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बर्थडे स्पेशल: जानें, दिलीप कुमार की 25 चुनिंदा कहानियां...

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20. जिस वक्त मधुबाला की मौत हुई उस वक्त दिलीप कुमार मद्रास में फिल्म गोपी की शूटिंग कर रहे थे. शाम को जब तक वो वापस बंबई पहुंचे, तब तक मधुबाला को सुपुर्दे खाक किया जा चुका था. वो उनकी आखिरी झलक नहीं देख सके. वो सीधे कब्रिस्तान गए और बहुत देर तक मधुबाला की कब्र के पास खड़े रहे....देखते रहे...दुआ करते रहे...याद करते रहे...वो पल...जो दोनों ने साथ गुजारे थे.
20. जिस वक्त मधुबाला की मौत हुई उस वक्त दिलीप कुमार मद्रास में फिल्म गोपी की शूटिंग कर रहे थे. शाम को जब तक वो वापस बंबई पहुंचे, तब तक मधुबाला को सुपुर्दे खाक किया जा चुका था. वो उनकी आखिरी झलक नहीं देख सके. वो सीधे कब्रिस्तान गए और बहुत देर तक मधुबाला की कब्र के पास खड़े रहे....देखते रहे...दुआ करते रहे...याद करते रहे...वो पल...जो दोनों ने साथ गुजारे थे.
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25.“राम और श्याम” में दिलीप कुमार द्वारा निभाया गया दोहरी भूमिका (डबल रोल) आज भी लोगों को गुदगुदाने में सफल साबित होता है. 1970, 1980 और 1990 के दशक में उन्होंने कम फ़िल्मों में काम किया. इस समय की उनकी प्रमुख फ़िल्में थीं: क्रांति (1981), विधाता (1982), दुनिया (1984), कर्मा (1986), इज़्ज़तदार (1990) और सौदागर(1991). 1998 में बनी फ़िल्म “क़िला” उनकी आखिरी फ़िल्म थी.
25.“राम और श्याम” में दिलीप कुमार द्वारा निभाया गया दोहरी भूमिका (डबल रोल) आज भी लोगों को गुदगुदाने में सफल साबित होता है. 1970, 1980 और 1990 के दशक में उन्होंने कम फ़िल्मों में काम किया. इस समय की उनकी प्रमुख फ़िल्में थीं: क्रांति (1981), विधाता (1982), दुनिया (1984), कर्मा (1986), इज़्ज़तदार (1990) और सौदागर(1991). 1998 में बनी फ़िल्म “क़िला” उनकी आखिरी फ़िल्म थी.
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24. दिलीप कुमार ने बॉलीवुड के कई बड़े सितारों के साथ काम किया. फिल्म शक्ति मे उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ काम किया. इस फिल्म के लिए उन्हे बेस्ट एक्टर का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी मिला. मजे की बात तो ये है कि एक वक्त था जब कहते हैं कि ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार का एक आटोग्राफ लेने के लिए अमिताभ जब एक रेस्तरां के बाहर आधे घंटे खड़े थे उन्होंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन वो अपने इस हीरो के साथ कैमरे के सामने भी खड़े होंगे. लेकिन शक्ति सामंता की 'शक्ति' के मुहूर्त में जब बच्चन दिलीप कुमार के सामने हेलीकाप्टर से उतरे तो सातवें आसमान पर थे. दिलीप कुमार के सामने उनके पैर कांप रहे थे लेकिन फिल्म 'शक्ति' बॉलीवुड की क्लासिक फिल्मों में से एक हो गई थी.
24. दिलीप कुमार ने बॉलीवुड के कई बड़े सितारों के साथ काम किया. फिल्म शक्ति मे उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ काम किया. इस फिल्म के लिए उन्हे बेस्ट एक्टर का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी मिला. मजे की बात तो ये है कि एक वक्त था जब कहते हैं कि ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार का एक आटोग्राफ लेने के लिए अमिताभ जब एक रेस्तरां के बाहर आधे घंटे खड़े थे उन्होंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन वो अपने इस हीरो के साथ कैमरे के सामने भी खड़े होंगे. लेकिन शक्ति सामंता की 'शक्ति' के मुहूर्त में जब बच्चन दिलीप कुमार के सामने हेलीकाप्टर से उतरे तो सातवें आसमान पर थे. दिलीप कुमार के सामने उनके पैर कांप रहे थे लेकिन फिल्म 'शक्ति' बॉलीवुड की क्लासिक फिल्मों में से एक हो गई थी.
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22. इसके बाद दोनों ने फिल्म सगीना महातो में साथ काम किया और कहते हैं इस फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ गया. दिलीप कुमार ने सायरा बानो को प्रपोज किया और 1966 में दोनों की शादी हो गई. उस वक्त दिलीप कुमार 44 के और सायरा 22 की थी.
22. इसके बाद दोनों ने फिल्म सगीना महातो में साथ काम किया और कहते हैं इस फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ गया. दिलीप कुमार ने सायरा बानो को प्रपोज किया और 1966 में दोनों की शादी हो गई. उस वक्त दिलीप कुमार 44 के और सायरा 22 की थी.
