UP Chunav: उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनावों में बीजेपी क्या एक बार फिर कश्मीर को मुद्दा बनाकर उसे अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश में है? यह सवाल इसलिये कि चुनावों से पहले बीजेपी ने फिर से कश्मीर का राग अलापना शुरू कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को अचानक कश्मीर के बदलते माहौल पर जो कुछ कहा है, उससे ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी इसे एक चुनावी मुद्दा बनाने के मूड में दिख रही है.
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार ने वायु सेना को पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करने की छूट दी थी. चुनाव से ऐन पहले 26 फरवरी की रात करीब तीन बजे वायु सेना के 12 मिराज फाइटर जेट प्लेन लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पार कर पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हुए थे और बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर आये थे. बाद में, इसे बालाकोट एयर स्ट्राइक का नाम दिया गया, जो लोकसभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बना.
हालांकि आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी सरकार की पीठ थपथपाने वाली बातें ही कही हैं लेकिन चुनावी मौसम में कश्मीर के जिक्र को एक सियासी रणनीति का हिस्सा ही समझा जाता है. अक्टूबर महीने में कश्मीर घाटी में आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों समेत गैर कश्मीरी नागरिकों की भी हत्या कर दी थी, जिसे टार्गेटेड किलिंग कहा गया. उसके बाद से ये आशंका जताई जा रही थी कि आतंकवाद ने वहां नए सिरे से पैर पसारने शुरू कर दिए हैं.
लेकिन अमित शाह ने ऐसी आशंका को दरकिनार करते हुए कहा है कि 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त होने के बाद से कश्मीर में शांति है, वहां व्यवसाय के लिए अच्छा निवेश हो रहा है और पर्यटक आ रहे हैं. मोदी सरकार के फैसले की तारीफ करते हुए शाह ने कहा कि देश ने पाकिस्तान की ओर से किये जा रहे सीमा पार आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब दिया है.
सशस्त्र बलों द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक के जरिये पाकिस्तान के 'घर में घुसकर आतंकियों को मारा गया.' शाह ने कहा कि किसी को विश्वास नहीं था कि अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाया जा सकता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में यह कर दिखाया. शाह ने कहा, 'मैं कह सकता हूं कि अब कश्मीर में शांति है, निवेश हो रहा है और पर्यटक आ रहे हैं. धीरे-धीरे कश्मीर में हालत सामान्य हो रहे हैं और वह देश के साथ एक होकर खड़ा है.'
मोदी सरकार ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक के जरिये यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय सीमा में घुसना इतना आसान नहीं है. शाह ने कहा कि अब तक इस काम को करने के लिए इजराइल और अमेरिका का ही नाम लिया जाता था लेकिन अब भारत भी उस सूची में शामिल हो गया है. उन्होंने कहा, 'हम सबके साथ शांति चाहते हैं….हमारी सीमाओं की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हमने इस संदर्भ में एक स्पष्ट संदेश दिया है. इसके कारण भारत को अब दुनियाभर में एक अलग तरह की स्वीकार्यता मिली है.'
दरअसल, घाटी में आतंकियों की टारगेटेड किलिंग की घटनाओं के बाद 24 अक्टूबर को शाह ने तीन दिन का कश्मीर दौर किया था. तब उन्होंने कहा था कि कुछ लोग दावा करने लगे थे कि कश्मीर में आतंकवाद बढ़ेगा लेकिन वह घटा है और सुरक्षा बलों पर पथराव अब कहीं नजर नहीं आता. लेकिन लगे हाथ वे यह चेतावनी देने नहीं भूले थे कि 'हम उनसे कड़ाई से निपटेंगे जो जम्मू कश्मीर की शांति में बाधा पहुंचाएंगे. यह हमारा वादा है कि कोई भी विकास की इस यात्रा को रोक नहीं पाएगा.'
घाटी के कुछ स्थानीय नेताओं द्वारा परिसीमन की प्रक्रिया बाधित करने का आरोप लगाते हुए तब शाह ने साफ लहजे में कहा था, 'जो शोर मचा रहे हैं, वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि लोकतंत्र तीन परिवारों के चंगुल से बाहर आ गया है और अब यह गरीबों का हो गया है.'
नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.