कोलंबो टेस्ट में अभी कुछ भी बिगड़ा नहीं है. श्रीलंका की टीम अब भी भारत से करीब सवा दो सौ रन पीछे है. टेस्ट मैच में अभी पूरे दो दिन का खेल बचा हुआ है. श्रीलंका के दो बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके हैं. ये सच है कि टेस्ट मैच के तीसरे दिन श्रीलंका के बल्लेबाजों ने जबरदस्त संघर्ष दिखाया.
आपको याद दिला दें कि भारतीय टीम ने इस टेस्ट मैच में 9 विकेट पर 622 रन बनाकर पारी समाप्ति का एलान किया था. इसके बाद श्रीलंका की टीम मैच के दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक 50 रन पर दो विकेट गंवा चुकी थी. तीसरे दिन जब श्रीलंका ने 50 रन के स्कोर से आगे खेलना शुरू किया तो उनकी पूरी टीम सिर्फ 183 रन पर सिमट गई. इसके बाद दूसरी पारी में भी शुरूआत अच्छी नहीं रही जब उपुल थरंगा सिर्फ 2 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. उस वक्त श्रीलंका के स्कोरबोर्ड पर सिर्फ 7 रन जमा हुए थे लेकिन इसके बाद तीसरे दिन का खेल पूरी तरह श्रीलंकाई बल्लेबाजों के नाम रहा. तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक श्रीलंका ने स्कोरबोर्ड पर 2 विकेट पर 209 रन बना लिए हैं. सलामी बल्लेबाज करूणारत्ने 92 रन बनाकर क्रीज पर हैं.
कुशल मेंडिस की कुशलता
इस टेस्ट मैच में श्रीलंका की टीम ने जो संघर्ष दिखाया है उसके पीछे बल्लेबाज कुशल मेंडिस की पारी है. कुशल मेंडिस ने 135 गेंद पर शानदार 110 रनों की पारी खेली. पांड्या की गेंद पर आउट होने से पहले उन्होंने कम से कम अपनी टीम को उस मुकाम पर ला दिया जहां से वो संघर्ष करने की सोच सकती है.
कुशल मेंडिस की पारी की सबसे बड़ी खासियत रही वो इकलौता शॉट जो भारतीय गेंदबाजों की सबसे बड़ी कमजोरी रहा है. याद कीजिए वो दौर जब मैथ्यू हेडेन, एडम गिलक्रिस्ट, ग्राहम गूच, माइक गैटिंग, एंडी फ्लॉवर जैसे बल्लेबाज क्या किया करते थे. भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ इन सभी बल्लेबाजों की एक ही रणनीति थी. वो रणनीति थी ज्यादा से ज्यादा ‘स्वीप शॉट’ खेले जाएं.
क्रिकेट की रिकॉर्ड बुक बताती है कि भारत के खिलाफ बड़ी पारियों में इस शॉट की कितनी अहमियत रही है. कोलंबो टेस्ट में कुशल मेंडिस ने भी यही रणनीति अपनाई. उन्होंने खतरनाक दिख रहे विकेट पर सूझबूझ से जमकर स्वीप शॉट लगाए. उन्होंने 68 रन सिर्फ बाउंड्री से बनाए. अपनी पारी के करीब 35-40 फीसदी रन उन्होंने स्वीप शॉट की मदद से बनाए. भारतीय गेंदबाज उनके इस शॉट का कोई तोड़ नहीं ढूंढ पाए. आर अश्विन और रवींद्र जडेजा कुशल मेंडिस को उसी एरिया में गेंद देते गए जहां से उन्हें शॉट लगाने में कोई परेशानी नहीं हुई. कुशल मेडिंस ने पहली पारी में भी अच्छी शुरूआत की थी लेकिन उन्हें उमेश यादव ने बड़ी पारी खेलने से रोक दिया था.
अब आगे का रास्ता क्या है
कुशल मेंडिस ने दोनों पारियों में तेज गेंदबाजों के खिलाफ अपना विकेट गंवाया. इसका सीधा मतलब ये है कि भारतीय स्पिनरों आर अश्विन और रवींद्र जडेजा की जोड़ी ने जिस तरह बाकी बल्लेबाजों को परेशान किया उस तरह वो कुशल मेंडिस के खिलाफ कारगर नहीं दिखाई दिए. भारतीय टीम के लिए राहत की बात ये है कि अब कुशल मेंडिस पवेलियन लौट चुके हैं. असली खतरा अब करूणारत्ने से है जो 92 रन बनाकर क्रीज पर हैं.
आज के खेल के खत्म होने के बाद कुशल थरंगा ने अपनी रणनीति का जिक्र जरूर किया होगा. अब भारतीय टीम को करूणारत्ने को बड़ी पारी खेलने से रोकना होगा. साथ ही इस बारे में भी चर्चा करनी होगी कि बाकी के बल्लेबाज भी इस रणनीति पर काम ना कर पाएं. अभी घबराने की कोई जरूरत नहीं है. टेस्ट मैच पर अब भी भारत की पकड़ बहुत मजबूत है. समय भी काफी है. कोई चमत्कार ही भारत को सीरीज जीतने से रोक सकता है. हां, लेकिन आर अश्विन और रवींद्र जडेजा के लिए ये सबक जरूर है कि अगर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपना रूतबा और मजबूत करना है तो उन्हें इस एक कमजोरी को भी दूर करना होगा.