करियर उफान पर था और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में विनोद खन्ना का डंका बज रहा था. दो बच्चों के साथ ही भरी-पूरी फिल्में थीं और शोहरत भी कदम चूम रही थी. लेकिन, इसी बीच एक ऐसी खबर आई जिसपर तो पहले लोगों को विश्वास भी नहीं हुआ. असल सन 1982 में विनोद खन्ना ने ओशो (उस समय आचार्य रजनीश के नाम से ही जाने जाते थे) से संन्यास ले लिया.
उनका आध्यात्मिक सफर शुरू हो चुका था और वे भारत से अमेरिका के ओरेगन के लिए रवाना हो गए. ओरेगन में ओशो का कम्यून था और विनोद खन्ना वहीं रहें. बताया जाता है कि क्मूयन में अलग-अलग लोगों को अलग जिम्मेदारी दी जाती थी. इसी के तहत विनोद खन्ना को बागवानी की जिम्मेदारी मिली थी. लोग बताते हैं कि बहुत ही मस्ती के साथ विनोद यह काम करते थे.
इसबीच जब उन्होंने आध्यात्मिक सफर के लिए फिल्मों से दूरी बनाई तो किसी को भरोसा नहीं हुआ. पर जब उन्होंने फिल्म का साइनिंग अमाउंट लौटाया तो प्रोड्यूसर्स के होश उड़ गए. कई डिस्ट्रीब्यूटर और प्रोड्यूसर बहुत नाराज गए. अलग-अलग चर्चाएं होने लगीं और फिर विनोद खन्ना ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपने संन्यास के बारे में बताया. उनका पूरी परिवार उनके साथ मौजूद था.
दो-तीन सालों तक उन्होंने मीडिया और सार्वजनिक जीवन से दूरी बना कर रखी. इसके बाद सन 1985 में एक मशहूर मैगजीन में उनकी कवर पेज पर तस्वीर छपी. यह इंडस्ट्री के लिए इशारा था और फिर उनके घर के बाहर प्रोड्यूसर्स की लाइन लग गई. सन्यास के बाद भी उनका जलवा कायम था. यहां तक कि सिंथॉल के ऐतिहासिक विज्ञापन का एंडोर्समेंट भी विनोद ने सन्यास के बाद ही किया.
ओशो के दर्शन से वे बहुत प्रभावित थे और अपनी जीवन शैली उसी की तर्ज पर जीना चाहते थे. आध्यात्म की भूख ऐसी थी कि हिंदी फिल्मों में सबसे ऊंचाई में पहुंचने के बाद भी उन्हें वह छोड़ देने में वक्त नहीं लगा. वह अपने फैसलों को लेकर अडिग थे और विलेन के रूप में करियर शुरू करने के बावजूद नायक के तौर पर डंका बजाया.
ओशो से उनके लगाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खुद ओशो ने अपने कई भाषणों में विनोद खन्ना का जिक्र किया है. साथ ही ओशो के प्रति बॉलीवुड में जो आकर्षण देखा जाता है उसकी एक बहुत बड़ी कड़ी विनोद खन्ना को माना जाता है. ओशो के बाद भी उनके विचारों और मेडिटेशन पद्धतियों को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास विनोद खन्ना करते रहें. उनका सन्यास नाम स्वामी 'विनोद भारती' था.
(नोट : यह लेखक के निजी विचार हैं. लेखक से ट्वीटर @vivek_ABP या फेसबुक https://www.facebook.com/profile.php?id=100010113008592 पर संपर्क किया जा सकता है.)
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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
करियर के उफान पर छोड़ी थी इंडस्ट्री, ओशो से संन्यास लेकर बने थे स्वामी 'विनोद भारती'...
ABP News Bureau
Updated at:
27 Apr 2017 12:53 PM (IST)
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