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23. दिलीप कुमार हिंदी सिनेमा के पहले बड़े स्टार माने जाते हैं. उस जमाने में शो मैन राज कपूर के साथ साथ दिलीप कुमार का जलवा इस हद तक था कि इन दोनों के नाम से क्रिकेट टीम बनाकर एक सितारों भरा क्रिकेट मैच भी खेला गया था.
23. दिलीप कुमार हिंदी सिनेमा के पहले बड़े स्टार माने जाते हैं. उस जमाने में शो मैन राज कपूर के साथ साथ दिलीप कुमार का जलवा इस हद तक था कि इन दोनों के नाम से क्रिकेट टीम बनाकर एक सितारों भरा क्रिकेट मैच भी खेला गया था.
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19. 1966 में मधुबाला बुरी तरह बीमार पड़ीं थीं...उन्होने दिलीप साहब को मिलने के लिए बुलाया. इस मुलाकात का जिक्र करते हुए दिलीप कुमार ने कहा कि वो मरना नहीं चाहती थीं. मुझे बहुत अफसोस हुआ जब उन्होने मुझसे पूछा कि अगर वो ठीक हो जाएंगी तो क्या मैं उनके साथ फिर से फिल्म में काम करूंगा. मैंने उनसे कहा, तुम जरूर ठीक हो जाओगी, तुम ठीक ही हो . मैंने उनको यकीन दिलाया और वादा किया कि हां मैं तुम्हारे साथ फिल्म करूंगा लेकिन ये वादा कभी पूरा नहीं हो सका.
19. 1966 में मधुबाला बुरी तरह बीमार पड़ीं थीं...उन्होने दिलीप साहब को मिलने के लिए बुलाया. इस मुलाकात का जिक्र करते हुए दिलीप कुमार ने कहा कि वो मरना नहीं चाहती थीं. मुझे बहुत अफसोस हुआ जब उन्होने मुझसे पूछा कि अगर वो ठीक हो जाएंगी तो क्या मैं उनके साथ फिर से फिल्म में काम करूंगा. मैंने उनसे कहा, तुम जरूर ठीक हो जाओगी, तुम ठीक ही हो . मैंने उनको यकीन दिलाया और वादा किया कि हां मैं तुम्हारे साथ फिल्म करूंगा लेकिन ये वादा कभी पूरा नहीं हो सका.
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18. दिलीप कुमार और मधुबाला का रिश्ता तो टूट चुका था लेकिन फिल्म मुगल-ए-आजम की शूटिंग अभी बाकी थी और इस फिल्म के एक सीन की शूटिंग के दौरान थप्पड़ की ऐसी गूंज सुनाई दी कि हर कोई सन्न रह गया. मुगल ए आज़म की शूटिंग अभी बाक़ी थी....मुगल ए आज़म का एक बेहद खास सीन फिल्माया जाना था जिसमें शहज़ादा सलीम  अनारकली को थप्पड़ मारता है. इन दिनों दिलीप साहब और मधुबाला के बीच बिलकुल बातचीत  नहीं होती थी...लेकिन इस सीन के दौरान मोहब्बत और रुसवाई के दबे हुए सारे जज़्बात उभर आए...और सीन के दौरान दिलीप कुमार मधुबाला के गाल पर पूरी ताक़त से झन्नाटेदार थप्पड़ रसीद कर दिया...
18. दिलीप कुमार और मधुबाला का रिश्ता तो टूट चुका था लेकिन फिल्म मुगल-ए-आजम की शूटिंग अभी बाकी थी और इस फिल्म के एक सीन की शूटिंग के दौरान थप्पड़ की ऐसी गूंज सुनाई दी कि हर कोई सन्न रह गया. मुगल ए आज़म की शूटिंग अभी बाक़ी थी....मुगल ए आज़म का एक बेहद खास सीन फिल्माया जाना था जिसमें शहज़ादा सलीम अनारकली को थप्पड़ मारता है. इन दिनों दिलीप साहब और मधुबाला के बीच बिलकुल बातचीत नहीं होती थी...लेकिन इस सीन के दौरान मोहब्बत और रुसवाई के दबे हुए सारे जज़्बात उभर आए...और सीन के दौरान दिलीप कुमार मधुबाला के गाल पर पूरी ताक़त से झन्नाटेदार थप्पड़ रसीद कर दिया...
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17. ट्रायल के दौरान दिलीप कुमार और मधुबाला का कोर्ट में आमना-सामना हुआ. दिलीप कुमार ने उसूलों की इस लड़ाई में बी आर चोपड़ा का साथ देने का फैसला किया और कोर्ट में उन्होने मधुबाला और उनके पिता के खिलाफ सबूत पेश किए. खूब हंगामा हुआ...ट्रायल के दौरान दिलीप कुमार और मधुबाला के रिश्ते का जिक्र भी हुआ. दिलीप कुमार ने कोर्ट में मधुबाला के खिलाफ कुछ कड़वी बातें भी कही. जब दिलीप कुमार उनके बारे में ये सब कह रहे तो मधुबाला ने अपने वकील आर डी चड्ढा से कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि यही वो शख्स है जो मुझसे बेपनाह मोहब्बत करता था और जिसे मैंने दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार किया. लेकिन तमाम बहस और बयानों के बावजूद दिलीप कुमार मधुबाला के लिए अपनी मोहब्बत को छुपा नहीं सके. सुनवाई के दौरान गवाही देते हुए दिलीप कुमार ने भरी अदालत में एलान किया, योर ओनर मैं इस औरत से प्यार करता हूं और अपनी जिंदगी के आखिरी दिन तक इससे प्यार करता रहूंगा.
