एक्सप्लोरर

तो शाहरुख खान के बेटे को झूठे केस में फंसाने वाले को आखिर क्या सजा मिले?

बीते साल 2 अक्टूबर की रात का वाकया अगर आपको याद हो ,तो मुंबई से गोवा जाने वाले एक क्रूज़ पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो NCB की टीम ने आधी रात में छापेमारी करके पूरे देश में हड़कंप मचा दिया था.फिल्मी पर्दे का बड़ा नायक कहलाने वाले शाहरुख खान को उनके बेटे के जरिये महज़ चंद घंटों में ही देश-दुनिया के सामने 'खलनायक' साबित करने का जो जहरीला षडयंत्र रचा गया था,उसका सच अब देश के सामने आ चुका है.इसलिये सियासी गलियारों से लेकर कानूनी जगत में अब ये सवाल उठ रहा है कि NCB के अफसर समीर वानखेड़े को अपनी हदें पार करने और निरकुंश होकर एक फ़िल्मी हस्ती के बेटे को झूठे केस में फंसाने का लाइसेंस किसने दिया था और उसने किसके इशारे पर,किस नीयत से इसे अंजाम देने की हिम्मत की थी?

शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के कब्जे से ड्रग्स बरामद करने का दावा करते हुए उसके समेत 20 लोगों को गिरफ्तार करके रातोंरात हीरो बनने वाले उन्हीं वानखेड़े के बारे में कानूनी जानकार कहते हैं कि वे अब चारों तरफ से ऐसी मुश्किलों में घिर चुके हैं,जहां न तो सरकार का हाथ ज्यादा दिन तक उनके सिर पर रहने वाला है और न ही न्यायपालिका से उन्हें कोई राहत मिलने की उम्मीद पालनी चाहिए.इसलिये कि ये केस आईने की तरह साफ है कि उस छापेमारी का मकसद एक हस्ती को बदनाम करना और उससे मोटी फिरौती वसूलना ही था.

आर्यन की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक जब बार-बार यही आरोप लगा रहे थे कि ये पूरा केस झूठा है और ये किडनैपिंग व फिरौती वसूलने से जुड़ा मामला है,तब वानखेड़े इसे ऐसी व्यंग्यात्मक हंसी में उड़ा दिया करते थे, मानो वह इस देश के कानून से बहुत ऊपर हैं.लेकिन कहते हैं कि झूठ के पांव ज्यादा लंबे नहीं होते,देर-सवेर उस पर लगाम भी लगती है और तब सच भी सामने आ ही जाता है.इस मामले में भी ऐसा ही हुआ.

उस वक़्त मुंबई में तैनात नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े समेत अन्य अधिकारियों पर महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद ही एनसीबी मुख्यालय ने इस मामले की जांच के लिए के लिए एक विशेष जांच टीम SIT गठित की थी. इस स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने अपनी जांच के दौरान अनेक महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जांच की जिसमें शामिल था कि क्या गिरफ्तारी के समय आर्यन खान के पास से कोई मादक पदार्थ बरामद हुआ था? क्या वे ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा थे? उनकी गिरफ्तारी के समय उन पर एनडीपीएस कानून लागू होता था या नहीं? गिरफ्तारी के समय

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मानकों का पालन किया गया था या नहीं? लेकिन इस जांच का जो नतीजा सामने आया है,वह सिर्फ किसी एक वानखेड़े के खिलाफ नहीं बल्कि उस पूरे सिस्टम के मुंह पर भी एक बड़ा तमाचा है,जो पैसों की हवस की खातिर रातोंरात एक बेगुनाह को दुनिया की नजर में गुनहगार साबित करने के लिए हर गैर कानूनी काम करने के लिए भी तैयार रहता है.शायद इसलिए कि उसे लगता है कि मैं ही क़ानून को लागू करवाने वाला हूँ, तो भला मुझ पर कौन हाथ डाल सकता है!

ये गलतफहमी सिर्फ एक वानखेड़े की नहीं थी बल्कि आज भी देश में कानून लागू करवाने के  जिम्मेदार कई कारिंदों को भी है,भले ही उनका नाता पुलिस से हो या फिर वे केंद्रीय जांच एजेंसियों से जुड़े आला अफसर हों.पिछले कुछ अरसे में उन्हें ये गुमान हो गया है कि देश का कानून भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता क्योंकि सत्ता का वरदहस्त उन्हें हासिल है.लेकिन सत्ता के फरमान को लागू करने वाली ताकतवर नौकरशाही अक्सर ये भूल जाया करती है कि जब सुप्रीम कोर्ट का चाबुक चलता है,तब सत्ता का कोई एक कारिंदा भी उसके शरीर पर कंबल ओढ़ाने नहीं आता.उसकी मार को उसे अकेले ही झेलना होता है.

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने अपनी विस्तृत जांच में आर्यन खान समेत 6 लोगों को दोषी नहीं पाया और उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत ना मिलने की बात कह कर उन्हें बरी कर दिया. लेकिन इसके साथ ही जांच अधिकारी के खिलाफ भी कड़ी टिप्पणियां की हैं. सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया कि मामले के जांच अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) ने अनेक टेक्निकल गलतियां की हैं,जिन्हें कानूनन जायज नहीं कहा जा सकता.NCB ने यह भी साफ कर दिया है उनके पास ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं जो यह साबित करे कि आर्यन खान के अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट से संबंध थे और इस मामले में उन्होंने कोई साजिश की हो.

SIT की रिपोर्ट मिलने के बाद सोमवार को ही केंद्र सरकार ने समीर वानखेड़े के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे. फिलहाल तो सजा के बतौर डीजी, करदाता सेवा निदेशालय, चेन्नई में उनका तबादला कर दिया गया है. ये एक गैर संवेदनशील पोस्टिंग है,यानी जहां पब्लिक से सीधा कोई वास्ता नहीं,तो जाहिर है कि कमाई की भी कोई गुंजाइश नहीं होती.

लेकिन जरा सोचिये कि एक अफसर की जिद के चलते एक फिल्मी हस्ती के जिस बेगुनाह नौजवान बेटे ने 26 दिन-रातें जेल में बेवजह ही काटीं और पूरे परिवार ने बदनामी झेली, उस अफसर के लिए ये सजा काफी है क्या ? अगर आपके या मेरे बेटे के साथ ऐसा हुआ होता, तो शायद उसे ये सजा भी नहीं मिल पाती और हम आज भी अदालतों के चक्कर ही काट रहे होते.कड़वी तो है लेकिन आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे अपने देश की आज भी यही है असली हकीकत! इसलिये दुआ कीजिये कि ऐसे नामुराद सिस्टम से पाला पड़ने की हमें कभी नौबत ही ना झेलनी पड़े.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ABP Premium

वीडियोज

Maharahstra assembly elections 2024: महाराष्ट्र की 47 सीटों के नए Exit Poll में महायुति को मिल रही 38+ सीटें | Elections 2024Arvind Kejriwal News: Delhi चुनाव से पहले शराब घोटाले में केजरीवाल को बड़ा झटका! | ABP NewsBJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?बाबा बागेश्वर की 'सनातन हिन्दू एकता' पदयात्रा शूरू | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
Embed widget