एक्सप्लोरर

तीन तानाशाहों की सनक से दुनिया में आएगी तबाही?

अंग्रेजी में एक पुरानी कहावत है जिसे अगर हिंदी में कहें तो वह ये है कि ताकत आपको भ्रष्ट बनाती है, लेकिन लगातार सत्ता में रहते हुए मिलने वाली ताकत एक शासक को निरकुंश बना देती है. फिलहाल दुनिया में तीन देशों के लिए ये कहा जा सकता है कि वहां कहने के लिए तो लोकतंत्र है, लेकिन वहां के हुक्मरानों का बर्ताव किसी तानाशाह से कम नहीं है. इसमें सबसे पहला नाम नार्थ कोरिया का आता है और उसके बाद चीन और रुस को इसमें शामिल करना गलत नहीं होगा. इन तीनों ही मुल्कों की कमान संभालने वालों की कार्यशैली पर बारीकी से अगर गौर करेंगे तो यही लगेगा कि ये तीनों एक ही स्कूल के छात्र रहे हैं. देश की राजनीति में विपक्ष को कैसे खत्म करना है,मीडिया को कैसे काबू करना है और सरकार के खिलाफ उठने वाली किसी भी आवाज़ को कैसे खामोश कराना है,उस खेल के ये माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं और इसमें वे कामयाब भी हो रहे हैं. लेकिन बड़ा सवाल ये उठता है कि इन तीनों देशों के लोग लोकतंत्र के नाम पर ये तानाशाही झेलने के लिए आखिर मजबूर क्यों हैं?

क्या इसलिये कि वहां मजबूत विपक्ष नहीं है या फिर उसे मजबूत बनने से पहले ही उस अंज़ाम तक पहुंचा दिया गया,ताकि देश की जनता को भी ये अहसास हो जाये कि सरकार के विरोध में उठने वाली हर आवाज़ को ऐसे ही कुचल दिया जाता है. किसी भी देश की जनता में पैदा किया गया ऐसा डर ही वहां के लोकतंत्र को तानाशाही में बदल देता है और फिर धीरे-धीरे वहां के लोग भी वैसे ही माहौल में जिंदगी जीने के आदी नहीं बल्कि मजबूर हो जाते हैं. एक सदी पहले तक दुनिया के अधिकतर मुल्कों में रही साम्राज्यवादी व्यवस्था ने ही तानाशाही को पैदा किया लेकिन बाद में,जब वहां लोकतंत्र आया,तब भी बोलबाला उसी तानाशाही का ही रहा.

दुनिया की सियासत में जब भी किसी तानाशाह की बात होती है,तो अक्सर सबकी जुबान पर पहला नाम हिटलर का ही आता है. हालांकि इतिहास तो ये बताता है कि लोगों ने हिटलर से भी बड़े क्रूर तानाशाहों के अत्याचारों को झेला भी है और फिर आखिरी वक्त में उनके अंजाम को भी देखा है.  हिंदू धर्म में 'स्वस्तिक' के चिन्ह को बेहद शुभ माना जाता है लेकिन शायद कम लोग ही ये जानते होंगे कि जर्मनी के तानाशाह रहे अडोल्फ हिटलर खुद को आर्य  समझते थे और उनकी पार्टी का चिन्ह भी स्वस्तिक ही था. हालांकि इतिहास के पन्नों में हिटलर को आज भी सबसे क्रूर इसीलिये माना जाता है क्योंकि उसने लाखों यहुदियों को जिंदा जलवा दिया था.  ऑस्ट्रिया में 1889 में जन्में हिटलर बेहद कम वक्त में ही राष्ट्रीय समाजवादी जर्मन कामगार पार्टी (NSDAP) के बड़े नेता बन गए थे और फिर पूरी पार्टी पर अपना वर्चस्व कायम करने के बाद कई सालों तक जर्मनी पर राज किया. लेकिन हिटलर को द्वितीय विश्वयुद्ध छेड़ने का सबसे बड़ा दोषी माना जाता है क्योंकि उसके आदेश पर ही नाजी सेना ने पोलैंड पर हमला किया था.  फ्रांस और ब्रिटेन ने पोलैंड को सुरक्षा देने का वादा किया था और वादे के अनुसार उन दोनों ने नाजी जर्मनी के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया जिसके चलते यूरोप में लाखों लोग मारे गए थे. यूक्रेन पर हमला करके रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी कुछ वैसा ही मंज़र दिखाया है. हालांकि उस वक़्त की तरह इस बार भी फ्रांस व ब्रिटेन ने यूक्रेन को सुरक्षा देने का वादा तो किया था लेकिन वह जमीन पर कहीं नजर नहीं आ रहा,इसलिये यूक्रेन अकेला पड़ने के साथ ही असहाय भी हो गया है.

