अयोध्या यात्रा के बहाने योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर आंदोलन को नई धार दे दी है. पहले हनुमान गढ़ी फिर रामलला के दर्शन कर उनहोंने अपने इरादे जता दिए. योगी ने दिन का खाना उस अखाड़े में खाया, जिसने मंदिर आंदोलन की अगुवाई की. फिर राम जन्म भूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष के यहां जा पहुँचे. जिधर से भी योगी गुज़रे, जय श्री राम के नारे लगते रहे. अब भी भला किसी को योगी सरकार के एजेंडे पर कोई शक हो सकता है.
वैसे तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य मंत्री की शपथ लेते ही अयोध्या आना था लेकिन उन्होंने सही समय का इंतज़ार किया. लखनऊ में अयोध्या केस की सुनवाई शुरू होते ही योगी ने अयोध्या का प्लान बना लिया.
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पंद्रह सालों बाद यूपी के किसी मुख्य मंत्री ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए. दर्शन ही नहीं, भगवा कपड़ों में हाथ जोड़ कर घूमते, मंद-मंद मुस्कुराते योगी ने तो अपना एजेंडा साफ़ कर दिया. वैसे तो वे उग्र हिंदुत्व के ही प्रोडक्ट हैं. एक के बदले दस मुस्लिम लड़कियों को उठा लेने वाले उनके भाषण को लोग भूले नहीं हैं लेकिन अब बदले हुए रोल में योगी यूपी के सीएम हैं.
पिछले दो महीनों से 'सबका साथ सबका विकास' की रट लगाने वाले योगी तो अयोध्या में अपने असली रंग में आ गए. राम जन्म भूमि मंदिर से लेकर सरयू के घाट तक वे मौन रहे. अयोध्या में उनके चारों तरफ 'मंदिर वहीं बनायेंगें के नारे लगते रहे लेकिन योगी सिर्फ़ मुस्कुराते रहे. साधु संतों के बीच जैसे ही योगी को मंच मिला माइक थामते ही उनहोंने 'जय श्री राम' और 'गऊ माता की जय' के नारे लगाए. नारे तो दोनों सदियों पुराने हैं, लेकिन एक कहावत है जितना पुराना उतना ही असरदार... गौ रक्षकों के तांडव को तो पूरा देश देख रहा है.
महंत नृत्य गोपाल दास के जन्मोत्सव के बहाने योगी आदित्यनाथ ने अपने मन की बात कह दी. वे बोले 'मैं आप सबकी भावनाओं को जानता हूँ, आप क्या चाहते हैं. हम चाहते हैं कि अगर राम जन्मभूमि का निर्माण बातचीत से हो सकता है तो उसके लिए प्रदेश सरकार तैयार है. लखनऊ में कई मुस्लिम संगठनों ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को अपना समर्थन दिया है. सौहार्द्र के लिए आपसी बातचीत के माध्यम से इस सम्पूर्ण विवाद का पटाक्षेप हो, ऐसी हमारी उम्मीद है.'
योगी एक साथ दो नाव की सवारी करने के मूड में हैं. अयोध्या का केस सुप्रीम कोर्ट में है, ये बताने के साथ साथ योगी ये भी बताते हैं कि कुछ मुस्लिम संगठन भी समर्थन करने लगे हैं.
लगातार 5 बार सांसद रहे योगी आदित्यनाथ अब आगे निकल चुके हैं... काफ़ी आगे ... विकास की घूँट के साथ साथ वे हिंदुत्व की चाशनी भी चटाते रहना चाहते हैं. अयोध्या के लिए 350 करोड़ के पैकेज का एलान कर दिया. सरयू किनारे अब बनारस की तरह आरती होगी. सरयू महोत्सव होगा. राम की पैड़ी को सुंदर बनाया जाएगा. इसके आस पास के मंदिरों का जीर्णोद्धार होगा. अयोध्या को योगी सरकार ने नगर निगम बनाने का फ़ैसला किया है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को अयोध्या से लिंक रोड से जोड़ने की तैयारी है.
अयोध्या को सँवारने के पीछे योगी आदित्यनाथ के मन में कुछ और तो नहीं चल रहा है? बीजेपी और संघ के कुछ नेता योगी को यहीं से विधान सभा चुनाव लड़वाना चाहते हैं. अगर ऐसा हुआ तो हिंदुत्व के एजेंडे को और ताक़त मिलेगी. अयोध्या के एमएलए यूपी के मुख्य मंत्री होंगे. राम मंदिर के समर्थकों के लिए तो जैसे संजीवनी मिल जाएगी. पीएम नरेंद्र मोदी काशी से और सीएम योगी अयोध्या से... 'जय श्री राम' वालों के लिए तो ये सोने पे सुहागा ही होगा और यही क़िस्मत कनेक्शन होगा बीजेपी और संघ का...