ब्लॉग: हर परीक्षा का पेपर लीक, ऐसे सिस्टम पर शिकंजा कब
किसी भी परीक्षा से पहले पेपर का लीक होना तमाम परीक्षार्थियों को निराश करता है। वे युवा जो इस नौकरी के लिये दिन रात तैयारी करते हैं और जब परीक्षा की घड़ी आती है तब ऐसी घटना का समाने आना हतोस्ताहित करता है
अगर किसी भी नौजवान से ये सवाल किया जाए कि उसकी सबसे बड़ी जरूरत क्या है तो सबका जवाब होगा एक अदद नौकरी... लेकिन वो नौकरी अगर सरकारी हो तो उसे जरूरत की बजाय चाहत कहना गलत नहीं होगा.. ऐसी ही सरकारी नौकरियों की चाह में उत्तर प्रदेश के शहर से लेकर गांवों तक लाखों युवा लगातार मेहनत करते रहते हैं... पढ़ते हैं लिखते हैं, महीनों तैयारी करते हैं। वेकेंसी निकलने का लंबा इंतजार करते हैं लेकिन जब परीक्षा शुरु होने से पहले ही उसका पर्चा लीक हो जाए... या परीक्षा ही रद्द हो जाए तो यकीन मानिये उन परीक्षार्थियों और उनके मां-बाप की नजर में इससे बड़ा कोई गुनाह नहीं है। उत्तर प्रदेश के लाखों नौजवानों के साथ एक बार फिर ऐसा ही होता उसके पहले ही पेपर लीक की कोशिश नाकामयाब कर दी गई। जब प्रदेश में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आयोजित की गई टीईटी यानी शिक्षक पात्रता परीक्षा का पर्चा लीक की कोशिश करने वालों को दबोच लिया गया।
बुधवार को उत्तर प्रदेश में टीईटी की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसके लिए 16 लाख 34 हजार 249 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन परीक्षा से ठीक पहले पर्चा लीक होने से बचा लिया गया जब प्रयागराज में एसटीएफ ने पर्चा लीक की कोशिश कर रहे 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। ये लोग टीईटी की परीक्षा का प्रश्नपत्र सॉल्व कर उसे लाखों रुपयों में बेचने की फिराक में थे। गाजीपुर में भी टीईटी का पेपर लीक करने की कोशिश हुई, जहां से परीक्षा केंद्र के प्रिंसिपल समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया और इस मामले में पूरे प्रदेश से अबतक 18 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं।
टीईटी परीक्षा के पेपर लीक का ये तंत्र पूरे उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है और कई जगहों पर शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक एक साथ कोशिश हुई थी जिसमें आगरा भी शामिल है, जहां से 7 ऐसे लोग पुलिस की पकड़ में आए हैं, जो बुधवार को हुई टीईटी की परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों के संपर्क में थे और इस गिरोह के सदस्यों पर हर सरकारी प्रतियोगी परीक्षा के पेपर लीक का आरोप है।
आगरा से लेकर प्रयागराज और गाजियाबाद से लेकर गाजीपुर यानी जगह कोई भी जगह लेकिन नौकरियों के लिए होने वाली अहम परीक्षाओं के पहले पेपर लीक का खतरा हर जगह बना हुआ है फिर चाहे वो टीचर या पुलिस भर्ती से जुड़ी परीक्षा हो.. या फिर उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग की ही परीक्षा क्यों ना हो... हर साल हर इम्तिहान से पहले प्रशासन का पूरा जोर इसी बात पर रहता है कि कहीं कोई पर्चा ना लीक हो जाए... और नौकरी की उम्मीद में टकटकी लगाए नौजवानों को ये डर लगा रहता है कहीं परीक्षा रद्द ना हो जाए
नौकरी की आस लगाए लाखों नौजवानों के भविष्य से जुड़े इस मुद्दे पर अब सवाल उठता है कि टीईटी में बैठने वाले लाखों छात्रों का गुनहगार कौन? हर परीक्षा का पेपर लीक होने वाले इस तंत्र पर शिकंजा कब कसेगा? और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ की कोई जवाबदेही कभी तय होगी या नहीं?
बेहतर शिक्षा के बाद माफिक नौकरी इंसान का हक है। ये हक वो अपनी मेहनत से ही हासिल करता है, लेकिन इस हक पर डाका किसी एक शख्स के साथ ही नहीं उसके पूरे भविष्य और उसके परिवार के साथ भी धोखे से कम नहीं है। पेपर लीक होना या किसी और वजह से भर्ती प्रक्रिया का लटकना युवाओं के साथ सबसे बड़ा मजाक है। हैरानी की बात है कि जाने कितनी बार ऐसा हो चुका है फिर भी कोई फुलप्रूफ सिस्टम नहीं बन पा रहा है। सरकार को तमाम दूसरे मुद्दों के साथ ही इसपर भी गंभीरता और सख्ती के साथ काम करने की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई भी युवा खुद को छला हुआ महसूस ना कर सके और स्कूलों में टीचरों की कमी की वजह से बेहतर शिक्षा हासिल ना कर पाने वाले नौनिहालों का भी भविष्य संवर सके