(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
क्या एशेज में आगे भी देखने को मिलेगी लॉर्ड्स जैसी लड़ाई ?
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा है कि टेस्ट क्रिकेट को जिंदा रखने के लिए एशेज जैसी सीरीज होनी चाहिए.
एशेज सीरीज के दो टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं. तीसरा टेस्ट मैच 22 अगस्त से लीड्स में खेला जाना है. अब तक खेले गए दो टेस्ट मैचों के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम को 1-0 की बढ़त हासिल है. जो उसने बर्मिंघम में खेले गए पहले टेस्ट मैच में मेजबान इंग्लैंड को 251 रनों से हराकर हासिल की थी. इसके बाद लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में कंगारुओं की हालत कुछ देर के लिए खराब दिख रही थी. लेकिन आखिरकार उन्होंने मैच बचा लिया.
लॉर्ड्स टेस्ट मैच के ड्रॉ होने की एक बड़ी वजह बनी- बारिश. बारिश की वजह से पहले दिन का खेल हो ही नहीं पाया. बाद के चार दिनों में भी बीच बीच में बारिश ने रोड़ा डाला. बावजूद इसके जब भी गेंद और बल्ले की लड़ाई हुई ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दोनों ने एक दूसरे को जबरदस्त टक्कर दी. जिस मैच में कई सेशन का खेल बारिश की भेंट चढ़ जाए उसका नतीजे के इतने करीब पहुंचना हर किसी को चौंकाता है.
पहली पारी में जब इंग्लैंड की टीम 258 रनों पर ही सिमट गई तो लगा कि उसके सामने एक और हार खड़ी है. लेकिन इंग्लिश गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को 250 रनों पर ही समेट कर मैच में वापसी कर ली. पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के लिए स्टीव स्मिथ के 92 रन एक बार फिर काम आए. उन्होंने चोट के बाद भी मैदान में उतरने का जज्बा दिखाया. जिसकी चर्चा इस वक्त विश्व क्रिकेट में हो रही है.
इंग्लिश टीम पलटवार के लिए तैयार
इंग्लैंड की टीम ने सोमवार को ही अपनी टीम का एलान भी कर दिया. सेलेक्टर्स ने तीसरे टेस्ट के लिए टीम में कोई बदलाव नहीं किया है. अभी महीने भर से कुछ ही ज्यादा समय बीता है जब इंग्लैंड ने पहली बार विश्व कप जीता था. टी-20 और वनडे के मुकाबले टेस्ट क्रिकेट में उसकी रैंकिंग भी कमजोर हुई है. अपने घर में पहला टेस्ट मैच गंवाने के बाद इंग्लिश टीम किसी भी हाल में इस सीरीज को गंवाने को तैयार नहीं है.
लॉर्ड्स टेस्ट में जिस तरह का मुकाबला दिखा उसमें इस बात की झलक भी थी. जीत-हार के अलावा टीमों की बड़ी नजर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप पर भी है. जिसका फाइनल करीब दो साल बाद लॉर्ड्स में ही खेला जाना है. लिहाजा इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया की परंपरागत लड़ाई और गंभीर हो गई है. ऑस्ट्रेलिया की टीम इसलिए भी मुश्किल में है क्योंकि स्टीव स्मिथ का तीसरे टेस्ट मैच में खेलना अभी तय नहीं है.
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी में स्टीव स्मिथ को छोड़ दें तो बाकि टॉप आर्डर बल्लेबाज बिल्कुल ही नहीं चल रहे हैं. डेविड वॉर्नर अब तक खेले गए दो टेस्ट मैच की चार पारियों में कुल 18 रन ही बना पाए हैं. ऐसे में इंग्लैंड के लिए अगले टेस्ट मैच में सीरीज की बराबरी का मौका होगा. आपको याद दिला दें कि पहले टेस्ट मैच की दोनों पारियों में स्टीव स्मिथ के शतक की बदौलत ही ऑस्ट्रेलिया ने जीत हासिल की थी. लॉर्ड्स में भी उन्होंने ही अपनी टीम को मुश्किल से निकाला. सुर्खियों में क्यों आया लॉर्ड्स टेस्ट
यूं तो जो टेस्ट मैच ड्रॉ हो जाए उसकी चर्चा कम ही होती है. लेकिन लॉर्ड्स टेस्ट में पहले स्टीव स्मिथ और फिर मार्नस लाबुशेन को जिस तरह चोट लगी वो सुर्खियों में है. इन दोनों ही गेंदबाजों को जोफ्रा आर्चर की गेंद पर चोट लगी. जोफ्रा आर्चर ने अपने टेस्ट करियर की शुरूआत लॉर्ड्स टेस्ट से ही की है. उन्हें जेम्स एंडरसन की जगह टीम में शामिल किया गया था. वनडे और टी-20 में अपनी धारदार गेंदबाजी से सुर्खियों में रहे जोफ्रा आर्चर ने अपने पहले ही टेस्ट में अपनी रफ्तार का कहर बरपाया.
स्टीव स्मिथ को लगी चोट तो इतनी खतरनाक थी कि वो गेंद लगते ही पिच पर ही गिर गए. बाद में उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा. उस वक्त वो 80 रन पर थे. बाद में जब ऑस्ट्रेलिया का अगला विकेट गिरा तो वो दोबारा बल्लेबाजी करने के लिए आए. उन्होंने 46 मिनट के लिए मैदान छोड़ा था. बल्लेबाजी के लिए वापस आने के बाद उन्होंने तीन चौके लगाए. लेकिन उन तीनों चौकों में उनका आत्मविश्वास नहीं था. मार्नस लाबुशेन टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसे पहले खिलाड़ी बन गए जिन्हें मैच में सब्सीट्यूड बनकर बल्लेबाजी करने का मौका मिला. हाल ही में ये नियम आईसीसी ने बनाया था.