सेना में भर्ती की 'अग्निपथ' योजना के विरोध में देश भर में हो रहे उग्र प्रदर्शनों की आग पर काबू पाने के लिए सरकार ने आज कई बड़े फैसले लिए हैं. रक्षा मंत्रालय से लेकर केंद्रीय पुलिस बलों में अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण देने के अलावा उन्हें कम ब्याज दर पर कर्ज देने जैसी लुभावनी घोषणाओं का एलान किया गया है. उधर विपक्षी दल इस योजना को वापस लेने की जिद पर अड़े हुए हैं और सबसे ज्यादा उग्र बवाल वाले बिहार में इसे लेकर एनडीए गठबंधन में दरार पड़ गई है.


ऐसे में बड़ा सवाल है कि सरकार के इन फैसलों का गुस्साये युवाओं पर कितना असर होगा और क्या वे इतनी आसानी से मान जाएंगे? वह इसलिये कि बिहार बीजेपी के नेता सीएम नीतीश कुमार का नाम लिए बगैर ये आरोप लगा रहे हैं कि इस उग्र आंदोलन को पुलिस-प्रशासन का मौन समर्थन प्राप्त है और पिछले चार दिनों से आंदोलनकारियों के खिलाफ कोई सख्ती नहीं बरती गई है.


अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) पर मचे बवाल को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आज सेना प्रमुखों व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक में हालात की समीक्षा करने के बाद बड़े फैसले लिए हैं.उग्र-प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने अग्निवीरों के लिए अलग-अलग मंत्रालयों की नौकरी में आरक्षण (Reservation) देने का ऐलान किया है. रक्षा मंत्रालय की सिविल नौकरियों में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है तो इंडियन कोस्ट गार्ड (Indian Coast Guard) और डिफेंस पीएसयू (Defence PSU) में भी उनके लिए 10-10 प्रतिशत कोटे की घोषणा की गई है. इसके अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिसबल और असम-राईफल्स में भी अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की गई है.


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अग्निवीरों को दिया जाने वाला ये 10 प्रतिशत आरक्षण पूर्व-सैनिकों को मिलने वाले कोटे से अलग होगा. अग्निवीरों के आरक्षण के लिए भर्ती के नियमों में भी बदलाव किए जाने के आदेश दे दिए गए हैं. सीएपीएफ में भी 5 साल की रियायत मिलेगी. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने इस बात की भी घोषणा की है कि पहली बार सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) में आवदेन के दौरान अग्निवीरों (Agniveers) को 5 साल उम्र की रियायत दी जाएगी. उसके बाद भी उन्हें तीन साल उम्र की छूट दी जाएगी. रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय द्वारा की गई इन घोषणाओं का मकसद ये है कि देश के युवा को सेना में अग्निवीर के तौर पर चार साल की सेवाएं देने के बाद अपने भविष्य की जो चिंता सता रही है, उसे दूर किया जा सके. दरअसल,सेना और सरकार, दोनों का ही ये मानना है कि सेना में चार साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद अग्निवीरों में अनुशासन और समर्पण की भावना होगी जो केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों और सिविल-नौकरियों में काफी मददगार साबित होगी.


केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी अग्निवीरों के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिसबल और पैरा-मिलिट्री फोर्स, असम राईफल्स में 10-10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की. केंद्रीय पुलिसबल में सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, सीआईएसएफ और एसएसबी जैसे सुरक्षाबल हैं. इसके अलावा गृह मंत्रालय ने CAPF और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का निर्णय किया और अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष करने की घोषणा की.


इसके साथ ही रक्षा मंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक ट्वीट में कहा गया कि जो नौजवान चार साल सेना की सेवा करने के बाद बाहर निकलेंगे, उन्हें आजीवन अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा. यदि अग्निवीर कोई काम करना चाहेंगे तो उन्हें सस्ती दर पर कर्ज की भी सुविधा प्रदान की जाएगी.


इन फैसलों के बावजूद विपक्ष सरकार के प्रति हमलवार रुख अपनाए हुए है और योजना को वापस लेने की मांग पर अड़ा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘आठ वर्षों से BJP सरकार ने ‘जय जवान, जय किसान’ के मूल्यों का लगातार अपमान किया है. मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री जी को काले कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे. ठीक उसी तरह उन्हें ‘माफीवीर’ बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगी और ‘अग्निपथ’ को वापस लेना ही पड़ेगा.'


इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के युवाओं के नाम एक पत्र जारी किया है .उन्होंने देश के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे दुख है कि सरकार ने आपकी आवाज को नजरअंदाज किया और एक नई योजना की घोषणा की जो पूरी तरह से दिशाहीन है. मैं आप सभी से अपील करती हूं कि आप विरोध जरूर जताएं लेकिन अहिंसक और शांतिपूर्ण तरीके से. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आपके साथ है. 


(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)