एक्सप्लोरर

Twitter के मालिक एलन मस्क आखिर क्यों ले रहे हैं इतनी जल्दबाजी में फैसले?

दुनिया के कई देशों की बड़ी आबादी के लिए सोशल मीडिया ऐसी लत बन चुका है,जिससे वो चाहकर भी छुटकारा पाने में फिलहाल तो नाकामयाब होते ही दिख रहा है.लेकिन एक सवाल अक्सर पूछा जाता है कि भारत में अचानक और इतनी जल्दी ये सोशल मीडिया इतना लोकप्रिय कैसे बन गया? जवाब कई हो सकते हैं लेकिन भूतकाल के कुछ पन्ने पलटकर देखेंगे, तो सही जवाब भी मिल जायेगा.

साल 2013 में गोवा में हुई बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की जिस बैठक में पार्टी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को जब अपना प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया था, उसके फौरन बाद से ही हमारे यहां सोशल मीडिया राजनीतिक बदलाव का सबसे बड़ा ताकतवर हथियार बन गया था.इसलिये कि अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे मोदी ये जानते थे कि देश के युवाओं के हाथों में थमा ये मोबाइल उनकी सोच को किस तरह से बदल सकता है.लिहाज़ा, साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उनके ही निर्देश पर बीजेपी को सोशल मीडिया के लिए एक अलग सेल बनाना पड़ा, जिसका पार्टी को भरपूर फायदा भी मिला.

कहते हैं कि मीडिया चाहे जो भी हो,वह पहले अपना नफा देखता है. सोशल मीडिया तो पिछले एक दशक में ही कई अरबों डॉलर की ऐसी इंडस्ट्री बन चुका है, जिस पर दांव लगाकर खरबों बटोरने के लिए बेताब तो हर बड़ा उद्योगपति रहता है. कारोबार की नब्ज को सही वक्त पर समझने वाले दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने ट्विटर को इतनी बड़ी कीमत चुकाते हुए खरीदकर तहलका मचाया है, तो जाहिर है कि उन्होंने समाज-सेवा करने के लिए तो ये फैसला नहीं लिया है.उन पर सबसे बड़ा आरोप ये लग रहा है कि वे ट्विटर के मालिक बनते ही ऐसे ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं,जो दुनिया के कई मुल्कों को रास नहीं आ रहे हैं.

बेशक कारोबारी-जगत में उनके फैसलों पर सवाल उठाये जा सकते हैं लेकिन एलन मस्क ने तो साफ कर दिया है कि जिसे जरुरत है,वही ट्विटर को यूज़ करेगा और फिर कंपनी की नई शर्तों को भी मानेगा ही. जाहिर है कि वे जानते हैं कि ट्विटर आज इस दुनिया के कितने सारे देशों के राजनीतिक दलों के लिए सबसे मजबूत हथियार बन चुका है,जो अपने फॉलोअर्स को इससे दूर रखने की जोखिम मोल लेने की ज़हमत शायद कभी न उठा पायें.

दरअसल, माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Twitter को जब से एलन मस्क ने खरीदा है, इसमें ढेरों बदलाव किए जा रहे हैं.मस्क की ओर से किए गए बदलावों को लेकर कई यूजर्स की असहमति तो देखने को मिल ही रही है लेकिन इसने भ्रम की स्थिति भी पैदा कर दी है. ट्विटर ब्लू टिक खरीदने का विकल्प देना मस्क के सबसे बड़े फैसलों में से एक है लेकिन कहा जा रहा है कि अगर इसमें जरूरी सुधार नहीं किए गए तो प्लेटफॉर्म पर बवाल होना लगभग तय है क्योंकि ट्विटर पर अब भगवान (जीसस क्राइस्ट) के अकाउंट को भी ब्लू टिक मिल रहा है.

ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने शुक्रवार (10 नवंबर) को एक बार फिर एक बड़ा फैसला किया, जो फिर चर्चा में है. रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने इस हफ्ते की शुरुआत में लॉन्च किए गए 8 डॉलर वाले ब्लू टिक सब्सक्रिप्शन प्रोग्राम को निलंबित कर दिया है. कंपनी के एक सूत्र की मानें तो इस प्रोग्राम को लॉन्च करने के बाद से फेक अकाउंट की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी थी, इसे देखते हुए ही कंपनी ने इस प्रोग्राम को कैंसल करने का फैसला किया है.

