(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Blog: संस्कारी विराट चाहिए या जीतने वाला विराट कोहली?
ओवल टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने शानदार जीत दर्ज की. पांचवें दिन गेंदबाजों ने जो कलेजा दिखाया वैसा टेस्ट क्रिकेट में कम ही देखने को मिलता है. लेकिन इंग्लैंड में विराट कोहली के व्यवहार की चर्चा टीम इंडिया के खेल से ज्यादा हो रही है. कारण है विराट कोहली ने इंग्लैंड की मशहूर बार्मी आर्मी को उसी के अंदाज में मैदान
से जवाब दे दिया.
विराट ने ओवल टेस्ट मैच के पांचवें दिन इंग्लैंड का विकेट गिरने पर ट्रंपेट बजाने का इशारा किया बार्मी आर्मी की तरफ. बार्मी आर्मी इंग्लैंड के मैचों के दौरान बाकायदा ट्रंपेट और ड्रम्स के साथ स्टेडियम में मौजूद रहती है. विपक्षी टीम की हूटिंग करती है और इंग्लैंड का मनोबल बढ़ाने के लिए चीयर करती है. जाहिर है विराट कोहली टीम इंडिया के कप्तान हैं तो बार्मी आर्मी के निशाने पर वो पहले नंबर पर हैं. ऐसे में बार्मी आर्मी को विराट ने भी जवाब दे दिया.
इसको लेकर अब इंग्लैंड के खेल पत्रकार और क्रिकेट पंडित सवाल उठाने लगे कि विराट इतने बड़े खिलाड़ी हैं, उन्हें ऐसा व्यवहार शोभा नहीं देता. कोई कह रहा है कि विराट का ये व्यवहार खेल भावना के खिलाफ है. इंग्लैंड हमेशा से खुद को शुद्धतावादी मानता है. क्रिकेट इंग्लैंड से ही शुरू हुआ है तो उसका मानना है कि क्रिकेट की शुद्धता उसी को बचानी है. ऐसे में उसने क्रिकेट, क्रिकेटर, उनके व्यवहार आदि को लेकर एक तय मापदंड बना रखा है जिसमें उसके ही क्रिकेटर फिट नहीं बैठते लेकिन दुनिया को वो इसी के डंडे से हांकना चाहता है. अक्सर ही उसके इस डंडे की जद में हिंदुस्तानी क्रिकेट होता है.
विश्व क्रिकेट में बीसीसीआई की धाक और टीम इंडिया का स्टारडम दोनों ही चरम पर हैं. इंग्लैंड को उसी की धरती पर हराने के बाद इंग्लिश पत्रकारों और खिलाड़ियों का एक खास तबका खेल भावना, व्यवहार जैसे चाबुक निकाल लेता है. ओवल में भी विराट पर ताजा निशाना उसी मानसिकता का एक हिस्सा है.
विराट तो ऐसे ही हैं!
विराट कोहली के खेल की खासियत यही है कि उन्हें चैलेंज करें तो वो अपना बेस्ट प्रदर्शन देते हैं. मुश्किलें और निशाने ज्यादा हों तो विराट का खेल निखरता है. बार्मी आर्मी अक्सर ही विराट और बाकी हिंदुस्तानी खिलाड़ियों पर पोस्टर, बैनरों, गानों के जरिए निशाना साधता रहता है. ओवल में विराट ने उसी अंदाज में जवाब दे दिया तो सवाल उठ रहे हैं.
अपने गिरेबां में झांके इंग्लैंड!
इंग्लिश फुटबॉल फैंस अपने हुड़दंग और बवाल के लिए पूरी दुनिया में बदनाम हैं. कई देशों में तो उनपर खास टूर्नामेंटों के दौरान बैन भी लग जाता है. यूएफा यूरो 2020 फाइनल में इटली और इंग्लैंड के बीच हुए फाइनल मैच का हुड़दंग कौन भूल सकता है, जब वेम्बली स्टेडियम पर उनके हुड़दंग की तस्वीरों ने पूरे खेल को शर्मसार किया था. क्रिकेट की बात करें तो एंड्र्यू फ्लिंटॉफ, इयान बाथम जैसे कितने ही खिलाड़ियों की मैदान पर बदतमीजी जगजाहिर है.
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