लेकिन दुनिया का कोई भी मनोवैज्ञानिक अब तक पुख्ता तौर से ये नतीजा नहीं निकाल पाया कि लाखों लोगों को मरवाने वाले दुनिया के सबसे क्रूर तानाशाह हिटलर को आखिर आत्महत्या करने के लिए मजबूर क्यों होना पड़ा था. गौरतलब है कि हिटलर ने 1945 में पत्नी इवा ब्राउन के साथ अपने बंकर में आत्महत्या कर ली थी.  द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम दिनों में जब सोवियत संघ की रेड आर्मी धीरे-धीरे बर्लिन पर अपना घेरा कस रही थी, तो हिटलर ने पकड़े जाने के डर से खुद को खत्म कर लिया था.  वैसे इतिहास के पन्ने खोलकर देखें,तो हिटलर के अलावा भी बहुत सारे तानाशाहों के नाम उनके जुर्म की स्याही से रंगे हुए हैं. इनमें रुस के जोसफ स्टालिन का नाम प्रमुख है,जिन्हें दो करोड़ लोगों को मारने का दोषी ठहराया जाता है.

दूसरा बड़ा नाम माओ जेडॉन्ग यानी माओत्से तुंग का है ,जो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का संस्थापक था.  भले ही चीनी इसकी तारीफ करते हुए आज भी नहीं थकते लेकिन इतिहास के मुताबिक वह एक खूंखार तानाशाह था, जिसकी नीतियों और अत्याचार के कारण तकरीबन 4 करोड़ लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. माओ का इलाज करने वाले डॉक्टर जी शी ली की किताब के अनुसार, उसने अपनी पूरी जिंदगी में कभी ब्रश नहीं किया था. उसी किताब में यह भी लिखा गया है कि वह कभी कभार ही नहाया करता था. 1893 में जन्मे माओ को ही आधुनिक चीन का संस्थापक माना जाता है.

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी उसी माओ की नीति पर ही आगे चल रहे हैं और उन्होंने संविधान में ये इंतज़ाम भी करा लिया है कि अब वे मरते दम तक इसी पद पर रह सकते हैं. चीन में न तो मीडिया को कोई आजादी है और न ही सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की कोई छूट. गलती से अगर किसी ने ऐसा कर दिया,तो कई साल की जेल की सजा उसके लिए तैयार है. रुस को फिर से सोवियत संघ बनाने के मकसद से अपने पड़ोसी मुल्क यूक्रेन पर हमला करने वाले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी संविधान में ऐसा संशोधन करवा लिया है कि वे अगले और 14 साल तक इस पद पर बने रह सकते हैं. पुतिन ने रुस में विपक्ष को लगभग खत्म कर दिया है और पूरा मीडिया उनके काबू में है. किसी में ये जुर्रत नहीं कि वो पुतिन विरोधी कोई खबर न्यूज़ चैनल पर दिखा सके.

उधर,उत्तर कोरिया के मुखिया किम जोंग की तो चीन और रुसी शासकों से तुलना करना ही बेकार है क्योंकि जो उन्हें पसंद नहीं,वे उसे मौत की सजा सिर्फ सुनाते नहीं बल्कि अपनी आंखों के सामने उसे अंज़ाम हुए देखते हैं. वहां न विपक्ष है,न मीडिया की कोई हैसियत. सारी ताकत का एकमात्र नाम किम है. सवाल उठता है कि ये तीन तानाशाह आखिर दुनिया को किस तबाही की तरफ धकेल रहे हैं और इन्हें रोकने का क्या कोई उपाय है?