17. ट्रायल के दौरान दिलीप कुमार और मधुबाला का कोर्ट में आमना-सामना हुआ. दिलीप कुमार ने उसूलों की इस लड़ाई में बी आर चोपड़ा का साथ देने का फैसला किया और कोर्ट में उन्होने मधुबाला और उनके पिता के खिलाफ सबूत पेश किए. खूब हंगामा हुआ...ट्रायल के दौरान दिलीप कुमार और मधुबाला के रिश्ते का जिक्र भी हुआ. दिलीप कुमार ने कोर्ट में मधुबाला के खिलाफ कुछ कड़वी बातें भी कही. जब दिलीप कुमार उनके बारे में ये सब कह रहे तो मधुबाला ने अपने वकील आर डी चड्ढा से कहा, मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि यही वो शख्स है जो मुझसे बेपनाह मोहब्बत करता था और जिसे मैंने दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार किया. लेकिन तमाम बहस और बयानों के बावजूद दिलीप कुमार मधुबाला के लिए अपनी मोहब्बत को छुपा नहीं सके. सुनवाई के दौरान गवाही देते हुए दिलीप कुमार ने भरी अदालत में एलान किया, योर ओनर मैं इस औरत से प्यार करता हूं और अपनी जिंदगी के आखिरी दिन तक इससे प्यार करता रहूंगा.
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21. मधुबाला के साथ तो दिलीप कुमार की मुहब्बत मुकाम तक नहीं पहुंच सकी लेकिन उसके बाद उनकी जिंदगी में आई सायरा बानो ...सायरा बानो ने कभी दिलीप कुमार के साथ काम नहीं किय़ा था लेकिन दोनों के परिवारों का आपस में मिलना जुलना था और दिलीप कुमार सायरा बानो को बच्ची समझते थे. फिल्मकार महबूब खान की एक पार्टी में सायरा बानो की दिलीप कुमार से मुलाकात हुई. वहां जब किसी ने दिलीप कुमार को बताया कि सायरा आपको बहुत बड़ी फैन हैं और आपके साथ काम करना चाहती हैं तब दिलीप कुमार ने सायरा बानो को अपने बाल दिखाते हुए कहा कि वो उनसे काफी बड़े हैं और उनके सामने सायरा बच्ची हैं. लेकिन सायरा ने उनसे कहा कि वो इन बालों में काफी अलग लग रहे हैं.
21. मधुबाला के साथ तो दिलीप कुमार की मुहब्बत मुकाम तक नहीं पहुंच सकी लेकिन उसके बाद उनकी जिंदगी में आई सायरा बानो ...सायरा बानो ने कभी दिलीप कुमार के साथ काम नहीं किय़ा था लेकिन दोनों के परिवारों का आपस में मिलना जुलना था और दिलीप कुमार सायरा बानो को बच्ची समझते थे. फिल्मकार महबूब खान की एक पार्टी में सायरा बानो की दिलीप कुमार से मुलाकात हुई. वहां जब किसी ने दिलीप कुमार को बताया कि सायरा आपको बहुत बड़ी फैन हैं और आपके साथ काम करना चाहती हैं तब दिलीप कुमार ने सायरा बानो को अपने बाल दिखाते हुए कहा कि वो उनसे काफी बड़े हैं और उनके सामने सायरा बच्ची हैं. लेकिन सायरा ने उनसे कहा कि वो इन बालों में काफी अलग लग रहे हैं.
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16. दिलीप साहब मधुबाला की जिंदगी से तो चले गए थे लेकिन ये दोनों अब भी कुछ फिल्मों में साथ काम कर रहे थे. मुगल ए आज़म अभी पूरी नहीं हुई थी और बी आर चोपड़ा की नया दौर की आउटडोर शूटिंग का वक्त भी आ चुका था. नया दौर की हीरोइन मधुबाला थीं. फिल्म की चालीस दिन की शूटिंग भोपाल में होनी थी में होनी थी लेकिन  मधुबाला के पिता अताउल्लाह खान ने उन्हें भोपाल भेजने से साफ इंकार कर दिया. इसकी वजह मधुबाला की खराब हो रही सेहत और साथ ही दिलीप कुमार भी थे. बीआर चोपड़ा ने बहुत समझाया लेकिन अताउल्ला खान नहीं मानें. नाराज़ होकर बीआर चोपड़ा ने फौरन मधुबाला को फिल्म से निकाल दिया और वैजयंती माला को फिल्म की हीरोइन बना दिया. इसके बाद अताउल्ला खान नेो बीआर चोपड़ा पर केस ठोक दिया. ये कहते हुए कि उन्होने गलत कारणों से मधुबाला को फिल्म से निकाला है जबकि फिल्म की शूटिग बंबई में भी की जा सकती थी. जवाब में बीआर चोपड़ा ने भी मधुबाला को दिया साइनिंग अमाउंट वापस मांगते हुए अताउल्लाह खान पर एक क्रिमिनल केस ठोक दिया.
