(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पैसों का राज खोलने से आखिर क्यों डर रहे हैं शाहरुख खान और पूजा ददलानी?
मुंबई ड्रग्स केस की शुरुआत से लेकर अब तक इस पूरे मामले में शाहरुख खान और उनकी सेक्रेटरी पूजा ददलानी की चुप्पी की सबसे बड़ी वजह वो डर ही है. जो चाहते हुए भी उन्हें अपना मुंह खोलने से रोक रहा है. दरअसल, न तो वे एनसीबी से कोई दुश्मनी मोल लेना चाहते हैं और न ही 3 अक्टूबर को दिये गए पैसों का सच उजागर करके बाकी जांच एजेंसियों के निशाने पर आना चाहते हैं.
लेकिन कानून के जानकार मानते हैं कि अगर वे दोनों सामने आकर ये राज नहीं भी खोलते कि आर्यन खान को बचाने के लिए उनसे मोटा पैसा मांगा गया था और 50 लाख रुपये दिए गए तब भी समीर वानखेड़े वसूली व उगाही के आरोप से बच नहीं सकते. साथ ही कानून की तलवार उन पर लटकी रहेगी क्योंकि अब वानखेड़े को अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि वे इस कथित साज़िश के हिस्सेदार नहीं थे.
दरअसल, एबीपी न्यूज़ ने आज जिन सबूतों के आधार पर इस मामले में पर्दे की पीछे की कहानी का खुलासा किया है उससे साबित होता है कि ये एक बड़ी साजिश थी जिसे एक प्राइवेट डिटेक्टिव केपी गोसावी एंड कंपनी ने NCB के साथ मिलकर अंज़ाम दिया. लिहाजा, 2 अक्टूबर की रात अपने कारिंदों के साथ 'सुपर कॉप' बनकर क्रूज़ पर रेड मारने पहुंचे समीर वानखेड़े न तो अपने पाक-साफ होने का दावा कर सकते हैं और न ही ये कह सकते हैं कि मुखबिर की सूचना के आधार पर हुई वह रेड अचानक की गई थी. मामले से जुड़े दो गवाहों के बीच वॉट्सएप चैट के जरिए जो बात हुई है उसमें एक गवाह प्रभाकर सैल ने इस कथित वसूली कांड के बारे में सनसनीखेज खुलासा किया है और वही इसका सबसे बड़ा राजदार भी है.
खुलासा ये कि NCB की रेड से पहले ही कई लोगों की पहचान की जा चुकी थी और उनकी गिरफ्तारी के लिए बाकायदा एक जाल बिछाया गया था. प्रभाकर सैल ने अपने एफिडेविट में दावा किया है कि केपी गोसावी ने वॉट्स एप के जरिए उसे कई लोगों के फोटो भेजे थे जिन्हे पकड़ा जाना था. यानी वह एक टार्गेटेड रेड थी कि क्रूज़ पर मौजूद सभी 1300 लोगों की तलाशी लिए बगैर सिर्फ उन्हीं 13 लोगों को उठाना है जिनकी तस्वीर NCB टीम के मोबाइल फोन पर भेजी गई थीं. इसलिये कानून की निगाह में इसे ड्रग्स पकड़ने की निष्पक्ष कार्रवाई नहीं माना जा सकता बल्कि ये एक नियोजित साजिश ही समझी जायेगी जिसका मकसद वसूली करने से लेकर बदला लेना तक कुछ भी हो सकता है.
जहां तक आर्यन खान को बचाने के लिए 25 करोड़ मांगने और फिर 18 करोड़ में डील फाइनल होने और पूजा ददलानी द्वारा 50 लाख रुपये देने के आरोप हैं तो इससे संबंधित एक प्रमुख गवाह के एफिडेविट के साथ ही उसकी गोसावी से हुई व्हाट्सप्प चैट और सीसीटीवी फुटेज ऐसे अहम सबूत हैं जो पूरे मामले को एक साजिश रचने की तरफ ही इशारा करते हैं.
एबीपी न्यूज़ के खुलासे के बाद महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने जो कुछ कहा है उसमें वजन है. हालांकि उनका इशारा शाहरुख खान व उनकी सेक्रेटरी की तरफ है. उन्होंने कहा है कि "कहीं ना कहीं लोगों को डराया जा रहा है कि आपने पैसा दिया है तो आप भी मुकदमे बाजी में फंस जाओगे. मैं आज फिर कह रहा हूं अपने बच्चों को बचाने के लिए फिरौती देने वाला गुनहगार नहीं. मैं एक बार फिर कहता हूं कि ऐसे लोग सामने आएं. आप पीड़ित हैं आप गुनहगार नहीं है. डराने से आप डरेंगे तो इस शहर में इसी तरह उगाही का काम चलता रहेगा."
लेकिन बड़ा सवाल ये है कि एक प्राइवेट डिटेक्टिव के जरिये NCB के चंद अफसरों द्वारा अमीर घरानों से वसूली करने का ये काला कारोबार मुंबई में आखिर कबसे चल रहा है? NCB और मुंबई पुलिस की एसआईटी की जांच का दायरा तो अब ये भी होना चाहिए कि समीर वानखेड़े के जोनल डायरेक्टर बनने से पहले ही ये धंधा शुरु हो चुका था या फिर उनके आने के बाद इसकी शुरुआत हुई? पता तो ये भी लगना चाहिए कि मामूली ड्रग का सेवन करने के आरोप में वानखेड़े की टीम ने अब तक कितने विदेशियों को पकड़ा और उनमें से कितनों की बेल अर्जी का एनसीबी ने कोर्ट में कोई विरोध आखिर क्यों नहीं किया?
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