UP Election 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चुनाव (Election) से पहले बड़ी मछलियों को पकड़ने के लिए आयकर विभाग (Income Tax Department) की छापेमारी ने सियासत (Politics) को एक नया मोड़ दे दिया है. समाजवादी पार्टी (SP) के एमएलसी पुष्प राज जैन (MLC Pushpa Raj Jain) उर्फ पम्पी जैन के ठिकानों पर हुई छापेमारी से सपा नेता बौखला उठे हैं और वे इसे बदले की कार्रवाई बता रहे हैं. पुष्प राज जैन का वास्ता उस कन्नौज (Kannauj) से है, जो दुनिया भर में अपने इत्र के लिए मशहूर है. उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए खासतौर से ‘समाजवादी इत्र’ तैयार किया है, जिसे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने हाल ही में पेश किया था. लेकिन, आज उनके ठिकानों पर छापे पड़ने के बाद सियासी गलियारों में सवाल उठ रहा है कि इस 'समाजवादी इत्र' की महक यूपी के चुनाव को आखिर किस हद तक महकायेगी? ये महक अखिलेश यादव के लिए वरदान बन पाएगी या फिर उनकी 'साइकिल' की हवा निकाल देगी?
हालांकि, देश के सियासी इतिहास पर गौर करें, तो किसी भी चुनाव से पहले केंद्र में बैठी तकरीबन हर सरकार अपने विरोधी दलों पर ऐसी छापेमारी करवाती आई है. फिर भले ही यूपीए की सरकार रही हो या एनडीए की लेकिन उस पर केंद्रीय एजेंसियों का अपने सियासी फायदे के लिए दुरुपयोग करने के आरोप लगते रहे हैं. यही वजह है कि सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स जैसी केंद्रीय एजेंसियों की निष्पक्षता पर अक्सर सवाल उठते हैं. उनकी पक्षपाती कार्रवाई को लेकर ही कुछ साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को लेकर कहा था कि 'उसकी हालत पिंजरे में बंद तोते' वाली है. यानी वो स्वतंत्र होकर कोई फैसला नहीं लेती, सिर्फ सरकार में बैठे अपने आकाओं की हुक्मउदूली करती है.
यही कारण है कि चुनाव से पहले केंद्रीय एजेंसियों की तरफ से की जाने वाली ऐसी छापेमारी को विपक्ष बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करता है. अपनी पार्टी के एमएलसी के ठिकानों पर छापा पड़ने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "बीजेपी चुनाव से घबराई हुई है क्योंकि सपा को जनता का बड़ा समर्थन मिल रहा है, इसलिये ये कार्रवाई बदले की भावना से की गई है." उन्होंने मोदी और योगी सरकार पर निशाना साधते हुए ये भी कहा कि 'जिस पीयूष जैन का सपा से कोई सम्बन्ध नहीं है, पहले उन पर छापा मारा और अब पुष्पराज जैन पर छापेमारी कर दी. दिल्ली की पूरी सरकार और यूपी सरकार ने अपने विभागों की पोल खोलकर रख दी है. अब हालत ये हो गई है कि सपा के पक्ष में जो भी खड़ा दिखाई देगा, उस पर छापा पड़ सकता है.''
हालांकि, यूपी में हुई इस छापेमारी को लेकर सवाल उठाए जाने पर जवाब देने का मोर्चा दिल्ली में बैठीं आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संभाला. उन्होंने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि जांच एजेंसियां जब कहीं भी छापा मारने जाती है तो उनके पास कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी होती है. आयकर विभाग ने पुख़्ता जानकारी के आधार पर ई कन्नौज से समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य समेत उत्तर प्रदेश में अन्य स्थानों पर भी छापे मारे.
पिछले दिनों पीयूष जैन के ठिकानों पर हुई छापेमारी को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी धोखाधड़ी के मामले सामने आने के बाद जीएसटी इंटेलिजेंस की ओर से इत्र व्यापारी के यहां छापे मारे गए थे. छापेमारी को उचित बताते हुए निर्मला सीतारमण ने सवाल दागा कि चुनाव आ रहा है, तो क्या जांच एजेंसियां मुहुर्त निकालकर चोर को पकड़ने जाएंगी?
हालांकि, सीतारमण ने ये भी सफाई दी कि उसके यहां से मिला करोड़ों रुपया बीजेपी का नहीं है. ''अखिलेश यादव कह रहे हैं कि छापेमारी के दौरान बरामद किया गया पैसा बीजेपी का पैसा है. उनको कैसे मालूम, वह पार्टनर हैं क्या? तभी इतनी मजबूती से बोल रहे हैं.'' वित्त मंत्री ने कहा, ''मैं बोल रही हूं बीजेपी का पैसा नहीं है. इनकी पार्टनरशिप जरूर हो सकती है.''
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब हुईं वित्त मंत्री ने सवालिया लहजे में ये भी कहा, ''अगर छापा पड़ा तो क्या एजेंसियां खाली हाथ लौटी? पैसा मिला या नहीं? क्या यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव डर गए हैं? क्या अखिलेश यादव का कोई हित है? वो हिल गए हैं. आज भी जो रेड चल रही है उसमें ठोस जानकारी है. अखिलेश यादव का कर्तव्य है कि जिन्होंने ग़लत तरीके से पैसे रखे उनकी आलोचना करनी चाहिए.''
ग़ौरतलब है कि पिछले दिनों आयकर और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के अधिकारियों ने कानपुर के व्यापारी पीयूष जैन के यहां छापेमारी की थी. इस छापेमारी में करीब 200 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे. इस रेड के बाद अखिलेश यादव ने कहा था कि जांच एजेंसियों ने बीजेपी के करीबी व्यापारियों के घर छापेमारी कर दी है. उन्होंने दावा किया कि समाजवादी इत्र (इत्र) सपा एमएलसी पुष्पराज जैन द्वारा लांच गया था न कि पीयूष जैन ने लांच किया था.
वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदियनाथ भी चुनाव से पहले सपा नेता के यहां हुई इस छापेमारी से गदगद हैं. उन्होंने सपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ''चार-पांच दिन पहले कुछ घटनाएं घटी, वो अचानक नहीं घटी. पैसा पहले भी था, लेकिन पहले वो पैसा सत्ताधारी नेताओं की तिजोरियों को भरने में काम आता था, आज जेसीबी से उनकी दीवारों को तोड़ करके पैसा निकाला जा रहा है. आज नोटों की गड्डियां निकल रही हैं, लोग सफाई दिए जा रहे हैं.''
सीएम ने कहा, ''समाजवादी इत्र का नारा देने वाले प्रदेश में किस प्रकार का भ्रष्टाचार का बदबू फैलाते थे, 2016 में जब नोटबंदी हुई थी तब समाजवादी पार्टी ने क्यों विरोध किया था? अब लोगों को समझ में आ रहा है कि क्यों विरोध किया था. क्योंकि इनके घरों में नोटों की गड्डियां थी.'' वैसे राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि 'समाजवादी इत्र' की ये छापेमारी बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है लेकिन देखना ये होगा कि कौन इसे अपने पक्ष में भुनाने में कामयाब होता है?
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