16. दिलीप साहब मधुबाला की जिंदगी से तो चले गए थे लेकिन ये दोनों अब भी कुछ फिल्मों में साथ काम कर रहे थे. मुगल ए आज़म अभी पूरी नहीं हुई थी और बी आर चोपड़ा की नया दौर की आउटडोर शूटिंग का वक्त भी आ चुका था. नया दौर की हीरोइन मधुबाला थीं. फिल्म की चालीस दिन की शूटिंग भोपाल में होनी थी में होनी थी लेकिन मधुबाला के पिता अताउल्लाह खान ने उन्हें भोपाल भेजने से साफ इंकार कर दिया. इसकी वजह मधुबाला की खराब हो रही सेहत और साथ ही दिलीप कुमार भी थे. बीआर चोपड़ा ने बहुत समझाया लेकिन अताउल्ला खान नहीं मानें. नाराज़ होकर बीआर चोपड़ा ने फौरन मधुबाला को फिल्म से निकाल दिया और वैजयंती माला को फिल्म की हीरोइन बना दिया. इसके बाद अताउल्ला खान नेो बीआर चोपड़ा पर केस ठोक दिया. ये कहते हुए कि उन्होने गलत कारणों से मधुबाला को फिल्म से निकाला है जबकि फिल्म की शूटिग बंबई में भी की जा सकती थी. जवाब में बीआर चोपड़ा ने भी मधुबाला को दिया साइनिंग अमाउंट वापस मांगते हुए अताउल्लाह खान पर एक क्रिमिनल केस ठोक दिया.
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15. अपने यूसुफ की ये शर्त सुनकर...मधुबाला खामोश हो गईं....उनके होठों से एक लफ़्ज़ भी निकला... उनकी खामोशी देखकर दिलीप कुमार बोले, क्या इसका मतलब ये है कि तुम मुझसे शादी नहीं करना चाहतीं? लेकिन मधुबाला की चुप्पी नहीं टूटी..मधुबाला की खामोशी से दिलीप कुमार का गुस्सा बढ़ता जा रहा था...वो फिर बोले, अगर आज मैं आज यहां से अकेले गया तो फिर कभी लौटकर तुम्हारे पास नहीं आऊंगा. मधुबाला चुप रहीं....और उनकी आंखों के सामने दिलीप कुमार उठे और वहां से चले गए. ना सिर्फ उस कमरे से बल्कि मधुबाला की ज़िंदगी से भी चले गए...हमेशा हमेशा के लिए.
15. अपने यूसुफ की ये शर्त सुनकर...मधुबाला खामोश हो गईं....उनके होठों से एक लफ़्ज़ भी निकला... उनकी खामोशी देखकर दिलीप कुमार बोले, क्या इसका मतलब ये है कि तुम मुझसे शादी नहीं करना चाहतीं? लेकिन मधुबाला की चुप्पी नहीं टूटी..मधुबाला की खामोशी से दिलीप कुमार का गुस्सा बढ़ता जा रहा था...वो फिर बोले, अगर आज मैं आज यहां से अकेले गया तो फिर कभी लौटकर तुम्हारे पास नहीं आऊंगा. मधुबाला चुप रहीं....और उनकी आंखों के सामने दिलीप कुमार उठे और वहां से चले गए. ना सिर्फ उस कमरे से बल्कि मधुबाला की ज़िंदगी से भी चले गए...हमेशा हमेशा के लिए.
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11. मुगल-ए-आज़म वो फिल्म है जो सिनेमा के इतिहास में सबसे ऊंचे पायदान पर है. लेकिन ये वो फिल्म भी है, जो दिलीप कुमार और मधुबाला की असली लव स्टोरी और इस लव स्टोरी में आए आंधी और तूफान के गवाह रही है. मुगले आज़म को बनने में तकरीबन 10 साल का लंबा वक्त लगा और इसी फिल्म के दौरान दिलीप कुमार और मधुबाला की प्रेम कहानी शुरू भी हुई, परवान भी चढ़ी और शूटिंग खत्म होते होते ये कहानी भी खत्म हो गई.
11. मुगल-ए-आज़म वो फिल्म है जो सिनेमा के इतिहास में सबसे ऊंचे पायदान पर है. लेकिन ये वो फिल्म भी है, जो दिलीप कुमार और मधुबाला की असली लव स्टोरी और इस लव स्टोरी में आए आंधी और तूफान के गवाह रही है. मुगले आज़म को बनने में तकरीबन 10 साल का लंबा वक्त लगा और इसी फिल्म के दौरान दिलीप कुमार और मधुबाला की प्रेम कहानी शुरू भी हुई, परवान भी चढ़ी और शूटिंग खत्म होते होते ये कहानी भी खत्म हो गई.
