बांग्लादेश में हसीना सरकार का तख्तापलट, भारी हिंसा भारत के लिए चिंता का सबब
शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ कर जाने के बाद बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह भारत को चिंता में डालने वाला है. विदेश मंत्री एस जयशंकर का राज्य सभा में बयान और इसके पहले सर्वदलीय बैठक में उनका कथन, भारत की चिंता को बताता है. वहां हिंदुओं पर जिस तरह से हमले किए जा रहे हैं और उनकी संपत्ति नष्ट की जा रही है. वो बताता है कि वहां अल्पसंख्यक अब सुरक्षित नहीं हैं. वहां के छात्रों के हाथ से निकल कर आंदोलन अब कट्टरपंथियों के हाथ में चला गया है. दो अल्पसंख्यकों को पीट-पीट कर मार डाला गया और अवामी दल के एक नेता को जिंदा फूंक दिया गया. यह बताता है कि बांग्लादेश अब किधर जा रहा है. सेना भी शांति स्थापित करने में कामयाब नहीं हो रही है.
भारत में जाने के बाद भड़का और हिंसा
दरअसल आंदोलनकारियों का गुस्सा शेख हसीना से था. उन्होंने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ कर चली गईं तो वे उनसे जुड़ी हर चीज नष्ट करने लगे. उनके आवास में भीड़ ने लूटपाट की और शेख मुजीब की मूर्तियां तक को नहीं छोड़ा. उन्हें तोड़ा गया और तरह-तरह से अपमानित किया गया. जैसे ही यह खबर मिली कि शेख हसीना भारत गई हैं और उनका विमान हिंडन हवाईअड्डे पर उतरा है तो आंदोलनकारियों का गुस्सा भारत और हिंदुओं पर भड़क गया.
उसी समय से ही अल्पसंख्यकों पर हमले, मंदिरों पर हमले और आगजनी की खबरें आने लगीं. वे इस बात से नाराज थे कि भारत शेख हसीना का समर्थन तो करता ही था, अब उन्हें अपने यहां या पनाह दिया है. शेख हसीना की त्रासदी यह है कि ब्रिटेन ने अभी तक उन्हें राजनीतिक शरण देने पर कोई फैसला नहीं किया है. क्योंकि जब कल हसीना के इस्तीफे की खबर फैली तो लंदन में भी बांग्लादेश के लोगों ने खुशियां मनाईं. ब्रिटेन जानता है कि यदि उसने उन्हें राजनीतिक शरण दी तो उसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में शेख हसीना के सामने अब अधिक विकल्प नहीं हैं. यह यूरोप के किसी अन्य देश भी जा सकती हैं लेकिन उनकी पहली पसंद ब्रिटेन ही है. जहां पहले भी वह रह चुकी हैं.
बदल रही परिस्थितियां
कल शाम से जिस तरह से स्थितियां हर पल बदल रही हैं,वह भारत के लिए अच्छा संकेत नहीं हैं. कल अजित डोभाल शेख हसीना से मिले और वायु सेना के अधिकारी भी. आज सर्वदलीय बैठक में इस स्थिति पर विचार किया गया और विदेश मंत्री ने बयान दिया कि हमारी सीमा सुरक्षित हैं और हम स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं. इसका आशय यह भी है कि स्थिति लगातार बदल रही है. मंगलवार की शाम भी अजित डोभाल और प्रधानमंत्री तथा अन्य वरिष्ठ मंत्रियों की बैठ हुई और हालात पर मंत्रणा की गई.
अच्छी बात यह है कि हमारे विपक्षी नेताओं ने सकारात्मक रुख अपनाया है और ममता बनर्जी ने सबसे शांति बनाये रखने और अफवाहें न फैलाने की अपील के साथ यह भी कहा कि केंद्र इस मामले में जो भी फैसला लेगा, हम उसके साथ हैं. अन्य नेताओं ने भी ऐसा ही संकेत दिया है. चूंकि यह मामला पड़ोसी देश से जुड़ा है तो जो कुछ भी फैसला लेगा, केंद्र ही लेगा.
भारत रख रहा हर स्थिति पर ध्यान
अभी तक किसी देश ने शेख हसीना को राजनीतिक शरण नहीं दी है. अभी वह भारत में ही रहेंगी और विदेश मंत्री ने कहा है कि उन्हें पूरा संरक्षण दिया जाएगा. विदेशमंत्री ने पहले यह बताया कि कल अचानक भारत से आग्रह किया गया कि उन्हें भारत आने की अनुमति दी जाय,उसी के बाद उनके विमान को क्लीयरेंस मिला और वायुसेना के दो लड़ाकू विमान उन्हें सुरक्षित हिंडन हवाई अड्डे तक ले आये.
अभी तक उन्होंने यहां शरण नहीं मांगी है. यदि मांगती हैं तो भारत के ऊपर नैतिक दबाव भी पड़ेगा और यदि वह ऐसा करता है तो बांग्लादेश के कट्टरपंथी और भडकेंगे. यदि स्थितियां शीघ्र नहीं नियंत्रण में आतीं तो हमें वहां से पलायन करने से उत्पन्न समस्या का सामना करना पड़ेगा जैसा बंगाल के भाजपा नेता शुवेंदु अधिकारी ने कहा भी है.
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