भारतीय टीम का नॉटिंघम टेस्ट मैच जीतना तय है. टीम इंडिया और जीत के बीच अब सिर्फ एक विकेट का फासला है. इस जीत को टीम इंडिया का ‘कम्बाइंड एफर्ट’ कहना ठीक होगा. विराट कोहली, हार्दिक पांड्या, आजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, ईशांत शर्मा सभी ने अपना अपना योगदान दिया है. साथ ही पहले दो टेस्ट मैच में अनफिट होने की वजह से नहीं खेल पाए जसप्रीत बुमराह ने भी दूसरी पारी में कमाल की गेंदबाजी की.


पहली पारी में बुमराह ने दो विकेट लिए थे. दूसरी पारी में वो अब तक पांच विकेट ले चुके हैं. निचले क्रम में क्रिस वोक्स और स्टुअर्ट ब्रॉड के अलावा जसप्रीत बुमराह ने कप्तान जो रूट, जोस बटलर और बेयरस्टो के विकेट लिए. जिसकी बदौलत इंग्लैंड की टीम चौथे दिन के खेल के तीसरे सेशन में बिल्कुल ही बिखर गई.


जसप्रीत बुमराह की इस कामयाबी के दौरान एक चर्चा लगातार गर्म रही. इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर्स ने इस बात पर लंबी चर्चा की क्या जसप्रीत बुमराह से गेंदबाजी की शुरूआत कराके विराट कोहली ने सही फैसला लिया है? आपको बता दें कि इंग्लैंड की टीम जब चौथे दिन बल्लेबाजी करने उतरी तो विकेट के एक छोर से ईशांत शर्मा ने गेंद संभाली और दूसरे छोर के लिए विराट कोहली ने जसप्रीत बुमराह को चुना. ये सवाल इसलिए भी उठा क्योंकि मोहम्मद शमी भी प्लेइंग 11 में शामिल थे. बावजूद इसके विराट कोहली ने बुमराह को गेंद थमाई.


क्यों हो रही थी बुमराह को लेकर चर्चा?

दरअसल, जसप्रीत बुमराह का गेंदबाजी ऐक्शन अलग है. वो ‘स्लिंग आर्म’ ऐक्शन से गेंदबाजी करते हैं. ऐसे में दाएं हाथ के गेंदबाजों के लिए वो गेंद बाहर की तरफ नहीं निकाल सकते हैं. यानी आउटस्विंग नहीं करा सकते हैं. ये उनके ऐक्शन की ‘लिमिटेशन’ है. जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी में रफ्तार है. लाइन लेंथ है. वो ‘ब्लॉकहोल’ को हिट करने में माहिर हैं.


गेंद की ‘स्विंग’ और ‘सीम’ पर उनकी अच्छी पकड़ है. इस बात पर कॉमेंट्री कर रहे पूर्व खिलाड़ियों ने लगातार चर्चा की कि सारी काबिलियतों के बावजूद दाहिने हाथ के बल्लेबाज के लिए नई गेंद से बुमराह वो डर नहीं पैदा कर पाते जो शमी कर सकते हैं. कॉमेंट्री के दौरान चर्चा इस बात को लेकर थी कि बुमराह को गेंदबाजी तब कराई जाए जब गेंद थोड़ी पुरानी हो गई हो. जिसमें एक तरफ की चमक बची हो और बुमराह उसकी मदद से बल्लेबाजों को छकाएं. हालांकि इस चर्चा के मायने कम हो गए क्योंकि जसप्रीत बुमराह ने मैच के पच्चीसवें ओवर में जो रूट को आउट करके टीम को बड़ी कामयाबी दिला दी. रूट दाहिने हाथ के ही बल्लेबाज हैं.


इसके बाद जब कप्तान कोहली ने नई गेंद लेने के बाद उन्हें दोबारा गेंदबाजी कराई तो उन्होंने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को एक के बाद एक पवेलियन भेजा. उनके स्पेल के पहले मोहम्मद शमी और हार्दिक पांड्या ने कुछ ओवर ही फेंके थे. दिलचस्प बात ये है कि बुमराह ने जो पांच शिकार किए उसमें से चार बल्लेबाज दाहिने हाथ से ही बल्लेबाजी करते हैं. जो रूट, बेन स्टोक्स, जॉनी बेयरस्टो और क्रिस वोक्स दाहिने हाथ के बल्लेबाज हैं. जबकि स्टुअर्ट ब्रॉड बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हैं. बुमराह की एक बड़ी खासियत ये भी है कि वो बड़े शार्प दिमाग के गेंदबाज हैं. लगातार इनस्विंग फेंकते फेंकते वो एक शॉर्ट बॉल फेंकते हैं. जिसका तोड़ निकालना बड़ा मुश्किल होता है.


बुमराह ने की सबसे ज्यादा गेंदबाजी


जसप्रीत बुमराह ने दूसरी पारी में सबसे ज्यादा गेंदबाजी की. उनकी हालिया फिटनेस को देखते हुए ये चर्चा का विषय हो सकता है कि कहीं उन पर ज्यादा भार तो नहीं डाल दिया गया. हालांकि इस बात का एक पहलू ये भी है कि हो सकता है विराट कोहली ने आंकलन किया हो कि वो दूसरे गेंदबाजों के मुकाबले ज्यादा ‘फ्रेश’ हैं. तेज गेंदबाजों में ईशांत शर्मा ने 20, मोहम्मद शमी ने 18 जबकि हार्दिक पांड्या ने 29 ओवर फेंके.


पहली पारी में पांच विकेट चटकाने वाले हार्दिक पांड्या से विराट कोहली ने 13 ओवर गेंदबाजी कराई. अनुभव के लिहाज से देखा जाए तो जसप्रीत बुमराह सबसे कम अनुभवी तेज गेंदबाज हैं. नॉटिंघम में वो अपने करियर का सिर्फ चौथा टेस्ट मैच खेल रहे हैं. जबकि उनके मुकाबले मोहम्मद शमी 30 से ज्यादा टेस्ट मैच खेल चुके हैं. नॉटिंघम टेस्ट मैच तो खैर खत्म होने की कगार पर है लेकिन सीरीज के बाकि बचे टेस्ट मैचों में इस बात का आंकलन होगा कि बुमराह को लेकर हो रही चर्चा के कोई मायने हैं या उन्हें लेकर विराट कोहली की रणनीति ही सही है.