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10. मधुबाला की कमाई से ही उनके पूरे घर का खर्च चलता था, इसीलिए उनके पिता नहीं चाहते थे कि मधुबाला किसी भी अफेयर में पड़ें लेकिन एक दूसरे के इश्क़ में गिरफ्तार दिलीप कुमार और मधुबाला मिलने का कोई ना कोई तरीका ढूंढ ही लेते थे. मुगल-ए-आजम की शूटिंग के दौरान जब दिलीप कुमार की शूटिंग नहीं भी होती थी उन दिनों में भी वो मधुबाला से मिलने फिल्म के सेट पर आ जाया करते थे और चुपचाप खड़े होकर मधुबाला को शूटिंग करते हुए देखते थे. ज़ुबान जरूर खामोश रहती थी लेकिन सारी बातें आंखों ही आंखों में हो जाया करती थीं.
10. मधुबाला की कमाई से ही उनके पूरे घर का खर्च चलता था, इसीलिए उनके पिता नहीं चाहते थे कि मधुबाला किसी भी अफेयर में पड़ें लेकिन एक दूसरे के इश्क़ में गिरफ्तार दिलीप कुमार और मधुबाला मिलने का कोई ना कोई तरीका ढूंढ ही लेते थे. मुगल-ए-आजम की शूटिंग के दौरान जब दिलीप कुमार की शूटिंग नहीं भी होती थी उन दिनों में भी वो मधुबाला से मिलने फिल्म के सेट पर आ जाया करते थे और चुपचाप खड़े होकर मधुबाला को शूटिंग करते हुए देखते थे. ज़ुबान जरूर खामोश रहती थी लेकिन सारी बातें आंखों ही आंखों में हो जाया करती थीं.
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 9. 1951 में दिलीप कुमार और मधुबाला ने फिल्म तराना में एक साथ काम किया लेकिन दिलीप कुमार को ये खबर ना थी कि मधुबाला दिल ही दिल में दिलीप कुमार से प्यार करने लगी थीं और फिल्म तराना की शूटिंग के दौरान मधुबाला ने अपनी करीबी मेकअप आर्टिस्ट के हाथों दिलीप कुमार को एक ख़त भेजा...ख़त के साथ एक लाल गुलाब भी था. उर्दू में लिखे हुए इस ख़त में मधुबाला ने लिखा था, “अगर आप मुझे चाहते हैं तो ये गुलाब क़बूल फरमाइए...वरना इसे वापस कर दीजिए. ”मधुबाला की मोहब्बत की इस निशानी को दिलीप कुमार ने खुशी खुशी क़बूल कर लिया और फिर फिल्म तराना के सेट्स पर दिलीप कुमार और मधुबाला की असली लव स्टोरी भी परवान चढ़ने लगी.
9. 1951 में दिलीप कुमार और मधुबाला ने फिल्म तराना में एक साथ काम किया लेकिन दिलीप कुमार को ये खबर ना थी कि मधुबाला दिल ही दिल में दिलीप कुमार से प्यार करने लगी थीं और फिल्म तराना की शूटिंग के दौरान मधुबाला ने अपनी करीबी मेकअप आर्टिस्ट के हाथों दिलीप कुमार को एक ख़त भेजा...ख़त के साथ एक लाल गुलाब भी था. उर्दू में लिखे हुए इस ख़त में मधुबाला ने लिखा था, “अगर आप मुझे चाहते हैं तो ये गुलाब क़बूल फरमाइए...वरना इसे वापस कर दीजिए. ”मधुबाला की मोहब्बत की इस निशानी को दिलीप कुमार ने खुशी खुशी क़बूल कर लिया और फिर फिल्म तराना के सेट्स पर दिलीप कुमार और मधुबाला की असली लव स्टोरी भी परवान चढ़ने लगी.
15/25
14. फिल्म ढाके की मलमल की शूटिंग के दौरान दिलीप कुमार ने अभिनेता ओम प्रकाश के सामने मधुबाला से कहा, वो आज ही उन्हें अपने साथ ले जाकर उनसे शादी करना चाहते हैं. दिलीप साहब ने ये भी कहा कि उनके घर पर एक क़ाज़ी मौजूद है और शादी की सारी तैयारियां हो गई हैं और वो चाहते हैं कि मुधबाला फौरन उनके साथ चलें. लेकिन इसके साथ ही दिलीप साहब ने अपनी मोहब्बत मधुबाला के सामने एक शर्त रख दी. शर्त ये थी कि उनसे शादी के बाद मधुबाला को अपने पिता से सारे रिश्ते तोड़ने होंगे.
14. फिल्म ढाके की मलमल की शूटिंग के दौरान दिलीप कुमार ने अभिनेता ओम प्रकाश के सामने मधुबाला से कहा, वो आज ही उन्हें अपने साथ ले जाकर उनसे शादी करना चाहते हैं. दिलीप साहब ने ये भी कहा कि उनके घर पर एक क़ाज़ी मौजूद है और शादी की सारी तैयारियां हो गई हैं और वो चाहते हैं कि मुधबाला फौरन उनके साथ चलें. लेकिन इसके साथ ही दिलीप साहब ने अपनी मोहब्बत मधुबाला के सामने एक शर्त रख दी. शर्त ये थी कि उनसे शादी के बाद मधुबाला को अपने पिता से सारे रिश्ते तोड़ने होंगे.
