कर्नल सीके नायडू, इफ्तिकार अली खान पटौदी, विजय हजारे, दत्ता गायकवाड, अजित वाडेकर, सुनील गावस्कर , मोहम्मद अजहरुद्दीन, एम एस धोनी ये हिंदुस्तानी क्रिकेट कप्तानों के वो नाम हैं जिन्होंने हिंदुस्तानी क्रिकेट को ऊंचाई पर ले जाने की एक कहानी जुड़ी है. इन कप्तानों ने इतिहास के पन्नों पर हिंदुस्तानी क्रिकेट को बाल्यवस्था से किशोरावस्था तक पहुंचाया है, लेकिन इन हर कप्तान के मन में एक मलाल है, जो वो इंग्लैंड की धरती से लेकर भारत लौटे हैं. मलाल है मैनचेस्टर में जीत के सूखे का.
विराट पूरा करेंगे सपना ?
टीम इंडिया ने इंग्लैंड का 1936 से लेकर अब तक कुल 19 दौरे किए हैं. हिंदुस्तान के आजाद होने के बाद इंग्लैंड के 15 दौरे कर चुकी है टीम इंडिया. लेकिन किसी भी टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया की स्थिति इतनी मजबूत कभी नहीं रही जितनी इस बार है. आखिरी मुकाबला मैनचेस्टर में है और विराट एंड कंपनी के पास इतिहास रचने का नहीं बल्कि उसे सुनहरा बनाने का भी मौका है. हिंदुस्तानी क्रिकेट की करीब 7 पीढ़ियों के उस अधूरे काम को पूरा करने का मौका मैनचेस्टर में है जिसमें पहले कप्तान से लेकर विराट से पहले के आखिरी कप्तान तक असफल रहे हैं. मैनचेस्टर के रिकॉर्ड पर एक नजर डालिए तो साफ समझ में आ जाएगा कि मैनचेस्टर क्यों हिंदुस्तानी क्रिकेट का वाटरलू बना हुआ है
मैनचेस्टर में टेस्ट रिकॉर्ड भारत बनाम इंग्लैंड
टेस्ट जीत हार ड्रॉ
09 00 04 05
मैनचेस्टर में क्या-क्या दांव पर ?
पदौदी ट्रॉफी का 14 साल का वनवास खत्म करना मैनचेस्टर में टीम इंडिया का पहला लक्ष्य होगा. भारत ने सिर्फ 2007 में हुई पहली पटौदी ट्रॉफी अपने नाम की, उसके बाद हर बार इंग्लैंड का ही कब्जा रहा इस ट्रॉफी पर . मैनचेस्टर में अगर टीम इंडिया जीती तो सीरीज अपने नाम कर लेगी, अगर ये टेस्ट ड्रॉ भी हुआ तब भी सीरीज में 2-1 से आगे रहने वाली टीम इंडिया पटौदी ट्रॉफी जीत लेगी. ये पांचवीं पटौदी ट्रॉफी है. टीम इंडिया और इंग्लैंड के खिलाफ जो टेस्ट सीरीज इंग्लैंड में खेली जाती है उसे पटौदी ट्रॉफी कहते हैं. भारत में इंग्लैंड और टीम इंडिया जो टेस्ट सीरीज खेलती है उसे एंथनी डी मेलो ट्रॉफी कहते हैं.
पटौदी ट्रॉफी में रिकॉर्ड
साल विजेता
2007 भारत
2011 इंग्लैंड
2014 इंग्लैंड
2018 इंग्लैंड
2021 ??
इसके अलावा मैनचेस्टर में विराट एंड कोहली के पास मौका होगा हिंदुस्तानी क्रिकेट में एक बड़ी लकीर खींचने का. क्रिकेट जगत में इंग्लैंड का दौरा किसी भी टीम की कूव्वत का पैमाना माना जाता है. इंग्लैंड में टीम इंडिया ने अभी तक कभी भी एक सीरीज में 3 टेस्ट मैच नहीं जीते हैं. टीम इंडिया ने 1986 में सर्वाधिक दो टेस्ट जीते थे और इस बार दो टेस्ट जीते हैं. एक और रिकॉर्ड है जो विराट एंड कंपनी मैनचेस्टर में बना सकती है. अगर विराट मैनचेस्टर जीत जाते हैं तो ये भारतीय क्रिकेट इतिहास में महज तीसरा ही मौका होगा कि विदेशी धरती पर एक सीरीज में टीम इंडिया 3 टेस्ट जीत कर सीरीज पर कब्जा करे.
विदेश में रिकॉर्ड 3 से ज्यादा टेस्ट जीत
साल बनाम परिणाम
1967-68 न्यूजीलैंड 3-1
2017 श्रीलंका 3-0
कैसा है मैनचेस्टर का मैदान ?
मैनचेस्टर का मैदान रनों से भरपूर माना जाता है. इस ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान का पहली पारी में औसत रन पूरे इंग्लैंड में सबसे ज्यादा है. लेकिन दूसरी पारी में ये औसत घटकर आधा हो जाता है. ओल्ड ट्रैफर्ड में पहली पारी का औसत स्कोर 435 रन है जबकि दूसरी पारी में 238 हो जाता है. दूसरी पारी में इस मैदान पर स्पिनर्स को काफी मदद मिलती है. उम्मीद तो यही है कि मैनचेस्टर में टीम इंडिया ना सिर्फ मैच जीतेगी बल्कि पटौदी ट्ऱॉफी भी अपने नाम करेगी, क्योंकि यहां दांव पर महज एक टेस्ट सीरीज नहीं बल्कि इतिहास है.