UP Election 2022: सर्वे से लेकर ज्योतिषी तक सब बनवा रहे हैं योगी की ही सरकार!
UP Assembly Election 2022: यूपी में BJP की जन संकल्प यात्रा (Jan Sankalp Yatra) के खत्म होते ही अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान जल्द होने के आसार हैं. वैसे इस बार सत्ताधारी बीजेपी अपनी मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को कमजोर मानने की गलती नहीं कर रही है, लेकिन लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सोमवार को कोर्ट में चार्ज शीट दाखिल होने के बाद BJP को अपने अभियान की ताकत दोगुनी करनी होगी.
चूंकि इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया है, लिहाज़ा कुछ हद तक BJP को ब्राह्मण समुदाय की नाराजगी का सामना भी करना पड़ सकता है, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि अपने सियासी रसूख के चलते मंत्री के बेटे को मुख्य आरोपी नहीं बनाया जायेगा. लिहाज़ा, योगी सरकार के आठ ब्राह्मण मंत्री और 45 से ज्यादा विधायक उनकी नाराजगी को कैसे व किस हद तक दूर कर पाते हैं, ये उनके लिए किसी सिरदर्दी से कम नहीं होगा.
इन सबके बावजूद अगर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की लोकप्रियता की बात करें तो वे लगातार लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं. आज भी यूपी की अधिकांश जनता योगी को ही दोबारा मुख्यमंत्री के रुप में ही देखना चाहती है. हालांकि अखिलेश यादव लोगों की दूसरी पसंद बने हुए हैं, लेकिन दोनों के बीच फासला काफी बड़ा है और कहना मुश्किल है कि चुनाव होने तक अखिलेश इस अंतर को दूर कर पाएंगे.
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जनता का मूड भांपने के मकसद से abp न्यूज सी-वोटर के अब तक हुए पांच सर्वे के नतीजों पर गौर करें तो योगी आदित्यनाथ ने 9 दिसंबर से लेकर 3 जनवरी तक अपनी पोजीशन को अव्वल नंबर पर बरकरार रखा है. वे अभी भी 44 प्रतिशत लोगों के लिए सीएम की पहली पसंद हैं. दरअसल इस सर्वे में जनता से उनकी सीएम पद की पसंद को लेकर सवाल किया गया था. इस बार चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए, जिससे पता लगता है कि सीएम पद की पसंद के मामले में अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के बीच फासला पहले से बढ़ा है. इसे अखिलेश यादव के लिए झटका भी माना जा सकता है. उन्हें 32 फीसदी लोगों ने अपनी पहली पसंद बताया है, जबकि मायावती को पसंद करने वालों की संख्या में कोई खास फर्क नहीं आया है और अब भी 15 फीसदी लोग ही मायावती को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं.
वहीं अगर पिछले हफ्ते यानी 27 दिसंबर को हुए सर्वे और आज के आंकड़ों के बीच बदलाव की बात करें तो पिछले सर्वे में जहां 42.4 फीसदी लोगों ने योगी को अपनी पहली पसंद बताया था, वहीं इस बार ये आंकड़ा बढ़कर 44.4 फीसदी पर पहुंच गया है. लेकिन अखिलेश के लिए नुकसान हुआ है. अखिलेश यादव को पसंद करने वालों का आंकड़ा पिछले सर्वे में 34.6 फीसदी था जो कि आज के सर्वे में घटकर 32.5 पर पहुंच गया है.
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हालांकि दो दिन पहले एक अन्य न्यूज़ चैनल के सर्वे में दावा किया गया है कि शहरी इलाकों में समाजवादी पार्टी तेजी से बीजेपी से आगे निकलती दिख रही है. हालांकि ग्रामीण इलाकों में बीजेपी की लोकप्रियता के मुकाबले सपा उससे काफी पीछे है. इस सर्वे के मुताबिक शहरी इलाकों में जो लोकप्रिय पार्टी सर्वे में नजर आ रही है, उसमें बीजेपी को 34 फीसदी लोग पसंद कर रहे हैं, जबकि सपा को 39.2 प्रतिशत लोग अपनी पहली पसंद बता रहे हैं. वहीं मायावती की BSP को 13 फीसदी और कांग्रेस को पसंद करने वाले 12 फीसदी लोग हैं. इसी सर्वे में दावा किया गया है कि बीजेपी को 239 सीटें मिलती दिख रही है, जबकि समाजवादी पार्टी को 144 सीटें मिलने का अनुमान है. बीएसपी को 12 तो वहीं कांग्रेस को सिर्फ 6 सीटें ही मिलती दिखाई दे रही है.
चुनावी सर्वे के अलावा ज्योतिषी भी अपनी भविष्यवाणी कर रहे हैं, लेकिन दिलचस्प बात ये है कि वे भी अगली सरकार योगी की ही बनवा रहे हैं. यूपी के ज्योतिषी आचार्य रमाकांत मिश्र के मुताबिक, इस चुनाव में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी को 282 सीटें मिल सकती हैं. वे ये भी कहते हैं कि "योगी आदित्यनाथ की जन्म कुंडली के हिसाब से 2024 में केतु की महादशा खत्म होने के बाद उनकी शुक्र की महादशा शुरु होगी, वह समय योगी आदित्यनाथ के जीवन काल का सबसे स्वर्णिम दौर होगा." गौर करने वाली बात ये है कि 2024 में ही लोकसभा के चुनाव होने हैं. लिहाज़ा, सवाल उठना वाजिब है कि क्या तब तक योगी इतने ताकतवर हो जाएंगे कि दिल्ली के सिंहासन के लिए भी ताल ठोंक सकें?
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