(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
एग्जिट पोल के मुताबिक बचेगी आन या शान से आएंगे मोदी?
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने में अब बस एक रात का फासला ही बचा है। आने वाली नई सुबह किसकी किस्मत में क्या नया लेकर आती है
वैसे तो आज का दिन नेताओं के लिए धक-धक डे है क्योंकि बस चंद घंटों बाद 23 मई की नई सुबह कई तरह की इबारत लिखने की तैयारी कर रही है क्योंकि 23 मई है आम चुनाव 2019 के नतीजे का दिन, जिसका इंतजार पूरा देश कर रहा है। ये पूरा चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के इर्द-गिर्द ही लड़ा गया है। तो नतीजा भी मोदी के इर्द-गिर्द ही रहने वाला है। मोदी को ही जीतना है और विपक्ष को मोदी को ही हराना है। इसके सिवा पूरे चुनाव में कुछ नज़र नहीं आया एग्जिट पोल तो मोदी की वापसी दिखा रहे हैं, लेकिन विपक्ष हर हाल में सत्ता हासिल करने की कवायद में जुटा है। ईवीएम में हेरफेर से लेकर ईवीएम की चौकीदारी तक सारे टोटके आज़माए जा रहे हैं। दक्षिण से पूरब तक विपक्षी एकजुटता की माला पिरोई जा रही है। इन सारी कवायद के बीच कई सवाल हैं जो आज इस धक-धक डे पर आपके दिल में भी धड़क रहे होंगे।
एग्जिट पोल के मुताबिक बचेगी आन या शान से आएंगे मोदी? अनुमानों के बावजूद विपक्ष की कवायद अंडर करंट का इशारा? 'चौकीदार चोर' से ईवीएम की चौकीदारी तक विपक्षी हथकंडे फ्लॉप?
मंगलवार को जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एनडीए की बैठक बुलाई और दिल्ली के होटल अशोका में भोज कराया तो एनडीए के नेताओं का उत्साह चरम पर था। सबने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत किया, स्वागत करने वालों में एनडीए के कई बड़े नेता जिनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पांच सालों में कई बार सरकार को निशाने पर लेने वाले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे। शिरोमणि अकाली दल के मुखिया प्रकाश सिंह बादल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीसामी जैसी हस्तियां मौजूद रहीं। डिनर पार्टी में एनडीए के 36 घटक दलों के नेता शामिल हुए। तीन पार्टियां शामिल नहीं हो पाईं, जिन्होंने लिखित में अपना समर्थन दिया। इस दौरान मोदी के समर्थन में प्रस्ताव पास किया गया।
तमाम एग्जिट पोल में एनडीए को 277 से लेकर साढ़े तीन सौ के पार तक सीटें मिलती दिख रही हैं। यानी मोदी की वापसी तय मानी जा रही है, बस देखना ये है कि वो पूरी शान से लौट रहे हैं या सिर्फ आन बचा पा रहे हैं। एग्जिट पोल की इन्हीं तस्वीरों ने विपक्ष को बेचैन कर दिया है। अब ईवीएम के सहारे वो अपनी साख पर लग रहे दाग़ को साफ करने की जुगत में है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट से लेकर चुनाव आयोग तक ईवीएम को बेदाग़ बचा चुके हैं।
वैसे एग्जिट पोल को अंतिम नतीजा नहीं माना जा सकता, इसलिए साख बचाने की कवायद के साथ ही किसी अंडरकरंट को भांपने की कवायद भी विपक्ष अबतक कर रहा है और नतीजों से पहले ही जोड़तोड़ की सरकार बनाने की कवायद भी तेज़ है। चंद्रबाबू नायडू के मेल-मुलाकात के दौर और आज यूपीए चेरयरपरसन सोनिया गांधी की मीटिंग इसी बात का इशारा है...तो सवाल ये कि एग्जिट पोल के मुताबिक बचेगी आन या शान से आएंगे मोदी? अनुमानों के बावजूद विपक्ष की कवायद अंडर करंट का इशारा? 'चौकीदार चोर' से ईवीएम की चौकीदारी तक विपक्षी हथकंडे फ्लॉप ?