एक्सप्लोरर

Blog: पीएम मोदी ने कश्मीर के नेताओं से क्यों बात की? आखिर मोदी महामंथन का मकसद क्या है?

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति चाल ऐसी होती है कि जब खेलते हैं तो भनक नहीं लगने देते और भनक लगने देते हैं तो इसके पीछे मकसद क्या है पता नहीं चलने देते हैं. यही रणनीति जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भी दिख रही है. नरेंद्र मोदी ने अचानक जम्मू कश्मीर का भविष्य तय करने के लिए राज्य के 8 दलों के 14 नेताओं को बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया और शुक्रवार को 14 नेताओं से एक अहम बैठक हुई. बैठक का मकसद था जम्मू कश्मीर में पहले परिसीमन कराया जाए और फिर विधानसभा चुनाव. इस बैठक में 8 दलों के 14 नेताओं ने अपनी-अपनी बात रखी. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने भी अपनी बात रखी.

पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य की बहाली के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली की दूरी के साथ साथ दिल की दूरी भी मिटाने की कोशिश जरूरी है. जाहिर है कि जब पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को खत्म कर दिया गया था और और राज्य को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था. जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर की राजनीति और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली से भी दूरी बढ़ गई थी और दिल की दूरी भी बढ़ी थी. मोदी ने जम्मू कश्मीर को फिर से लोकतंत्र की पटरी पर लाने के लिए अब सारी दूरी मिटाना चाहते हैं.

मोदी ने कश्मीर के नेताओं से क्यों बात की?
लोकतंत्र में संवाद जरूरी है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को लंबे वक्त तक नहीं टाला जा सकता था. करीब 68 साल में ना तो कोई सरकार और ना ही कोई प्रधानमंत्री जम्मू कश्मीर से 370 धारा हटाने की बात सोची होगी और ना ही हटाने की हिम्मत की है. मोदी सरकार ने अचानक 2019 में राज्य से 370 धारा खत्म कर दिया. इससे जम्मू कश्मीर में राजनीतिक भूचाल पैदा होता इसके पहले ही मुख्य राजनीतिक दल के बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया ताकि जम्मू-कश्मीर की स्थिति खराब ना हो.

दरअसल 370 धारा बीजेपी का मुख्य मुद्दा रहा है. जम्मू कश्मीर को लेकर जनसंघ के संस्थापक डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी का कहना था कि एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे. 370 धारा की वजह से जम्मू-कश्मीर देश के अन्य राज्यों से अलग था. जम्मू कश्मीर के लोगों को दोहरी नागरिकता होती थी, राज्य का अपना अलग झंडा था और रक्षा, विदेश, संचार के अलावा बाकी मामलों में विधानसभा की मंजूरी लेनी पड़ती थी. जम्मू-कश्मीर के लोग को देश के दूसरे हिस्से में नागरिकता नहीं लेनी पड़ती है जबकि अगर कोई बाहरी महिला जम्मू-कश्मीर के पुरूष से शादी करती थी तो उन्हें जम्मू-कश्मीर की नागरिकता लेनी पड़ती थी. जैसे ही 2019 के चुनाव में बीजेपी अपने बलबूते पर 300 सीटें पार की, मोदी ने मुखर्जी के सपने को पूरा किया और सरकार बनते ही तीन महीने में ही 370 धारा खत्म कर दिया. मोदी की तैयारी पूरी थी कि 370 धारा खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति बेकाबू ना हो. इसके लिए राज्य के नेताओं की नजरबंदी की गई.

इंटरनेट-मोबाइल-टेलीफोन सेवा बंद कर दिया गया, जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा खत्म करके जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, स्कूल और कॉलेज बंद कर दिये गए और कश्मीर में लगातार 56 दिनों तक कर्फ्यू रहे. जम्मू-कश्मीर के हुक्मरानों को बात समझ आ गई कि मोदी सरकार झुकने वाली नहीं है. इस दौरान कश्मीर को लेकर अंतर्राष्ट्रीय ह्यूमन राईटस और यूरोपियन देश सवाल उठाने लगे कि कश्मीर में ह्यूमन राईटस का उल्लंघन हो रहा है. दुनिया में भारत की छवि खराब नहीं हो मोदी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय डेलिगेशन का जम्मू-कश्मीर का दौरा दो बार करवाया ताकि जमीन हकीकत से दुनिया के देश वाकिफ रहें वहीं मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव भी करवाए.   

मोदी का असली मकसद क्या है?
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 खत्म हुए करीब दो साल पूरे होने वाले हैं. इस दो साल में घाटी और दिल्ली के बीच रिश्तों में जमी बर्फ भी पिघलने लगे. साल 2020 खत्म होते होते ही जम्मू कश्मीर के तमाम बड़े नेताओं को रिहा कर दिया गया और फिर राज्य में पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव करवाए गए. अब अगला मकसद है जम्मू कश्मीर का पहले परिसीमन करवाना, उसके बाद विधानसभा चुनाव के साथ-साथ पूर्ण राज्य का दर्जा देना.

