अब आसमान के जरिये होगी दवा व वैक्सीन की सप्लाई
आसमान के जरिये जीवन रक्षक दवाइयां व वैक्सीन सही वक्त पर उपलब्ध कराकर लोगों की जिंदगी बचाने का सपना अब साकार होने लगा है. जिस ड्रोन का इस्तेमाल आतंकी तबाही मचाने के लिए कर रहे हैं, वही ड्रोन अब मेडिकल की दुनिया में एक वरदान बनने जा रहा है. तेलंगाना देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां आवश्यक दवाओं व कोरोना वैक्सीन को दूरदराज के इलाके तक महज़ चंद मिनट में ड्रोन के जरिये भेजने का प्रयोग सफल रहा है. अगले कुछ दिनों में देश के अन्य आठ राज्यों में इसी तरह का परीक्षण सफल होने के बाद इसके इस्तेमाल को मंजूरी मिल जायेगी.
तेलंगाना के विकाराबाद जिले में 11 सितंबर को एक ड्रोन के जरिये करीब 12 किलो वजन से लदी दवाइयां व वैक्सीन को एक प्राथमिक चिकित्सा केंद्र तक पहुंचाने का अनूठा प्रयोग सफल रहा है. हवा में पांच सौ मीटर की ऊंचाई पर उड़ते हुए इस ड्रोन ने छह किलोमीटर से ज्यादा की दूरी महज पांच मिनट में पूरी करते हुए निश्चित जगह पर सुरक्षित लैंड करके इनकी सप्लाई की. उसी दिन दो अन्य ड्रोन के जरिये पांच किलो वजनी वैक्सीन को पांच किलोमीटर दूर भेजकर वापस लाया गया, यह देखने के लिए इतनी ऊंचाई पर जाने के बाद तापमान में क्या बदलाव हुआ.
इसके लिए वैक्सीन से भरे डिब्बे में थर्मामीटर रखा गया था क्योंकि कोरोना वैक्सीन के लिए तय नयूनतम तापमान होना जरूरी है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, नीति आयोग और अपोलो अस्पताल के सहयोग से तेलंगाना सरकार ने देश में पहली बार इस अनूठी पहल की शुरुआत की है. वहां की सरकार ने ड्रोन के इस्तेमाल के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस अलग कॉरीडोर बनाया है और इसके लिए अलग से एक पालिसी तैयार की गई है.
'मेडिसिन फ्रॉम द स्काय' यानी आसमान के जरिये दवाई नाम से शुरु किये गए इस पायलट प्रोजेक्ट को फिलहाल 16 ग्रीन जोन में लागू किया जाएगा. अगले तीन महीने तक इसके सकारात्मक नतीजे देखने के बाद इसे पूरे देश में लागू किये जाने की केंद्र की योजना है. ये तीनों ड्रोन कुछ अन्य कंपनियों के साथ मिलकर 'हेपिकॉप्टर' नामक कंपनी ने तैयार किये हैं. इनका प्रोग्रामिंग सिस्टम कुछ ऐसा बनाया गया है कि अगर किसी ड्रोन का अपने कमांड सेन्टर से संपर्क टूट भी गया,तब भी वह दुर्घटनाग्रस्त नहीं होगा, बल्कि सुरक्षित तरीके से जमीन पर लैंड कर जाएगा.
ड्रोन बनाने वाली सहयोगी कंपनी Marut Dronetech के अधिकारी के मुताबिक ये ड्रोन अधिकतम 16 किलो का वजन लेकर एक बार में 40 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकते हैं. वैक्सीन के बॉक्स का डिज़ाइन कुछ ऐसा बनाया गया है जिसमें दो से लेकर पांच हजार खुराक तक की शीशियां को दो से आठ डिग्री सेल्सियस तक के तापमान के बीच सुदूर इलाकों में आसानी से सप्लाई किया जा सकता है. ये ड्रोन अधिकतम दस चक्कर लगा सकते हैं.
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुताबिक बहुत जल्द ही अन्य आठ राज्यों में ड्रोन डिलीवरी का परीक्षण होगा और साल भर में ही इस सिस्टम को लागू कर दिया जाएगा, जो सुदूरवर्ती इलाकों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा.
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