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13. मुहब्बत परवान चढ़ रही थी...दिलीप कुमार ने जल्द ही अपनी सबसे बड़ी बहन सकीना को शादी का पैग़ाम लेकर मधुबाला के घर भेजा. उन्होने कहा कि अगर मधुबाला के पिता तैयार हों.... तो वो सात दिन बाद मधुबाला से शादी करना चाहते हैं......लेकिन अताउल्ला खान ने इस रिश्ते से साफ इंकार कर दिया. पिता और दिलीप साब...वो दो लोग जिन्हे मधुबाला जिंदगी में सबसे ज्यादा प्यार करती थीं. लेकिन दोनों में से एक चुनना उनके लिए नामुमकिन सा हो गया था.  इसी कशमकश में दिन तो बीतते रहे लेकिन उनके रिश्ते के धागों पर खिंचाव बढ़ता गया.  और फिर 1956 में वो तूफान आया...जिससे शायद ये रिश्ता कभी उबर नहीं सका.
13. मुहब्बत परवान चढ़ रही थी...दिलीप कुमार ने जल्द ही अपनी सबसे बड़ी बहन सकीना को शादी का पैग़ाम लेकर मधुबाला के घर भेजा. उन्होने कहा कि अगर मधुबाला के पिता तैयार हों.... तो वो सात दिन बाद मधुबाला से शादी करना चाहते हैं......लेकिन अताउल्ला खान ने इस रिश्ते से साफ इंकार कर दिया. पिता और दिलीप साब...वो दो लोग जिन्हे मधुबाला जिंदगी में सबसे ज्यादा प्यार करती थीं. लेकिन दोनों में से एक चुनना उनके लिए नामुमकिन सा हो गया था. इसी कशमकश में दिन तो बीतते रहे लेकिन उनके रिश्ते के धागों पर खिंचाव बढ़ता गया. और फिर 1956 में वो तूफान आया...जिससे शायद ये रिश्ता कभी उबर नहीं सका.
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12. जब मुगले आज़म की शुरुआत हुई, तो अनारकली के रोल के लिए इंडस्ट्री की कई अभिनेत्रियों के अलावा अनगिनत नए चेहरों का स्क्रीन टेस्ट लिया गया. लेकिन आखिरकार इस रोल के लिए मधुबाला को ही चुना गया. फिल्म पत्रकार बनी रिउबेन (REUBEN) द्वारा लिखित किताब- Dilip Kumar- Star Legend of Indian Cinema के मुताबिक, “मुगल ए आज़म में मधुबाला की एंट्री को लेकर बहुत कुछ लिखा जा चुका है लेकिन हकीकत सिर्फ यही है कि मधुबाला अनारकली बनी क्योंकि शहज़ादे सलीम (दिलीप कुमार) चाहते थे कि वो अनारकली बने.”
12. जब मुगले आज़म की शुरुआत हुई, तो अनारकली के रोल के लिए इंडस्ट्री की कई अभिनेत्रियों के अलावा अनगिनत नए चेहरों का स्क्रीन टेस्ट लिया गया. लेकिन आखिरकार इस रोल के लिए मधुबाला को ही चुना गया. फिल्म पत्रकार बनी रिउबेन (REUBEN) द्वारा लिखित किताब- Dilip Kumar- Star Legend of Indian Cinema के मुताबिक, “मुगल ए आज़म में मधुबाला की एंट्री को लेकर बहुत कुछ लिखा जा चुका है लेकिन हकीकत सिर्फ यही है कि मधुबाला अनारकली बनी क्योंकि शहज़ादे सलीम (दिलीप कुमार) चाहते थे कि वो अनारकली बने.”
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8.1949 में फ़िल्म “अंदाज़” में बॉलीवुड के शोमैन और ट्रैजडी किंग ने साथ काम किया यानि दिलीप कुमार ने पहली बार राजकपूर के साथ काम किया. यह फ़िल्म एक हिट साबित हुई. दीदार (1951) और देवदास (1955) जैसी फ़िल्मों में गंभीर भूमिकाओं की वजह से उन्हें ट्रेजडी किंग कहा जाने लगा. फिल्मों में तो दिलीप कुमार के साथ ट्रेजेडी होती ही रहती थी. अब असल जिंदगी में उनके साथ ट्रेजेडी हो गई जब उनके दिल ने उन्हें दगा दे दिया. हम बात कर रहे हैं दिलीप कुमार और मधुबाला की मोहब्बत की जिसकी शुरुआत तो एक गुलाब के फूल से हुई थी लेकिन इस मुहब्बत के फूल में इन दोनों के लिए ढेर सारे कांटे थे.
8.1949 में फ़िल्म “अंदाज़” में बॉलीवुड के शोमैन और ट्रैजडी किंग ने साथ काम किया यानि दिलीप कुमार ने पहली बार राजकपूर के साथ काम किया. यह फ़िल्म एक हिट साबित हुई. दीदार (1951) और देवदास (1955) जैसी फ़िल्मों में गंभीर भूमिकाओं की वजह से उन्हें ट्रेजडी किंग कहा जाने लगा. फिल्मों में तो दिलीप कुमार के साथ ट्रेजेडी होती ही रहती थी. अब असल जिंदगी में उनके साथ ट्रेजेडी हो गई जब उनके दिल ने उन्हें दगा दे दिया. हम बात कर रहे हैं दिलीप कुमार और मधुबाला की मोहब्बत की जिसकी शुरुआत तो एक गुलाब के फूल से हुई थी लेकिन इस मुहब्बत के फूल में इन दोनों के लिए ढेर सारे कांटे थे.