हम अगर अपने देश की बात करें, तो भारत में ट्विटर ने अपना ट्विटर ब्लू (Twitter Blue) पेड सब्सक्रिप्शन शुरू करने का फैसला लिया था. जिसके लिए यूजर्स को 719 रुपये हर महीने देने तय किया गया था. देश के कुछ यूजर्स ने ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन (Twitter Blue Subscription) के लिए मिले संकेतों को सोशल मीडिया पर जमकर शेयर भी किया. बता दें कि भारत में Twitter Blue की कीमत अमेरिका के मुकाबले ज्यादा रखी गई थी. इसके पीछे एलन मस्क की क्या रणनीति है, इसके बारे में कोई नहीं जानता क्योंकि अमेरिका और जापान के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा देश है, जहां ट्विटर के यूजर्स की संख्या सबसे अधिक है.

देश में कुछ यूजर्स द्वारा शेयर की गई तस्वीरों के अनुसार, भारतीयों से प्रति माह 719 रुपये का शुल्क लिए जाने की बात थी, जो कि 8.93 अमेरिकी डॉलर है. हालांकि यह सामान्य 8 डॉलर के शुल्क से ज्यादा था. एलन मस्क ने ट्विटर ब्लू को लागू करते हुए कहा था कि विभिन्न देशों में परचेसिंग पावर के अनुपात में कीमत को समायोजित किया जाएगा.

बता दें कि मस्क ने कंपनी की आय में कमी के लिए अपने कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है. कंपनी में बड़े पैमाने पर छंटनी के बाद, उन्होंने ट्वीट किया था, “कार्यकर्ता समूहों ने विज्ञापनदाताओं पर जबरदस्त दबाव डाला, जिससे ट्विटर की आय में भारी कमी आई.यहां तक ​​कि सामग्री की निगरानी से भी कुछ नहीं बदला. हमने कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए सब कुछ किया.

विश्लेषक मानते हैं कि इससे लगता है कि वे कोशिश कर रहे हैं कि अमेरिका में अभिव्यक्ति की आजादी को कैसे कुचलें.इससे साफ है कि मस्क ट्विटर पर किसी तरह की सक्रियता नहीं चाहते, बल्कि इसे एक निजी कंपनी की तरह लाभदायक बनाना चाहते हैं.

गौरतलब है कि मस्क ने तीन साल पहले कहा था कि उन्हें विज्ञापनदाताओं से नफरत है.लेकिन यही समय का चक्र है कि अब उन्हें ट्विटर के विज्ञापनदाताओं को लुभाना पड़ रहा है. मस्क के ट्विटर के मालिक बनते ही विज्ञापनदाताओं ने इस सोशल मीडिया कंपनी से किनारा करना शुरू कर दिया है. इसकी शुरुआत अमेरिका की दिग्गज ऑटो कंपनी जनरल मोटर्स ने की थी. बता दें कि अमेरिका की  इस सबसे बड़ी ऑटो कंपनी ने ट्विटर पर विज्ञापन देना बंद कर दिया है. कंपनी का कहना है कि वह अभी यह समझने की कोशिश कर रही है कि नए मालिक के आने के बाद कंपनी की भविष्य की दिशा आखिर क्या होगी.

दरअसल, ट्विटर की बागडोर संभालते ही मस्क ने कंपनियों को लिखे एक पत्र में कहा था कि वह ट्विटर को दुनिया का सबसे सम्मानित विज्ञापन प्लेटफॉर्म बनाना चाहते हैं.उन्होंने लिखा, “यह आपके ब्रांड को मजबूत करेगा. आओ मिलकर कुछ असाधारण करें." मस्क का दावा है कि उन्होंने ट्विटर इसलिए खरीदा क्योंकि मानव सभ्यता के भविष्य के लिए एक साझा डिजिटल टाउन स्क्वायर आवश्यक है. उन्हें डर था कि सोशल मीडिया नफरत फैला रहा है और समाज को बांट रहा है.लेकिन मस्क के विचारों ने विज्ञापन उद्योग में एक बड़ा भ्रम ये पैदा कर दिया है कि वे अभिव्यक्ति की आजादी के मुखर समर्थक हैं या फिर बेहद चतुर कारोबारी हैं!

