चौधरी देवीलाल की आज पुण्यतिथि है. उन्होंने अपना पूरा जीवन कैसे देश को विकसित किया जाए, शोषितों को ताकत दी जाए, सोशल अपलिफ्टमेंट कैसे हो, चाहे वो जच्चा-बच्चा योजना हो, चाहे वो मनरेगा का जो पुराना फॉर्मैट था- काम के बदले अनाज, या फिर ओल्ड एज स्कीम हो या फिर ऐसी और भी कई योजनाएं, देवीलाल जी ने उनको अपना जीवन दिया. खासकर सोशल अपलिफ्टमेंट और कमेरों (कामगारों-मजदूरों) को लेकर उनका विज़न बहुत साफ था. 


भाजपा के साथ गठबंधन बना रहेगा?
देखिए, आज गठबंधन है और मुझे पूर्ण विश्वास है कि आगे भी गठबंधन रहेगा. बहुत से लोग थे जो सरकार के बने हुए तीन महीने हुए थे, तब से गठबंधन तोड़ने में लगे थे. वे ऐसा विचार रखते थे. साढ़े तीन साल से हम प्रदेश को आगे कैसे बढ़ाया जाए, उसी पर काम कर रहे हैं. हम लगातार गठबंधन निभा रहे हैं.


उचाना सीट मेरी है, वहीं से लड़ूंगा
पार्टी पूरी तरह तैयार है. संगठन ने 10 की 10 लोकसभा और 90 विधानसभा सीटों पर काम शुरू कर रखा है. मैं उचाना सीट से ही लड़ूंगा. बाकी अगर किसी को भी वहां से लड़ना है तो उनकी इच्छा. चार साल में बड़ी मजबूती से हमने संगठन का विस्तार किया है. हम पूरी ताकत से लड़ेंगे. 



वृद्धा पेंशन को बढ़ाकर 5100 करेंगे
आज हम एलायंस में हैं. दोनों पार्टियां जब पावर में आई थीं, तो हमने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम किया था. उसके अंदर तीन साल में हमने देश में सबसे अधिक 750 रुपए बढ़ाकर बु़ढ़ापा पेंशन 2750 रुपए कर दिया है. यह देश में सबसे अधिक है.  गठबंधन पर आप दो बार पूछ चुके हैं. मुझे तो कोई संदेह कहीं से है नहीं. किसी के मन में कोई संशय हो तो वह जवाब दें. हमारे मन में तो कोई संशय है नहीं. संगठन का हमने विस्तार किया है. हमने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड और पंजाब के अंदर पार्टी का विस्तार किया है. एक दिन में तो हम हरियाणा जैसा संगठन नहीं खड़ा कर सकते, लेकिन हम लगे हुए हैं. जुटे हुए हैं. 


यात्राएं हमारे नजरिए से अच्छी हैं
राजनीति के अंदर हर प्रकार के कदम बदलाव लाते हैं, कुछ ना कुछ. तो, राहुल गांधी की यात्रा हो या कोई और, अच्छा है. चाहे वो खुद के लिए बदलाव लाएं, सत्ता के लिए लाएं या विपक्ष के लिए लाएं. यात्राओं पर अभी तो कुछ कहना जल्दबाजी होगी. हां, लोकसभा-विधानसभा चुनाव में कोई परिणाम बदलें तो फिर बात हो सकती हैं. मैं तब टिप्पणी कर सकता हूं. 


हरियाणा के लोगों के लिए तो मेरा संदेश है कि जो अभी बेमौसम बारिश और ओलों से फसल की खराबी हुई है, उससे किसान घबराएं नहीं. सरकार जल्द ही क्षेत्रों का सर्वे कर उचित समाधान इस मसले का करेगी.


[ये आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है]