उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मुसलमानों (Muslims) को छोड़कर कमोबेश हर जाति व समुदाय के लोगों की पहली पसंद योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ही बने हुए हैं और वे उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं. लेकिन चौंकाने वाला तथ्य ये भी सामने आया है कि जिस योगी सरकार पर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगता रहा है, उसी ब्राह्मण समुदाय के 67 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद आज भी योगी आदित्यनाथ ही हैं. चुनावी तस्वीर का दूसरा पहलू ये भी है कि सूबे के 78 फीसदी मुसलमान सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को सीएम पद पर देखना चाहते हैं. इससे जाहिर होता है कि यूपी का यह चुनाव भी पिछले चुनाव की तरह ही हिन्दू बनाम मुसलमान के बीच ही होता दिख रहा है. अगर इसी तर्ज पर वोटिंग हुई तो सभी पार्टियों के जातिगत गणित धरे रह जाएंगे और सिर्फ यही एक समीकरण ही सूबे में फिर से भगवा सरकार बनवा देगा.
दरअसल, एबीपी न्यूज सी वोटर ने एक स्नैप पोल के जरिए अलग-अलग जातियों के मन में झांकते हुए ये जानने की कोशिश कि अगले सीएम के लिए उनकी पहली पसंद का नेता कौन है. इस त्वरित सर्वे में हर जाति के मन को भांपने की कोशिश की गई. बात चाहें मुस्लिम मतदाता की हो, ब्राह्मणों की हो या यादवों की. कुर्मी हो, कुशवाहा हों या फिर जाट. हर वर्ग के दिल की बात का खुलासा इस स्नैप पोल के जरिये सामने आया है.
इस स्नैप पोल में ब्राह्मणों से पूछा गया कि अगले सीएम के लिये उन्हें कौन सबसे अधिक उपयुक्त नजर आता है, तो बहुमत योगी के साथ ही दिखाई दिया. 67 फीसदी ब्राह्मणों ने योगी को सीएम की पहली पसंद बताया. वहीं 16 फीसदी ब्राह्मण अखिलेश यादव को तो महज 6 फीसदी ब्राह्मण ही मायावती को सीएम पद के काबिल मानते हैं.
पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन की तपिश अभी भी बरकरार है और यही वजह है कि इस क्षेत्र की 136 सीटों में से अधिकतम सीटें लेने के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी है, तो वहीं अखिलेश-जयंत चौधरी की जोड़ी भी उसे बराबर की टक्कर देती दिख रही है.
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद बीजेपी के प्रति जाटों का गुस्सा कम तो हुआ है लेकिन अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. पुरानी कहावत है कि जिसके साथ जाट, उसके ठाठ ही ठाठ. साल 2017 के चुनाव में इन जाटों का साथ मिलने से ही बीजेपी के ऐसे ठाठ हुए थे कि उसने 136 सीटों में से 109 पर भगवा लहरा दिया था.
जाटों से जब सीएम के लिए उनकी पहली पसंद पूछी गई, तो उनके जवाबों से लगा कि जाट समुदाय में फिलहाल कंफ्यूजन है और वो एकतरफा किसी चेहरे को लेकर क्लियर नहीं है. 37 फीसदी जाटों में सीएम योगी सीएम पद की चॉइस हैं. वहीं 28 फीसदी जाट समुदाय के लोग अखिलेश यादव को सीएम बनाना चाहते हैं. वहीं 14 फीसदी लोग मायावती के पक्ष में हैं, जबकि 21 फीसदी जाट किसी अन्य चेहरे को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं.
यूपी की मुस्लिम आबादी योगी आदित्यनाथ से जबरदस्त तरीके से ख़फ़ा है लेकिन फिर भी इस मजहब में 4 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो दोबारा योगी को ही सीएम पद पर देखना चाहते हैं. लेकिन मुस्लिम समुदाय के बीच सीएम की पसंद के रूप में अखिलेश यादव सबसे ज्यादा पापुलर हैं. 78 फीसदी मुस्लिम अखिलेश यादव को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं. जबकि मायावती को 13 फीसदी मुस्लिम सीएम बनाना चाहते हैं. वहीं 5 फीसदी मुस्लिम किसी अन्य को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य भले ही बीजेपी छोड़कर सपा में जा चुके हैं लेकिन मौर्य और सैनी समुदाय में सीएम की पसंद के रूप में योगी आज भी पहली पायदान पर हैं. इन दोनों समुदायों के 52 फीसदी लोग योगी को दोबारा सीएम बनाना चाहते हैं. वहीं 28 फीसदी लोगों की पसंद अखिलेश यादव हैं. जबकि 13 फीसदी लोगों ने मायावती को पहली पसंद बताया है. वहीं अन्य को 7 फीसदी लोग सीएम के रूप में चुनना चाहते हैं.
पूर्वांचल के इलाके में कुर्मी, कुशवाहा जैसी जातियों का खासा दबदबा है, लिहाज़ा उनसे जब यही सवाल किया गया, तो इस समुदाय के 53 फीसदी लोग योगी आदित्यनाथ को ही एक बार फिर सीएम के रूप में देखना चाहते हैं. वहीं 27 फीसदी लोग अखिलेश यादव को सीएम बनाने की ख्वाहिश रखते हैं. इसके अलावा 10 फीसदी लोगों की पसंद मायावती हैं.
ये अलग बात है कि योगी आदित्यनाथ सन्यासी बन गए लेकिन उनका जन्म उत्तराखंड के एक राजपूत परिवार में ही हुआ है. लिहाज़ा राजपूतों से जब उनकी पसंद पूछी गई ,तो इस समुदाय के 71 फीसदी लोग योगी आदित्यनाथ को ही अगला मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. जबकि 17 फीसदी राजपूतों की पसंद अखिलेश यादव हैं. जबकि 5 फीसदी राजपूतों की पसंद मायावती हैं. इसके अलावा 7 फीसदी लोग किसी अन्य को सीएम बनाना चाहते हैं.
यादव समुदाय की बात करें तो यहां भी सीएम की पहली पसंद अखिलेश यादव हैं. 70 फीसदी यादव अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. वहीं 20 फीसदी यादव योगी के पक्ष में हैं. स्नैप पोल में 5 फीसदी यादव मायावती को और 5 फीसदी अन्य को अगला सीएम बनाना चाहते हैं.
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