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

हिंदुओं पर अत्याचार, क्या एक्शन लेगा बांग्लादेश? भारत लौटे विदेश सचिव ने बताए पड़ोसी देश के मंसूबे
हिंदुओं पर अत्याचार, क्या एक्शन लेगा बांग्लादेश? भारत लौटे विदेश सचिव ने बताए पड़ोसी देश के मंसूबे
'बिहार में सरकार बनी तो एक डिप्टी सीएम मुस्लिम होगा', कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम का दावा
'बिहार में सरकार बनी तो एक डिप्टी सीएम मुस्लिम होगा', कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम का दावा
Aaliyah Kashyap Wedding Reception: गोल्ड प्लेटेड ड्रेस में मॉडर्न ब्राइड बनीं आलिया, साड़ी में छाईं सुहाना खान, देखें तस्वीरें
आलिया कश्यप के वेडिंग रिसेप्शन में सजी सितारों की महफिल, सुहाना-शोभिता भी पहुंचे
Jungle Camps India IPO GMP: पैसा डबल करने वाला IPO, बस कल तक का है मौका, GMP देखकर हो जाएंगे हैरान
पैसा डबल करने वाला IPO, बस कल तक का है मौका, GMP देखकर हो जाएंगे हैरान
ABP Premium

वीडियोज

विस्तार से देखिए बड़ी खबरेंPM मोदी ने की रणबीर-सैफ अली खान से बात, आलिया-रिद्धिमा-भरत साहनी भी दिखे साथ'सिस्टम'...ससुराल और सुसाइड , इंजीनियर अतुल का आखिरी वीडियोसिस्टम ने ली अतुल सुभाष की जान या पत्नी की प्रताड़ना से की आत्महत्या?

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
हिंदुओं पर अत्याचार, क्या एक्शन लेगा बांग्लादेश? भारत लौटे विदेश सचिव ने बताए पड़ोसी देश के मंसूबे
हिंदुओं पर अत्याचार, क्या एक्शन लेगा बांग्लादेश? भारत लौटे विदेश सचिव ने बताए पड़ोसी देश के मंसूबे
'बिहार में सरकार बनी तो एक डिप्टी सीएम मुस्लिम होगा', कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम का दावा
'बिहार में सरकार बनी तो एक डिप्टी सीएम मुस्लिम होगा', कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम का दावा
Aaliyah Kashyap Wedding Reception: गोल्ड प्लेटेड ड्रेस में मॉडर्न ब्राइड बनीं आलिया, साड़ी में छाईं सुहाना खान, देखें तस्वीरें
आलिया कश्यप के वेडिंग रिसेप्शन में सजी सितारों की महफिल, सुहाना-शोभिता भी पहुंचे
Jungle Camps India IPO GMP: पैसा डबल करने वाला IPO, बस कल तक का है मौका, GMP देखकर हो जाएंगे हैरान
पैसा डबल करने वाला IPO, बस कल तक का है मौका, GMP देखकर हो जाएंगे हैरान
Watch: आपस में ही भिड़ गए भारतीय खिलाड़ी, अंपायर को करना पड़ा बीच-बचाव
आपस में ही भिड़ गए भारतीय खिलाड़ी, अंपायर को करना पड़ा बीच-बचाव
Vastu Tips: तलवार घर में रख सकते हैं क्या ?
तलवार घर में रख सकते हैं क्या ?
किडनैपिंग के बाद सदमे में हैं सुनील पाल, मेरठ पुलिस को वाइफ सरिता पाल ने सुनाई पूरी दास्तान
किडनैपिंग के बाद सदमे में हैं सुनील पाल, वाइफ सरिता पाल ने सुनाई पूरी दास्तान
दिल्ली विश्वविद्यालय में निकली असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती, केवल इस डेट तक ही कर सकते हैं अप्लाई
दिल्ली विश्वविद्यालय में निकली असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती, केवल इस डेट तक ही कर सकते हैं अप्लाई
Embed widget