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7. दिलीप कुमार ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म 'ज्वार भाटा' से की, जो साल1944 मे आई. हालांकि यह फ़िल्म सफल नहीं रही..दिलीप कुमार की पहली हिट 1947 में रिलीज़ हुई फ़िल्म “जुगनू” थी. इस फ़िल्म ने बॉलीवुड में दिलीप कुमार को कामयाब सितारों में शुमार कर दिया.
7. दिलीप कुमार ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म 'ज्वार भाटा' से की, जो साल1944 मे आई. हालांकि यह फ़िल्म सफल नहीं रही..दिलीप कुमार की पहली हिट 1947 में रिलीज़ हुई फ़िल्म “जुगनू” थी. इस फ़िल्म ने बॉलीवुड में दिलीप कुमार को कामयाब सितारों में शुमार कर दिया.
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4. दिलीप को बचपन से ही सजसंवर कर रहने का शौक था. देविका रानी को उनका लुक पसंद आया. उन्होंने पूछा कि क्या उनको उर्दू बोलने आती है. दिलीप ने जवाब में कहा, हां. उसके बाद देविका रानी ने कहा कि हमें अपनी नयी फिल्म के लिए एक नया हीरो चाहिए. तुम कल से काम पर आ सकते हो. इस तरह से उनका फिल्मी सफ़र शुरू हो गया. लेकिन देविका रानी को यूसुफ़ खान नाम पसंद नहीं था. उन्होंने यूसुफ को कुछ नाम सुझाए जिनमें से एक था दिलीप कुमार. और इस तरह से यूसुफ खान ने अपना नाम दिलीप कुमार चुना.
4. दिलीप को बचपन से ही सजसंवर कर रहने का शौक था. देविका रानी को उनका लुक पसंद आया. उन्होंने पूछा कि क्या उनको उर्दू बोलने आती है. दिलीप ने जवाब में कहा, हां. उसके बाद देविका रानी ने कहा कि हमें अपनी नयी फिल्म के लिए एक नया हीरो चाहिए. तुम कल से काम पर आ सकते हो. इस तरह से उनका फिल्मी सफ़र शुरू हो गया. लेकिन देविका रानी को यूसुफ़ खान नाम पसंद नहीं था. उन्होंने यूसुफ को कुछ नाम सुझाए जिनमें से एक था दिलीप कुमार. और इस तरह से यूसुफ खान ने अपना नाम दिलीप कुमार चुना.
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6. दिलीप कुमार की जब पहली फिल्म आई तब उनके घर के पास ही फिल्म का बड़ा सा पोस्टर लगाया गया था. जिसे देखकर ही उनके पिता को पता चला की दिलीप फिल्मों में काम करने लगे हैं.
6. दिलीप कुमार की जब पहली फिल्म आई तब उनके घर के पास ही फिल्म का बड़ा सा पोस्टर लगाया गया था. जिसे देखकर ही उनके पिता को पता चला की दिलीप फिल्मों में काम करने लगे हैं.
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3. दिलीप कुमार ऐसे ही काम की तलाश में भटकते हुए एक दिन एक पुराने जानकार से टकरा गए. वो सज्जन उनके पुराने परिवारिक मित्र डॉक्टर मथानी थे. बातों-बातों में दिलीप ने उनको बताया कि वो नौकरी खोज रहे है. उन सज्जन ने दिलीप से कहा की फिलहाल तो उनकी जानकारी में कोई नौकरी नहीं. उसी समय वो बॉम्बे टाकीज की मालकिन देविका रानी से मिलने जा रहे थे. उन्होंने दिलीप से कहा अगर तुम खाली हो तो चलो क्या पता कोई काम मिल जाये. दिलीप कुमार उनके साथ हो लिए. देविका रानी ने उन्हें काम पर रख लिया. तय हुआ कि उन्हें 1250 रुपये महीना पगार मिलेगी. उस जमाने में ये बड़ी रकम हुआ करती थी. दिलीप कुमार को पहले यकीन ही नहीं हुआ. उन्होंने डॉक्टर मथानी से तसदीक की तो उन्होंने बताया कि उन्हें कोई गलतफहमी नहीं हुई है उन्हें इतनी ही सैलरी मिलेगी.
3. दिलीप कुमार ऐसे ही काम की तलाश में भटकते हुए एक दिन एक पुराने जानकार से टकरा गए. वो सज्जन उनके पुराने परिवारिक मित्र डॉक्टर मथानी थे. बातों-बातों में दिलीप ने उनको बताया कि वो नौकरी खोज रहे है. उन सज्जन ने दिलीप से कहा की फिलहाल तो उनकी जानकारी में कोई नौकरी नहीं. उसी समय वो बॉम्बे टाकीज की मालकिन देविका रानी से मिलने जा रहे थे. उन्होंने दिलीप से कहा अगर तुम खाली हो तो चलो क्या पता कोई काम मिल जाये. दिलीप कुमार उनके साथ हो लिए. देविका रानी ने उन्हें काम पर रख लिया. तय हुआ कि उन्हें 1250 रुपये महीना पगार मिलेगी. उस जमाने में ये बड़ी रकम हुआ करती थी. दिलीप कुमार को पहले यकीन ही नहीं हुआ. उन्होंने डॉक्टर मथानी से तसदीक की तो उन्होंने बताया कि उन्हें कोई गलतफहमी नहीं हुई है उन्हें इतनी ही सैलरी मिलेगी.
