बर्थडे स्पेशल: बिग बी के फेमस डायलॉग्स जो हिट थे, हिट रहेंगे
1985 में रिलीज हुई अमिताभ की फिल्म मर्द का भी एक डायलॉग बहुत फेमस हुआ था- मर्द को दर्द नहीं होता.
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View In App1981 में रिलीज हुई कालिया फिल्म का डायलॉग आज भी मारते हैं- ''हम जहां खड़े हो जाते हैं लाइन वहीं से शुरू हो जाती है.''
फिल्मः जंजीर डॉयलॉगः 'जब तक बैठने को ना कहा जाए शराफत से खड़े रहो, ये पुलिस स्टेशन है तुम्हारे बाप का घर नहीं'
फिल्मः शहंशाहडॉयलॉगः 'रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप होते हैं, नाम है शहंशाह'
फिल्मः दीवार डॉयलॉगः 'आज मेरे पास गाड़ी है, बंगला है, बैंक बैलेंस है तुम्हारे पास क्या है?' फिल्म के अगले सीन में शशि कपूर कहते हैं, 'मेरे पास मां है'डॉयलॉगः 'सपने भी समुदर की लहरों की तरह, हकीकत की चट्टानों से टकरा कर टूट जाते हैं'
फिल्म इंडस्ट्री में अमिताभ बच्चन के कई ऐसे संवाद हैं जो सिनेमा दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ गए हैं. आज भी ये डॉयलॉग लोकप्रियता में आज की फिल्मों पर भारी पड़ते हैं. आइए हम आपको अमिताभ के कुछ ऐसे ही डॉयलॉग जो बॉलीवुड की फिज़ाओं में आज भी गूंज रहे हैं.
फिल्मः शराबीडॉयलॉगः गोवर्धन सेठ, 'समुंदर में तैरने वाले, किसी और तालाब में डुबकी नहीं लगाया करते हैं'डॉयलॉगः 'जिगर का दर्द ऊपर से कहीं मालूम होता है(?), जिगर का दर्द ऊपरसे नहीं मालूम होता है' डॉयलॉगः 'मूछें हों तो नत्थूलाल जैसी हों, वरना ना हों'
फिल्मः काला पत्थर डॉयलॉगः 'ये कोयले की खान एक अजगर है सेठ साहब, जो रोज, अनगिनत लोगों को निगलकर, उसे पीसकर, जिस्म से खून का एक-एक कतरा चूस कर एक लाश के रूप में उगल देता है'
फिल्मः अमर अकबर एंथोनी डॉयलॉगः 'ऐसा तो आदमी दोइच्च टाइम भागता है. ओलंपिक की रेस हो या पुलिस का केस. तुम किसलिए भागता है भाई'
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