जिस न्यूज़ीलैंड के खिलाफ कड़े मुकाबले की उम्मीद की जा रही थी वो न्यूज़ीलैंड की टीम कहीं मुकाबले में दिख ही नहीं रही है. लगातार दूसरे मैच में टीम इंडिया ने कीवियों को एकतरफा मुकाबले में हराया. पहले मैच में 8 विकेट से बड़ी जीत और दूसरे मैच में 90 रनों के अंतर से बड़ी जीत. ये दोनों जीत इस बात का संकेत हैं कि टीम इंडिया विश्व कप की तैयारियों के मद्देनजर सही रास्ते पर है. शनिवार को खेले गए मैच में भारत ने न्यूजीलैंड को बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग तीनों में कमतर साबित किया.


भारत के बल्लेबाजों ने रन बनाए. भारतीय गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की. ये लगातार दूसरा मैच है जब मेजबान न्यूज़ीलैंड की टीम पूरे पचास ओवर खेलने में भी नाकाम रही. फील्डिंग में भी भारतीय टीम न्यूज़ीलैंड के मुकाबले बीस साबित हुई. विश्व कप में जब करीब चार महीने का वक्त बचा हो तो तब ऐसा प्रदर्शन मायने रखता है. वो भी विदेशी पिचों पर. इस जीत ने निश्चित तौर पर बतौर कप्तान विराट कोहली का हौसला बढ़ाया होगा. यूं तो क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है लेकिन विश्व कप से करीब चार महीने पहले इस तरह का प्रदर्शन निश्चित तौर पर दुनिया भर की क्रिकेट टीमों के लिए संदेश है कि 2019 में भारत का पलड़ा बहुत भारी है.


ऐसी बल्लेबाजी कम ही देखने को मिलती है


न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे वनडे में जिस तरह की बल्लेबाजी हुई वो करिश्मे जैसी है. टॉप ऑर्डर के बाद मिडिल ऑर्डर ने भी जमकर हाथ दिखाए. रोहित शर्मा और शिखर धवन ने टीम को शानदार शुरूआत दी. इन दोनों बल्लेबाजों ने 25 ओवर में टीम के स्कोर को डेढ़ सौ रनों के पार पहुंचा दिया था. लगातार दूसरे मैच में शिखर धवन का अर्धशतक उनके साथ साथ कप्तान कोहली के लिए राहत की बात है. शिखर को लंबे समय से अच्छी पारी की तलाश थी. उन्हें अच्छी शुरूआत मिल रही थी फिर भी वो बड़े स्कोर तक नहीं पहुंच पा रहे थे. 66 रन के निजी स्कोर पर आउट होने के बाद विराट कोहली क्रीज पर आए तो उन्होंने भी 43 रनों की उपयोगी पारी खेली.


नंबर चार पर एक बार फिर अंबाती रायडू ने अपनी उपयोगिता साबित की. उन्होंने 49 गेंद पर 47 रनों की पारी खेली. सुस्त बल्लेबाजी का आरोप झेल रहे धोनी भी जमकर खेले. उन्होंने 33 गेंद पर नॉट आउट 48 रन बनाए. हमेशा की तरह केदार जाधव ने साबित किया कि वो बल्ले से भी टीम इंडिया के लिए फायदे का सौदा हैं. उन्होंने 10 गेंद पर 22 रन ठोंक कर भारतीय टीम का स्कोर सवा तीन सौ रनों के करीब पहुंचा दिया. ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि बल्लेबाजी में टॉप के 5 बल्लेबाजों में से सभी ने 40 से ज्यादा रन बनाए हों और सभी का स्ट्राइक रेट 90 से ज्यादा का हो.


विराट के लिए बढ़ते जा रहे हैं विकल्प


ये विराट कोहली की खुशकिस्मती है. बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में उनके पास विकल्प बढ़ते जा रहे हैं. बल्लेबाजी के लिहाज से भारत की पहली परेशानी नंबर चार की थी. अंबाती रायडू, केदार जाधव और महेंद्र सिंह धोनी तीनों इस पोजीशन पर खेलने के लिए तैयार हैं. तीनों ने हाल के मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है. विश्व कप से ऐन पहले इन तीनों खिलाड़ियों की फॉर्म ये इशारा करती है कि विराट कोहली पिच और मौसम के अनुरूप इन्हें प्लेइंग 11 में जगह देंगे. गेंदबाजी में भी विराट की किस्मत बल्ले बल्ले है. भुवनेश्वर कुमार पहले की तरह ‘अर्ली ब्रेकथ्रू’ दिला रहे हैं. मोहम्मद शामी उनका शानदार साथ दे रहे हैं. बीच के ओवरों में कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल की जोड़ी विरोधी टीम के लिए घातक साबित हुई है. यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव ने एक बार फिर टीम की जीत में अहम रोल अदा किया. इन दोनों गेंदबाजों ने मिलकर 6 विकेट झटके. कुलदीप ने 4 और यजुवेंद्र ने 2 विकेट लिए. स्पिन फ्रेंडली विकेट पर केदार जाधव भी उपयोगी गेंदबाजी कर रहे हैं. और हां भूलना नहीं चाहिए कि हार्दिक पांड्या भी जल्दी ही मैदान में वापसी करने वाले हैं. कुल मिलाकर इस स्थिति के लिए कह सकते हैं कि विराट कोहली की पांचों ऊंगलियां घी में हैं.


(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)