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2. दिलीप के पिता ड्राई फ्रूट्स का बिज़नेस करने लगे और मुंबई आ गये. कुछ दिनों बाद उन्होंने दिलीप समेत पुरे परिवार को मुंबई बुला लिया था...दिलीप कुमार ने प्रसिद्ध बार्नस स्कूल, देओलाली से अपनी पढ़ाई की थी. उस उम्र में परिवार के साथ हुई किसी अनबन के चलते वो मुंबई छोड़कर पुणे चले गए थे. पुणे में उन्होंने एक कैंटीन में काम करना शुरू कर दिया. बाद में उन्होंने खुद की कैंटीन खोल ली. उनका कारोबार काफी सफल रहा. इस बीच घरवालों से उनके रिश्ते भी बेहतर होने लगे. लिहाजा वे वापस मुंबई लौट आए. इस दौरान कमाए हुए सारे पैसे उन्होंने अपनी मां को दे दिए और तय किया की अब मुंबई में रह कर ही कुछ काम करेंगे.
2. दिलीप के पिता ड्राई फ्रूट्स का बिज़नेस करने लगे और मुंबई आ गये. कुछ दिनों बाद उन्होंने दिलीप समेत पुरे परिवार को मुंबई बुला लिया था...दिलीप कुमार ने प्रसिद्ध बार्नस स्कूल, देओलाली से अपनी पढ़ाई की थी. उस उम्र में परिवार के साथ हुई किसी अनबन के चलते वो मुंबई छोड़कर पुणे चले गए थे. पुणे में उन्होंने एक कैंटीन में काम करना शुरू कर दिया. बाद में उन्होंने खुद की कैंटीन खोल ली. उनका कारोबार काफी सफल रहा. इस बीच घरवालों से उनके रिश्ते भी बेहतर होने लगे. लिहाजा वे वापस मुंबई लौट आए. इस दौरान कमाए हुए सारे पैसे उन्होंने अपनी मां को दे दिए और तय किया की अब मुंबई में रह कर ही कुछ काम करेंगे.
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 1. दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसम्बर, 1922 को पेशावर में हुआ था जो आज पाकिस्तान का हिस्सा है. नाम रखा गया युसूफ़ सरवर ख़ान. उनके पिता लाला ग़ुलाम सरवर फलों का कारोबार करते थे. पेशावर में दिलीप कुमार और राज कपूर पड़ोसी हुआ करते थे और दोनों के परिवारों की आपस में अच्छी जान पहचान थी.
1. दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसम्बर, 1922 को पेशावर में हुआ था जो आज पाकिस्तान का हिस्सा है. नाम रखा गया युसूफ़ सरवर ख़ान. उनके पिता लाला ग़ुलाम सरवर फलों का कारोबार करते थे. पेशावर में दिलीप कुमार और राज कपूर पड़ोसी हुआ करते थे और दोनों के परिवारों की आपस में अच्छी जान पहचान थी.
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दिलीप कुमार सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि एक दौर है. उनके आने के बाद हिंदी सिनेमा में सही मायनों में अदाकारी की शुरुआत हुई थी. हिंदी सिनेमा और हिंदी फिल्में अगर आज दुनियाभर में  इतनी कामयाब हैं तो इसका एक बड़ा श्रेय जिस शख्स को जाता है वो हैं दिलीप कुमार. आज जानते हैं दिलीप कुमार ने अदाकारी को जो सबसे बड़ी चीज दी वो क्या है..उनकी खामोशी...और उनकी धीरे धीरे डायलॉग बोलने का दिलकश अंदाज़. उनके जन्मदिन के मौके पर हम लाए हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी 25 कहानियां जिन्हें जानने के बाद आप दिलीप कुमार की शख्सियत के हर एक पहलू से रूबरू हो जाएंगे...
दिलीप कुमार सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि एक दौर है. उनके आने के बाद हिंदी सिनेमा में सही मायनों में अदाकारी की शुरुआत हुई थी. हिंदी सिनेमा और हिंदी फिल्में अगर आज दुनियाभर में इतनी कामयाब हैं तो इसका एक बड़ा श्रेय जिस शख्स को जाता है वो हैं दिलीप कुमार. आज जानते हैं दिलीप कुमार ने अदाकारी को जो सबसे बड़ी चीज दी वो क्या है..उनकी खामोशी...और उनकी धीरे धीरे डायलॉग बोलने का दिलकश अंदाज़. उनके जन्मदिन के मौके पर हम लाए हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी 25 कहानियां जिन्हें जानने के बाद आप दिलीप कुमार की शख्सियत के हर एक पहलू से रूबरू हो जाएंगे...
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