो लेकिन उसके निरंकुश होने की संभावना कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है.

एक स्वस्थ लोकतंत्र को कायम रखने के लिए मजबूत विपक्ष होने की वकालत देश के दो बड़े नेताओं ने जिस तरीके से की है, वो आधुनिक राजनीति की मिसाल बन चुकी है. अभी तीन दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में तथाकथित नकली समाजवादियों पर हमला करते हुए देश की राजनीति में आये ख़ालिस समाजवादी नेताओं का भी जिक्र किया था, जिसमें उन्होंने सबसे पहला नाम ही राम मनोहर लोहिया का लिया था. लेकिन उन्हीं लोहिया जी ने लोकसभा में दिए अपने भाषण में एक बार ये भी कहा था कि "जिस दिन सड़क खामोश हो जायेगी, उस दिन संसद आवारा हो जायेगी." ये कहने का जज़्बा उस जमाने के नेताओं में ही था जो किसी भी तरह के चुनाव को एक प्रतिस्पर्धा की नजर से ही देखा करते थे. उनके कहने का अभिप्राय यही था कि चुनाव हों या न हों लेकिन लोगों के विरोध और असहमति की आवाज़ को सुनना देश की संसद का पहला फ़र्ज़ बनता है और अगर कोई सरकार इस आवाज को अनसुना करती है तो फिर वो देश की जनता के साथ धोखा कर रही है.

बाद में अटल बिहारी वाजपेयी जब देश के प्रधानमंत्री बने, तब उन्होंने भी अपने अंदाज में यही कहा था कि "अगर देश के लोकतंत्र की सेहत ठीक रखनी है तो यहां मजबूत विपक्ष का होना भी जरूरी है, क्योंकि हम साल 1984 में वो हश्र देश चुके हैं, जब इस लोकसभा में हमारे सिर्फ दो ही सदस्य थे और उनकी सुनने वाला कोई नहीं था. लेकिन देश की जनता के आशीर्वाद से अब मैं प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठा हूं. सरकार चलाने का कोई ज्यादा अनुभव भी नहीं है. इसलिये मैं चाहता हूं कि विपक्ष के मेरे साथी मुझे मेरी सरकार की गलतियों का अहसास कराएं, ताकि उन्हें दोबारा शिकायत करने का कोई मौका ही न मिले."

देश के इन दो बड़े नेताओं के बयान का उदाहरण देने का मकसद सिर्फ इतना ही है कि मौजूदा राजनीति आखिर इतनी असहनशील क्यों होती जा रही है. हमारे देश की राजनीति में आरोप-प्रत्त्यारोप का सिलसिला तो पिछले को दशकों से चलता आ रहा है लेकिन इतनी जहरीली भाषा का इस्तेमाल पिछले कुछ बरसों से हुआ है. पर इसके लिए किसी एक राजनीतिक दल या उनके नेताओं को जिम्मेदार इसलिये नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि सहनशीलता दिखाने या बर्दाश्त करने की ताकत दूसरा पक्ष भी नहीं दिखाना चाहता. वह भी उसी भाषा में जवाब देने के लिए तैयार है. शायद इसीलिए देश की बहुसंख्यक आबादी आज भी राजनीति को किसी जहर से कम नहीं मानती.

चूंकि पीएम नरेन्द्र मोदी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा था, तो उसका जवाब देने के लिए कल प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाल लिया. उन्होंने एबीपी न्यूज़ के एक कार्यक्रम में कहा कि जो आरोप लगा रहे हैं वो समझाएं कि टुकड़े-टुकड़े गैंग क्या है? देश को किसने बनाया है?  दरअसल पीएम मोदी ने संसद में दिए अपने भाषण में कहा था कि "अंग्रेज चले गए लेकिन बांटो और राज करो की नीति को कांग्रेस ने अपना चरित्र बना लिया है. इसलिए ही आज कांग्रेस टुकड़े टुकड़े गैंग की लीडर बन गई है."

चूंकि यूपी समेत पांच राज्यों में चुनाव है और प्रियंका राजनीति में इतनी माहिर तो हो ही चुकी हैं कि  कब,कहाँ और कैसे सरकार पर हमला करना है. लिहाज़ा उन्होंने 70 साल बनाम सात साल की तुलना करते हुए मोदी सरकार पर बरसने में कोई कोताही नहीं बरती. प्रियंका ने कहा, ''जो कहते हैं कि 70 सालों में कुछ नहीं हुआ, वो बताएं कि सात सालों में क्या किया. कोई आईआईटी, एम्स बनवाया है? रोजगार दिया है? क्या किया है. देश की जो संपत्ति थी वो दो लोगों को पकड़ा दिया और बेचे जा रहे हैं. हर मंच पर यही पुरानी बात करते हैं कि 70 साल में क्या किया? 7 साल की बात कीजिए और बताइए कि क्या किया. हवाई अड्डे का चुनाव से पहले उद्घाटन कर रहे हैं. पांच साल से सरकार में थे,आपने नहीं किया और शंघाई एयरपोर्ट की तस्वीर लगा रहे हैं.''

