नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे शाहीन बाग आंदोलन के सूत्रधार रहे शरजील इमाम को लेकर कई विवादित वीडियो वायरल हैं, जिसके बाद पूरे देश में हड़कंप है. दरअसल शरजील इमाम का जो वीडियो सबसे ज्यादा वायरल है उसमें वो पूर्वोत्तर के राज्यों, खासकर असम को शेष भारत से अलग (कम से कम एक महीने के लिए) करने की बात कर रहा है.


शरजील इमाम ने जो बातें कही हैं, उससे साफ पता चलता है कि वो पूरी तरह से राह से भटका हुआ है. शरजील ने आईआईटी मुंबई से पढ़ाई की है और इस वक़्त जेएनयू का रिसर्च स्कॉलर है. बिहार के जहानाबाद जिले का रहने वाला है. माना जाता है कि सीएए के खिलाफ शाहीन बाग के आंदोलन को शुरुआती दिनों में मजबूत दिशा देने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है.


सवाल है कि शरजील इमाम इस तरह की बातें क्यों कर रहा है? क्या उसका उद्देश्य राजनीतिक है? दरअसल शाहीन बाग आंदलोन से पूरे देश में जो हमदर्दी पैदा हुई, कहीं न कहीं शरजील के वीडियो आने के बाद उस पर प्रश्न खड़ा हो गया है. वायरल वीडियो में शरजील अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्रों को भड़काने का प्रयास कर रहा है.


शरजील के कई वीडियो आने के बाद ऐसा मैसेज जा रहा है कि सीएए विरोधी आंदोलन अप्रसांगिक हो चला है. दरअसल लाखों मुस्लिम महिलाओं की मेहनत पर शरजील जैसे लोग कूड़ा डाल रहे हैं. साथ ही साथ एक वरिष्ठ पत्रकार की पिटाई ने शाहीनबाग के उद्देश्यों पर प्रश्न खड़ा करता है.


शाहीन बाग से आई इस तरह की खबरों से बीजेपी जैसे राजनीतिक दलों को हमलावर होने का मौके मिल रहा है. वीडियो में शरजील यह स्पष्ट कह रहा है कि सीएए के विरोध में चल रहा आंदोलन एक मुस्लिम आंदोलन है. शरजील का यह भी मानना है कि वर्तमान भारत से ब्रिटिश काल में मुस्लिम अधिक बेहतर स्थिति में थे.


साथ ही शरजील महात्मा गांधी को 20वीं सदी का सबसे बड़ा फासिस्ट भी कह रहा है. जबकि शाहीन बाग का आंदलोन गांधी के नाम पर चलाया जा रहा है, वहीं वह जिन्ना जैसे अलगववादी नेताओं की तारीफ कर रहा है. शरजील के बयान के बाद कहीं न कहीं यह संदेश जा रहा है कि शाहीन बाग के आंदोलनकारी पाकिस्तान समर्थक हैं.


शरजील इमाम शाहीन बाग के एक खलनायक की भूमिका में दिखाई दे रहा है. साथ ही वह कन्हैया कुमार जैसे हिंदू चहरों के इस्तेमाल की भी बात कह रहा है. ऐसे में कन्हैया कुमार को अपनी राजनीतिक सोच को लेकर विचार करने  का वक्त है. कहीं वह देश विरोधी ताकतों का मोहरा तो नहीं बन रहे हैं?


शरजील इस पूरी मुहिम में क्या अकेला है या उसके जैसे कई और छुपे चेहरे हैं. यह काम देश की जांच एजेंसियों का है. जांच एजेंसियों को इस बात का पता लगाना चाहिए कौन सी देश विरोधी शक्तियां देश में  माहौल खराब कर  रही हैं, क्योंकि ऐसी बातें तो देश के दुश्मन हाफिज सईद जैसे आतंकवादी करते हैं.


आपको बता दें कि वायरल हो रहे वीडियो में शरजील मुसलमानों को देश के खिलाफ बगावत करने के लिए उकसा रहा है. अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में दिए अपने बयान में शरजील कह रहा है कि मुसलमानों को चक्का जाम करके असम को भारत से काट देना चाहिए. सप्लाई के साथ सैनिकों की आवाजाही भी रोक देनी चाहिए. वह यह भी कहता है कि असम को काटना मुसलमानों की जिम्मेदारी है. तभी सरकार बात सुनेंगे.