एक्सप्लोरर

क्या ब्राह्मण यूपी में फिर से जिंदा कर पाएंगे मायावती की राजनीति ?

एक जमाने में "तिलक,तराजू और तलवार- इनको मारो, जूते चार" का नारा देकर उत्तरप्रदेश की सत्ता में काबिज़ होने वाली मायावती को अब फिर से ब्राह्मणों की याद आ गई है.शायद उन्हें अहसास हो चुका है कि दलितों व पिछड़ों में उनका जनाधार अब पहले जैसा नहीं रहा,इसलिये ब्राह्मणों की बैसाखी के बग़ैर अब सत्ता की कुर्सी तक पहुंचना मुश्किल है.लेकिन बड़ा सवाल ये है कि इस बार उनका ये ब्राह्मण कार्ड किस हद तक सफल हो पायेगा? उनके पास ब्राह्मणों का एकमात्र बड़ा चेहरा संतीश चंद्र मिश्रा ही हैं जिन्होंने आज अयोध्या में ब्राह्मण-सम्मेलन के जरिये इस वर्ग का साथ पाने की शुरुआत की है.हालांकि अब इसका नाम विचार गोष्ठी रख दिया गया है और चुनाव से पहले राज्य के सभी 75 जिलों में इसे आयोजित करने की तैयारी है.

पुरानी कहावत है कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती लेकिन नेताओं को लगता है कि राजनीति में एक बार जो प्रयोग सफल हो जाये, उसे हर बार दोहराया जा सकता है.मायावती भी उसी रास्ते पर चलते हुए 2007 के प्रयोग को दोहराना चाहती हैं.

तब उन्होंने दलित-ब्राह्मण गठजोड़ का प्रयोग किया था और उसके कारण ही वे सत्ता पाने में कामयाब हुई थीं.हालांकि तब मायावती ने "जूते मारने" वाले अपने पहले स्लोगन की गलती को सुधारते हुए अपनी पार्टी के चुनाव-चिन्ह को लेकर नया नारा दिया था--'हाथी नहीं गणेश है,ब्रह्मा- विष्णु-महेश है."उनका ये नारा  लोकप्रिय भी हुआ और तब शायद पहली बार सवर्ण वर्ग से भी उन्हें खासा समर्थन मिला,जिसकी बदौलत वे 2012 तक सूबे की सत्ता में रहीं.

लेकिन तब से लेकर अब अयोध्या की सरयू से लेकर लखनऊ की गोमती तक मे इतना पानी बह चुका है कि जिसने प्रदेश की राजनीति का स्वाद और मिज़ाज,दोनों ही बदलकर रख दिया है.हालांकि यूपी की सियासत की नब्ज़ समझने वाले मानते हैं कि चुनाव से ऐन पहले ब्राह्मणों के बीच अपनी पैठ मजबूत करने की रणनीति के पीछे दिमाग मायावती का नहीं बल्कि संतीश मिश्र का है.क्योंकि प्रदेश में ये एक आम धारणा बन गई है कि पिछले साढे चार साल में बीजेपी सरकार में ब्राह्मणों को टारगेट किया गया और कई मामलों में बेवजह भी उनका उत्पीड़न भी किया गया,इसलिये इस वर्ग का एक बड़ा हिस्सा योगी सरकार से नाराज है.

बीएसपी को लगता है कि ऐसे समय में उनके प्रति सहानुभूति जताकर और उनके मुद्दों को प्रभावी तरीके से उठाकर उनकी नाराज़गी को अपने पक्ष में भुनाया जा सकता है.लिहाजा संतीश मिश्रा ने अपने भाषणों में अयोध्या के राम मंदिर निर्माण से लेकर पुलिस एनकाउंटर में मारे गये ब्राह्मणों का जिक्र करके उनके जख्मों को और गहरा करने की मुहिम छेड़ दी है.

अभी ये अनुमान लगाना मुश्किल है कि इन सम्मेलनों के जरिये मायावती किस हद तक ब्राह्मणों को रिझाने और अपनी राजनीति को जिंदा करने में कामयाब होंगी.लेकिन बीजेपी के रणनीतिकारों को इसे पार्टी के लिए खतरे का संकेत इसलिये समझना चाहिये कि उनके सबसे मजबूत वोट बैंक में अगर थोड़ी-सी भी सेंध लगती है,तो वो चुनावी नतीजों के गणित को काफी हद तक बदल सकती है.ऐसा नहीं हो सकता कि बीजेपी नेतृत्व को इसका अहसास न हो. 

