जसप्रीत बुमराह की कामयाबी का सबसे बड़ा राज ये है कि वो भ्रम में नहीं रहते. वो अतिआत्मविश्वास का शिकार नहीं हैं. उन्हें अपनी ताकत और कमजोरियों का बिल्कुल सटीक अंदाजा है. इस एक मूलमंत्र के साथ वो मैदान में उतरते हैं और कामयाबी उनके कदम चूमती है. अपनी ताकत को वो और मजबूत करते जा रहे हैं. साथ ही अपनी कमजोरियों को दूर करने को लेकर मेहनत कर रहे हैं. उनमें सीखने की जबरदस्त क्षमता है. अलग अलग फॉर्मेट और अलग अलग पिच पर किस तरह की गेंदबाजी असरदार रहेगी ये बात वो हर रोज सीखते हैं.


यही वजह है कि तीनों फॉर्मेट में वो इस वक्त टीम इंडिया के सबसे जबरदस्त गेंदबाज हैं. वनडे क्रिकेट में तो वो इन दिनों आईसीस रैंकिग्स में दुनिया के नंबर एक गेंदबाज हैं. नंबर दो और तीन पर स्पिन गेंदबाज काबिज हैं. हाल के दिनों में टीम इंडिया जब जब जीती है उसमें जसप्रीत बुमराह का योगदान अहम रहा है. मंगलवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टी-20 मैच में मिली जीत में भी उनका योगदान अहम था. उन्होंने 4 ओवर में 20 रन देकर 2 विकेट लिए. जिसमें वेस्टइंडीज के खतरनाक बल्लेबाज कीरॉन पोलार्ड का विकेट भी शामिल है.


बुमराह के टीम में होने का मतलब


टी-20 से पहले भारतीय टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज खेल रही थी. वनडे सीरीज के शुरूआती मैचों में जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार को आराम दिया गया था. पहले वनडे में वेस्टइंडीज ने पचास ओवर में 8 विकेट पर 322 रन बना दिए. दूसरे वनडे में भारत ने वेस्टइंडीज को 322 रनों का लक्ष्य दिया था. वेस्टइंडीज की टीम ने एक बार फिर भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ 321 रन बना लिए. वो मैच टाई हो गया.


इसके बाद सीरीज के बाकि बचे मैचों के लिए जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार को वापस बुलाया गया. विराट कोहली और टीम मैनेजमेंट को समझ आ गया कि इन दोनों के बिना फिलहाल टीम का काम चलने वाला नहीं है. दो दो मैच में अपेक्षाकृत कमजोर मानी जा रही कैरिबियाई टीम अगर सवा तीन सौ रनों के आस पास स्कोर कर रही है तो ये सबक साफ है. ये कहना गलत नहीं होगा कि इस समय तक जसप्रीत बुमराह को वापस मैदान में उतारना टीम इंडिया मैनेटमेंट के लिए मजबूरी बन चुका था.


खैर, बुमराह ने मैदान में वापसी करते ही पहले मैच में 10 ओवर में 35 रन देकर 4 विकेट लिए. वनडे सीरीज के तीन मैचों में उन्होंने 6 विकेट लिए. सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात है कि 3 मैचों में उनका इकॉनमी रेट 2.95 का रहा. टी-20 में भी वो शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं. अब तक वो 5.87 की इकॉनमी रेट से 3 विकेट ले चुके हैं.


हर मैच में लगातार सीखते हैं जसप्रीत बुमराह


जसप्रीत बुमराह जब गेंदबाजी कर रहे हैं तो आप कॉमेंट्री सुनिए. आप पाएंगे कि सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज खिलाड़ी लगातार उनकी तारीफ करते रहते हैं. दरअसल बुमराह का गेंदबाजी ऐक्शन अलग है. वो ‘स्लिंग आर्म’ से गेंदबाजी करते हैं. उनकी लिमिटेशन ये रहती थी कि वो दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए गेंद बाहर नहीं निकाल पाते थे. उनके पास आउटस्विंग नहीं थी.


बुमराह ने इस बात को समझा और नई तरह से तैयारी कर अपनी ‘आर्मरी’ में आउटस्विंग भी लेकर आए. उनके खिलाफ रणनीति बनाने वाले बल्लेबाज हैरान रह गए. अब भी हैरान हैं क्योंकि बल्लेबाजों के पास जसप्रीत बुमराह का कोई तोड़ नहीं है. इसके अलावा सीम और स्विंग पर जसप्रीत बुमराह की पकड़ जबरदस्त है. उनकी यॉर्कर की तारीफ दुनिया का हर खिलाड़ी करता है.


दिन प्रतिदिन वो ‘ब्लॉकहोल’ को हिट करने में और महारत हासिल कर रहे हैं. इस बीच उन्होंने अपनी शॉर्ट गेंद पर भी जबरदस्त मेहनत की है. उनकी शॉर्टपिच गेंद की ‘एक्यूरेसी’ जबरदस्त है. वो वेल डायरेक्टेड यानी बिल्कुल सटीक दिशा में शॉर्टपिच गेंद डालते हैं. सटीक लाइनलेंथ के साथ जब जसप्रीत बुमराह शॉर्टपिच गेंद करते हैं तो बल्लेबाज के लिए उसे खेलना लगभग असंभव जैसा होता है. इस सीरीज में उनकी शॉर्टपिच गेंदों ने उन्हें काफी कामयाबी दिलाई है.