दरअसल जम्मू-कश्मीर को लेकर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन और यूरोपियन देश सवाल उठाते रहते हैं. वहीं मोदी आने वाले महीने विदेश टूर पर जा सकते हैं वहीं अफगानिस्तान से सितंबर 2021 तक अमेरिका अपनी सेना को हटाने का फैसला किया है. अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के हटने के बाद फिर से तालिबान का कब्जा होने का अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है. अफगानिस्तान में जब तालिबान का दबदबा बढ़ेगा तो इस स्थिति में जम्मू-कश्मीर में इसका असर हो सकता है. इसीलिए मोदी जम्मू-कश्मीर की सारी राजनीतिक दलों के बीच सामंजस्य स्थापित करके चुनाव कराना चाहते हैं ताकि जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक सरकार के गठन के साथ राज्य में शांति की स्थिति बहाल हो सके. जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक सरकार चुनने के बाद शायद तालिबान और कश्मीरी आतंकी के बीच सांठगांठ ना पनप सके. अब देखने की बात है मोदी सरकार अपने मकसद में सफल होती है या परिसीमन का मुद्दा जम्मू-कश्मीर में एक नये विवाद की जन्म देती है.

(धर्मेन्द्र कुमार सिंह, राजनीतिक विश्लेषक हैं. इस ब्लॉग में लिखे गए विचारों का एबीपी न्यूज सत्यापन नहीं करता है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
Mon Apr 07, 12:04 pm
नई दिल्ली
40.2°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 17%   हवा: NNW 12.4 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Waqf Amendment Bill: 'मोदी सरकार का कदम सही', वक्फ संशोधन कानून पर पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने क्यों कही ये बात?
'मोदी सरकार का कदम सही', वक्फ संशोधन कानून पर पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने क्यों कही ये बात?
दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों की अब नहीं चलेगी मनमानी, फीस को लेकर रेखा गुप्ता सरकार ने लिया ये फैसला
दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों की अब नहीं चलेगी मनमानी, फीस को लेकर रेखा गुप्ता सरकार ने लिया ये फैसला
हार्दिक पांड्या से तलाक के बाद किसके प्यार में गिरीं नताशा स्टेनकोविक? एक्ट्रेस की लेटेस्ट पोस्ट ने मचाई खलबली
हार्दिक पांड्या से तलाक के बाद किसके प्यार में गिरीं नताशा स्टेनकोविक?
Harry Brook England Captain: इंग्लैंड ने IPL के बीच लिया चौंकाने वाला फैसला, बटलर की जगह इस खिलाड़ी को बनाया कप्तान
इंग्लैंड का IPL के बीच चौंकाने वाला फैसला, बदल दिया टीम का कप्तान
ABP Premium

वीडियोज

Petrol Diesel-Price Hike: पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ी, घरेलू गैस सिलिंडर 50 रुपये महंगाPetrol Diesel-Price Hike: डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ी, उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा असर | BreakingTrump Tariffs से Investors को ₹15 लाख करोड़ का नुकसान, क्या हो निवेश की रणनीति | Paisa LiveDoree: दादी सा के सामने आया सच, क्या अब Maan और Doree का साथ खत्म? #sbs

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Waqf Amendment Bill: 'मोदी सरकार का कदम सही', वक्फ संशोधन कानून पर पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने क्यों कही ये बात?
'मोदी सरकार का कदम सही', वक्फ संशोधन कानून पर पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने क्यों कही ये बात?
दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों की अब नहीं चलेगी मनमानी, फीस को लेकर रेखा गुप्ता सरकार ने लिया ये फैसला
दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों की अब नहीं चलेगी मनमानी, फीस को लेकर रेखा गुप्ता सरकार ने लिया ये फैसला
हार्दिक पांड्या से तलाक के बाद किसके प्यार में गिरीं नताशा स्टेनकोविक? एक्ट्रेस की लेटेस्ट पोस्ट ने मचाई खलबली
हार्दिक पांड्या से तलाक के बाद किसके प्यार में गिरीं नताशा स्टेनकोविक?
Harry Brook England Captain: इंग्लैंड ने IPL के बीच लिया चौंकाने वाला फैसला, बटलर की जगह इस खिलाड़ी को बनाया कप्तान
इंग्लैंड का IPL के बीच चौंकाने वाला फैसला, बदल दिया टीम का कप्तान
World Health Day 2025: हेल्थ और फिटनेस के लिए वर्कआउट के अलावा स्पोर्ट्स के भी दीवाने हैं ये सेलेब्स, लोगों को करते हैं इंस्पायर
फिटनेस के लिए वर्कआउट के अलावा स्पोर्ट्स के भी दीवाने हैं ये सेलेब्स, लोगों को करते हैं इंस्पायर
Petrol Diesel Price: इंटरनेशनल मार्केट में तो सस्ता हो रहा पेट्रोल-डीजल...फिर मोदी सरकार ने क्यों बढ़ा दिए दाम!
इंटरनेशनल मार्केट में तो सस्ता हो रहा पेट्रोल-डीजल...फिर मोदी सरकार ने क्यों बढ़ा दिए दाम!
'सीएम ने हमें लॉलीपॉप पकड़ा दिया', ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद बोले टीचर्स
'सीएम ने हमें लॉलीपॉप पकड़ा दिया', ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद बोले टीचर्स
सऊदी अरब के वीजा बैन से भारतीयों पर कितना संकट, किन लोगों को होगी ज्यादा परेशानी?
सऊदी अरब के वीजा बैन से भारतीयों पर कितना संकट, किन लोगों को होगी ज्यादा परेशानी?
Embed widget