ऐसी ख़बर है कि योगी सरकार के मंत्रिमंडल के जल्द होने वाले विस्तार में ब्राह्मणों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देकर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की जायेगी.पिछले दिनों ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आये जितिन प्रसाद को ब्राह्मणों का चेहरा तो समझा जाता है लेकिन वे इतना बड़ा चेहरा भी नहीं हैं कि उन्हें मंत्री बनाकर पार्टी पूरे वर्ग की नाराज़गी को दूर कर सके,इसलिये कह सकते हैं कि बीजेपी के लिए कठिन डगर है ब्राह्मणों को मनाने की. 

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

WPL 2025: गुजरात ने यूपी वॉरियर्स को बुरी तरह रौंदा, 6 विकेट से दर्ज की बंपर जीत
गुजरात ने यूपी वॉरियर्स को बुरी तरह रौंदा, 6 विकेट से दर्ज की बंपर जीत
Delhi Railway Station Stampede: एक दौर था, जब हादसा होते ही रेल मंत्री दे देते थे इस्तीफा! नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोले इमरान प्रतापगढ़ी?
एक दौर था, जब हादसा होते ही रेल मंत्री दे देते थे इस्तीफा! नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोले इमरान प्रतापगढ़ी?
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनी इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर छापे खूब नोट, अब ओटीटी पर यहां हो रहीं स्ट्रीम
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनीं ये हिट फिल्में, OTT पर देखें
ABP Premium

वीडियोज

New Delhi Railway Station Stampede: नहीं थे इंतजाम...फिर क्यों किए दावे तमाम? | Breaking NewsNew Delhi Railway Station Stampede: 3 ट्रेन.. 1 प्लेटफॉर्म.. तय था मौत का तूफान! | Breaking NewsDelhi Railway Station Stampede: प्रयागराज से दिल्ली..बदला कुछ नहीं! नई दिल्ली भगदड़ के 'वो' विलेन!Sandeep Chaudhary: कोई नहीं कसूरवार.. जनता अपनी जान की खुद कसूरवार ! Delhi Railway Station Stampede

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
WPL 2025: गुजरात ने यूपी वॉरियर्स को बुरी तरह रौंदा, 6 विकेट से दर्ज की बंपर जीत
गुजरात ने यूपी वॉरियर्स को बुरी तरह रौंदा, 6 विकेट से दर्ज की बंपर जीत
Delhi Railway Station Stampede: एक दौर था, जब हादसा होते ही रेल मंत्री दे देते थे इस्तीफा! नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोले इमरान प्रतापगढ़ी?
एक दौर था, जब हादसा होते ही रेल मंत्री दे देते थे इस्तीफा! नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर क्या बोले इमरान प्रतापगढ़ी?
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनी इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर छापे खूब नोट, अब ओटीटी पर यहां हो रहीं स्ट्रीम
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनीं ये हिट फिल्में, OTT पर देखें
SME IPO News: शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
हैवी ड्राइवर! लैपटॉप चलाते हुए कार ड्राइव कर रही महिला का हुआ मोटा चालान, वायरल हो रहा वीडियो
हैवी ड्राइवर! लैपटॉप चलाते हुए कार ड्राइव कर रही महिला का हुआ मोटा चालान, वायरल हो रहा वीडियो
IPL 2025 DC Schedule: 25 मार्च को गुजरात टाइटंस से दिल्ली कैपिटल्स का पहला मैच, जानें DC का फुल शेड्यूल
25 मार्च को गुजरात टाइटंस से दिल्ली कैपिटल्स का पहला मैच, जानें DC का फुल शेड्यूल
Myths Vs Facts: क्या पीरियड्स में गड़बड़ी गंभीर बीमारी के हैं लक्षण?  जानें क्या है पूरा सच
क्या पीरियड्स में गड़बड़ी गंभीर बीमारी के हैं लक्षण? जानें क्या है पूरा सच
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.