लेकिन प्रियंका ने यूपी की योगी सरकार को भी नहीं बख्शा और सीधे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लॉ एन्ड ऑर्डर और एनकाउंटर राज में बहुत फर्क है. महिलाओं पर अत्याचार क्यों हो रहा है?अगर लॉ एन्ड ऑर्डर कायम है तो लोगों को पीटने और हिरासत में मारने को आप लॉ एन्ड ऑर्डर कहते हैं. मुझे तो नहीं लगता कि ये लॉ एन्ड ऑर्डर है.  पर,बड़ा सवाल ये है कि प्रियंका गांधी के इन आक्रामक तेवरों से यूपी में कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन क्या वापस हासिल कर लेगी?

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Exclusive: 'हिट और फ्लॉप से ऊपर उठ चुके हैं अभिषेक बच्चन', शुजित सरकार ने बताई 'आई वॉन्ट टू टॉक' एक्टर से जुड़ी गहरी बातें
'हिट और फ्लॉप से ऊपर उठ चुके हैं अभिषेक बच्चन', शुजित सरकार ने क्यों कहा ऐसा?
IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए कप्तान रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
Elon Musk: एलन मस्क फिर बने दुनिया के सबसे अमीर शख्स! टेस्ला सीईओ की नेट वर्थ 348 बिलियन डॉलर के पार 
एलन मस्क की नेटवर्थ 348 बिलियन डॉलर के पार, फिर बने दुनिया के सबसे अमीर शख्स
ABP Premium

वीडियोज

Maharashtra Election Result: Loksabha में शिकश्त के बाद किस योजना ने Maharastra में कराया कमबैक?Assembly Election Result: बहनों की बाजी..जीत की चाबी! | MVA | MahayutiMaharashtra Results: 'एक हैं तो सेफ हैं बना देश का महामंत्र', महाराष्ट्र जीत पर Modi का तूफानी भाषणSandeep Chaudhary : महाराष्ट्र में महायुति की सत्ता, आखिर विपक्ष के हाथों से कैसे फिसल गई जीत?

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Exclusive: 'हिट और फ्लॉप से ऊपर उठ चुके हैं अभिषेक बच्चन', शुजित सरकार ने बताई 'आई वॉन्ट टू टॉक' एक्टर से जुड़ी गहरी बातें
'हिट और फ्लॉप से ऊपर उठ चुके हैं अभिषेक बच्चन', शुजित सरकार ने क्यों कहा ऐसा?
IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए कप्तान रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
Elon Musk: एलन मस्क फिर बने दुनिया के सबसे अमीर शख्स! टेस्ला सीईओ की नेट वर्थ 348 बिलियन डॉलर के पार 
एलन मस्क की नेटवर्थ 348 बिलियन डॉलर के पार, फिर बने दुनिया के सबसे अमीर शख्स
CAT Exam 2024: कल होगी कैट परीक्षा, जानिए मेल-फीमेल के लिए ड्रेस कोड और जरूरी गाइडलाइंस
कल होगी कैट परीक्षा, जानिए मेल-फीमेल के लिए ड्रेस कोड और जरूरी गाइडलाइंस
Samsung Galaxy S25 Series: BIS पर लिस्ट हुए दो अपकमिंग फोन्स, जानें कितनी होगी कीमत
BIS पर लिस्ट हुए दो अपकमिंग फोन्स, जानें कितनी होगी कीमत
Tarot Card Weekly Horoscope: मेष से मीन राशि वालों का जानें एस्ट्रोलॉजर से नए सप्ताह का टैरो कार्ड वीकली राशिफल
मेष से मीन राशि वालों का जानें एस्ट्रोलॉजर से नए सप्ताह का टैरो कार्ड वीकली राशिफल
Rishabh Pant: जान बचाने वाले इन दो लोगों को नहीं भूले ऋषभ पंत, महंगा गिफ्ट देकर जीता दिल
जान बचाने वाले इन दो लोगों को नहीं भूले ऋषभ पंत, महंगा गिफ्ट देकर जीता दिल
Embed widget