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
Thu Mar 27, 1:56 pm
नई दिल्ली
34.4°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 23%   हवा: W 8.5 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'100 पर्सेंट की ग्रोथ...', भारत पर IMF की रिपोर्ट देखकर शहबाज- यूनुस ही नहीं ट्रंप और जिनपिंग की भी उड़ जाएंगी नीदें
'100 पर्सेंट की ग्रोथ...', भारत पर IMF की रिपोर्ट देखकर शहबाज- यूनुस ही नहीं ट्रंप और जिनपिंग की भी उड़ जाएंगी नीदें
'जिसे गौ माता से आए बदबू, वो कैसे कहलाएंगे यदुवंशी', अखिलेश यादव के बयान पर भड़का विश्व हिंदू परिषद
'जिसे गौ माता से आए बदबू, वो कैसे कहलाएंगे यदुवंशी', अखिलेश यादव के बयान पर भड़का विश्व हिंदू परिषद
हरियाणा की इस यूनिवर्सिटी में अफीम की खेती? शिकायत पर पहुंची पुलिस के उड़े होश
हरियाणा की इस यूनिवर्सिटी में अफीम की खेती? शिकायत पर पहुंची पुलिस के उड़े होश
'सिकंदर' में सलमान खान के छक्के छुड़ा देगा ये विलेन, अब तक 200 फिल्मों में कर चुका है काम
'सिकंदर' में सलमान के छक्के छुड़ाएगा विलेन, 200 फिल्मों में कर चुका है काम
ABP Premium

वीडियोज

Mahadangal with Chitra Tripathi : नमाज पर फरमान...फिर हिंदू-मुसलमान! | ABP NewsMahadangal with Chitra Tripathi : संगीत रागी के बयान पर सपा प्रवक्ता ने किया पलटवार | ABP NewsJustice Yashwant Verma case :  'तबादला नहीं इनपर भ्रस्टाचार के खिलाफ जांच हो..  -Bar Association | ABP NewsMaharashtra Politics : 'मुसलमानों को टारगेट करना सिर्फ राजनीति का हिस्सा है'-ABU AZMI | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'100 पर्सेंट की ग्रोथ...', भारत पर IMF की रिपोर्ट देखकर शहबाज- यूनुस ही नहीं ट्रंप और जिनपिंग की भी उड़ जाएंगी नीदें
'100 पर्सेंट की ग्रोथ...', भारत पर IMF की रिपोर्ट देखकर शहबाज- यूनुस ही नहीं ट्रंप और जिनपिंग की भी उड़ जाएंगी नीदें
'जिसे गौ माता से आए बदबू, वो कैसे कहलाएंगे यदुवंशी', अखिलेश यादव के बयान पर भड़का विश्व हिंदू परिषद
'जिसे गौ माता से आए बदबू, वो कैसे कहलाएंगे यदुवंशी', अखिलेश यादव के बयान पर भड़का विश्व हिंदू परिषद
हरियाणा की इस यूनिवर्सिटी में अफीम की खेती? शिकायत पर पहुंची पुलिस के उड़े होश
हरियाणा की इस यूनिवर्सिटी में अफीम की खेती? शिकायत पर पहुंची पुलिस के उड़े होश
'सिकंदर' में सलमान खान के छक्के छुड़ा देगा ये विलेन, अब तक 200 फिल्मों में कर चुका है काम
'सिकंदर' में सलमान के छक्के छुड़ाएगा विलेन, 200 फिल्मों में कर चुका है काम
दिशा पाटनी की तरह कर्वी फिगर चाहती हैं आप? जान लीजिए डेली का डाइट प्लान
दिशा पाटनी की तरह कर्वी फिगर चाहती हैं आप? जान लीजिए डेली का डाइट प्लान
बीजेपी सांसद ने कर दी इस राज्य में NRC लागू करने की मांग, बोले- 'घुसपैठियों का पता लगाकर...'
बीजेपी सांसद ने कर दी इस राज्य में NRC लागू करने की मांग, बोले- 'घुसपैठियों का पता लगाकर...'
दिल्ली सरकार की बड़ी पहल, CUET और NEET की फ्री कोचिंग 1 अप्रैल से शुरू, जानें किसे मिलेगा फायदा
दिल्ली सरकार की बड़ी पहल, CUET और NEET की फ्री कोचिंग 1 अप्रैल से शुरू, जानें किसे मिलेगा फायदा
क्या है मातृ वंदना योजना, जिसे लेकर सोनिया गांधी ने सरकार से पूछे तीखे सवाल
क्या है मातृ वंदना योजना, जिसे लेकर सोनिया गांधी ने सरकार से पूछे तीखे सवाल
Embed widget