करूण नायर भारतीय क्रिकेट के नए ‘मिस्टर अनलकी’ हैं. वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैच के लिए चुनी गई टीम में उन्हें जगह नहीं दी गई है. टीम के ऐलान के बाद सबसे ज्यादा चौंकाने वाला पक्ष यही है इसीलिए इस पर लगातार चर्चा चल रही है. विदेशी दौरों के बाद घरेलू सीरीज के लिए उन्हें टीम में ना चुने जाने की वजह साफ नहीं है.
करूण नायर ने अपने करियर के तीसरे ही टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक लगाया था. तिहरा शतक लगाने वाले बल्लेबाज को उसके बाद करीब दो साल में सिर्फ तीन टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला है. ये सोचकर भी हैरानी होती है कि एक खिलाड़ी अपने करियर के तीसरे टेस्ट मैच में तिहरा शतक लगाने के बाद टेस्ट टीम से बाहर है.
आपको बता दें कि भारतीय क्रिकेट के इतिहास में तिहरा शतक लगाने का कारनामा करने वाले करूण नायर सिर्फ दूसरे बल्लेबाज हैं. उनसे पहले सिर्फ वीरेंद्र सहवाग ने ये कारनामा किया था. हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया था, लेकिन एक भी टेस्ट मैच में उन्हें प्लेइंग 11 में मौका नहीं दिया गया. बाद में जब आखिरी दो टेस्ट मैच के लिए टीम चुनी गई तो उसमें पृथ्वी शा और हनुमा विहारी को चुना गया. हनुमा विहारी को तो प्लेइंग 11 में मौका भी मिला. उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी टेस्ट में मैदान में उतरने का मौका मिला.
करूण नायर की बदकिस्मती का चक्कर
करूण नायर इंडिया ए के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे. इस बात की उम्मीद थी कि इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी टेस्ट मैचों के लिए उन्हें प्लेइंग 11 में शामिल किया जाएगा लेकिन उनसे पहले हनुमा विहारी को मौका मिल गया. ये सच है कि इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक लगाने के बाद करूण नायर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए थे. बावजूद इसके उनकी उम्र और ‘टेंपरामेंट’ को देखते हुए उन्हें और मौके मिलने चाहिए थे.
करूण नायर के अलावा रोहित शर्मा भी काफी हद तक ‘अनलकी’ रहे. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दौरे में सेंचुरियन टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने 47 रन बनाए थे. इसके बाद उन्हें उस दौरे में प्लेइंग 11 से ड्रॉप कर दिया गया था. इंग्लैंड के खिलाफ जब आखिरी दो टेस्ट मैचों के लिए टीम चुनी जा रही थी तो इस बात की उम्मीद थी कि उनकी वापसी होगी. लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें मौका नहीं दिया. रोहित शर्मा ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ हैं. इसके बाद इस सीरीज के लिए भी उन्हें टीम में शामिल नहीं किए जाने का मतलब साफ नहीं हो रहा है. क्या चयनकर्ता ये संदेश देना चाहते हैं कि रोहित शर्मा अब सिर्फ टी-20 और वनडे मैच के लिए ही टीम में चुने जाएंगे?
विराट कोहली की पसंद-नापसंद का मामला तो नहीं
टीम के चयन और प्लेइंग 11 को लेकर विराट कोहली की पसंद-नापसंद अक्सर चर्चा में रहती है. इक्का दुक्का मौकों को छोड़ दिया जाए तो वो हर टेस्ट मैच में नई प्लेइंग 11 के साथ मैदान में उतरते हैं. एक तरफ करूण नायर और रोहित शर्मा जैसे ‘अनलकी’ खिलाड़ी हैं तो दूसरी तरफ हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी भी थे, जो कप्तान विराट कोहली की आंखों के तारे हैं.
हार्दिक पांड्या को विराट कोहली हमेशा आगे रखते हैं और पूरा सपोर्ट करते हैं. पिछली दो बड़ी सीरीज में विराट कोहली के प्लेइंग 11 को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है. दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में गलत प्लेइंग 11 की वजह से टीम इंडिया कई मैचों में जीत के करीब पहुंच कर चूक गई. विराट कोहली अब भी शायद यही भूल कर रहे हैं कि टीम की जरूरत की बजाए वो अपनी जिद पर जोर दे रहे हैं. करूण नायर को बगैर मौका दिए टीम से बाहर किए जाने का मतलब ही यही है कि उन्हें अपने कप्तान का ‘सपोर्ट’ नहीं मिल रहा है. जो भारतीय टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है.