UP Election 2022: पीएम मोदी ने आखिर क्यों दिलाई सहारनपुर के दंगों की याद?
वेस्ट यूपी में पहले चरण की वोटिंग के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जिस अंदाज में समाजवादी पार्टी पर हमला बोला है,वह दूसरे चरण की 55 सीटों पर होने वाले मतदान के लिहाज से ज्यादा तीखे तेवर भरा है.मोदी ने सूबे को दंगामुक्त बनाये रखने के लिए बीजेपी को दोबारा सत्ता में लाने की अपील उस सहारनपुर से की है,जिसका दंगों का पुराना इतिहास रहा है.
दरअसल, पीएम मोदी अपनी हर रैली में पिछली सपा सरकार में हुए दंगों पर सबसे ज्यादा फोकस रखते हुए लोगों को बार-बार इसकी याद इसलिये भी दिला रहे हैं कि यही वो औजार है,जिसके जरिये बड़े पैमाने पर वोटों का ध्रुवीकरण करना आसान होता है.पहले चरण के प्रचार में मोदी,अमित शाह और सीएम योगी ने साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर के दंगों और उसके बाद कैराना से हिंदू परिवारों के पलायन की याद दिलाकर ध्रुवीकरण कराने का जो प्रयोग किया,उसका नजारा आज 58 सीटों पर हुई वोटिंग के दौरान देखने को मिला.
हालांकि पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार मतदान का प्रतिशत कितना अधिक होता है,ये तो देर शाम ही पता लगेगा लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि बीजेपी हिंदू वोटों को गोलबंद करने में काफी हद तक कामयाब रही है
पीएम मोदी ने आज सहारनपुर की एक जनसभा में समाजवादी पार्टी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि' "पहले की सरकारों में दंगे होते थे, लेकिन जबसे बीजेपी की सरकार आई, प्रदेश दंगा मुक्त हो गया है. इसलिए सूबे को दंगामुक्त रखने वालों को वोट दें. राज्य के लिए बीजेपी बहुत जरूरी है."
दरअसल,सहारनपुर और आसपास की सीटों पर सपा ने कुछ ऐसे दागियों को अपना उम्मीदवार बनाया है,जिन पर दंगों में शामिल होने के आरोप लगे हैं. लिहाज़ा,मोदी ने इसके लिए सपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि "सहारनपुर के दंगों के बड़े गुनहगारों को अब इन माफियावादियों ने इस चुनाव में अपना साथी बना लिया है.ये सिर्फ सहारनपुर की बात नहीं है.पूरे पश्चिमी यूपी में इन लोगों ने चुन-चुन कर अपराधियों को उतारा है.हालत ये है कि ये लोग राष्ट्र विरोधियों को अपना प्रस्तावक तक बना रहे हैं."
दरअसल,25 जुलाई 2014 को सहारनपुर शहर में मुस्लिमों व सिखों के बीच सांप्रदायिक दंगे हुए थे.तब इन दंगों को भड़काने का आरोप समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता मुहर्रम अली पप्पू पर लगा था. उन दंगों में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे.
वैसे जो आंकड़े सामने आए हैं,उसके मुताबिक दूसरे चरण की 55 सीटों पर 25 फीसदी से ज्यादा उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे हैं.सबसे अधिक 67 प्रतिशत आपराधिक छवि वाले चेहरों को सपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है.हालांकि सत्तारूढ़ बीजेपी ने भी 34 प्रतिशल दागियों को टिकट दिया है. चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली संस्था यूपी इलेक्शन वॉच और असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) ने
दूसरे चरण के पउम्मीदवारों का लेखा-जोखा जारी किया है. इस चरण में कुल 586 उम्मीदवार हैं. रिपोर्ट के अनुसार इसमें 147 उम्मीदवार यानी करीब 45% आपराधिक छवि वाले हैं.जबकि 19% उम्मीदवार ऐसे हैं,जिन पर गंभीर अपराधों से जुड़ी धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज हैं. सबसे अधिक मुकदमे वाले तीनों लोगों को सपा ने ही अपना उम्मीदवार बनाया है.योगी सरकार के निशाने पर रहे मोहम्मद आजम खां पर 87 मुकदमे हैं और वे रामपुर से चुनाव लड़ रहे हैं.
उनके बेटे अब्दुल्ला आजम पर 43 मुकदमे हैं और सपा ने उन्हें स्वार सीट से उम्मीदवार बनाया है.जबकि नसीर अहमद खां पर 30 मुकदमे हैं और सपा ने उन्हें चमरौआ सीट से मैदान में उतारा है. यही वजह है कि 20 फरवरी को दूसरे चरण की वोटिंग को लेकर पीएम मोदी सपा के खिलाफ और भी ज्यादा हमलावर तेवर में आ गए हैं.इसलिये,उन्होंने आज सहारनपुर की सभा के जरिये सूबे के लोगों को आगाह किया कि "इनका इरादा आप जरूर समझिए.
योगी जी की सरकार ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की, उन्हें जेल भेजा. इसलिए इनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचा हुआ है. ये लोग यूपी के लोगों से बदला लेना चाहते हैं. लेकिन मैं ये देखकर हैरान हूं, जो लोग उस समय दंगाइयों को कोस रहे थे, वो इस चुनाव में दंगाइयों के साथ गले मिल रहे हैं, उनके साथ खड़े हो गए हैं." गौरतलब है कि आजम खान अभी सीतापुर जेल में जी बंद हैं, जबकि उनके बेटे दो साल जेल में रहने के बाद पिछले महीने ही जमानत पर छूटे हैं.
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