IN PICS: श्रीदेवी ने ही शुरू किया था सेट पर मम्मी को ले जाने का कल्चर, ये हैं उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से
इसे भी संयोग ही कहेंगे कि जिन श्रीदेवी को जीते जी कभी नेशनल अवॉर्ड नहीं मिला उन्हें इस दुनिया से जाने के बाद फिल्म मॉम के लिए नेशनल अवॉर्ड दिया गया है. श्रीदेवी ने इस फिल्म में एक मजबूत मां का किरदार निभाया था और उनकी इस फिल्म को समीक्षकों ने काफी सराहा था. हालांकि उन्हें साल 2013 में भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से नवाजा गया था.
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View In Appआज श्रीदेवी होती तो अपना 55 वां जन्मदिन मनातीं, लेकिन आज वो हमारे बीच नहीं हैं. उनकी जयंती के मौके पर उनके फैंस उन्हें याद कर रहे हैं. उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ बेहद खास बातें बता रहे हैं...
करियर के शुरुआती सालों में श्रीदेवी एक्टर जीतेन्द्र और राजेश खन्ना के साथ लगातार पारिवारिक फिल्में ही कर रही थीं. लेकिन 1986 में निर्देशक हरमेश मल्होत्रा की फिल्म 'नगीना' ने बॉक्स ऑफिस पर तूफ़ान मचा दिया और साल की सबसे बड़ी ब्लॉकस्टर साबित हुई और ऋषि कपूर के हीरो होने के बावजूद फिल्म की कामयाबी श्रीदेवी के नाम रही. 1987 में रिलीज हुई श्रीदेवी की फिल्म मिस्टर इंडिया बॉलीवुड की पहली साइंस फिक्शन फिल्म थी जिसने बॉलीवुड के साथ साथ हॉलीवुड मे भी खूब धूम मचाई.
1987 में रिलीज हुई श्रीदेवी की फिल्म मिस्टर इंडिया बॉलीवुड की पहली साइंस फिक्शन फिल्म थी जिसने बॉलीवुड के साथ साथ हॉलीवुड मे भी खूब धूम मचाई.
श्रीदेवी अपने शर्तों पर काम करने वाली हीरोइन रहीं. फिल्मों में किसिंग सीन और रेप जैसे सीन से दूर रहने का ऐलान श्रीदेवी ने 80 के दशक में ही कर दिया था. श्रीदेवी के साथ हमेशा सेट पर उनकी मम्मी या बहन जाया करती थी और श्रीदेवी ने ही सेट पर मम्मी के ले जाने कल्चर शुरू किया था. किसिंग सीन ना देने के ऐलान के बावजूद फिल्म गुरू के वक्त मुसीबत में फंस गई थीं श्रीदेवी. फिल्म गुरू में मिथुन चक्रवर्ती के साथ किसिंग सीन में डॉयरेक्टर उमेश मेहरा ने श्रीदेवी के बॉडी डबल का इस्तेमाल कर लिया इसपर श्रीदेवी बेहद नाराज हुई, विवाद और बढ़ा जब डॉयरेक्टर ने मैग्जीन में ये बयान दिया कि किसींग सीन खुद श्रीदेवी ने दिया है. उस विवाद के बाद श्रीदेवी की शर्तें और सख्त होती गईं.
1978 में आई फिल्म 'सोलवां सावन' से श्रीदेवी ने बतौर लीड एक्ट्रैस हिंदी फिल्मों में कदम रखा. लेकिन फिर 4 साल तक श्रीदेवी ने कोई फिल्म साइन नहीं की. साल 1983 में श्रीदेवी को फिल्म 'हिम्मतवाला' में साइन किया गया जिसमें जितेन्द्र श्रीदेवी के हीरो थे. फिल्म बॉक्सऑफिस पर हिट रही, बस फिर क्या यहीं से शुरू हो गया श्रीदेवी से करोड़ों लोगों के रूप की रानी बनने का सफर.
करियर के शुरुआती सालों में श्रीदेवी एक्टर जीतेन्द्र और राजेश खन्ना के साथ लगातार पारिवारिक फिल्में ही कर रही थीं. लेकिन 1986 में निर्देशक हरमेश मल्होत्रा की फिल्म 'नगीना' ने बॉक्स ऑफिस पर तूफ़ान मचा दिया और साल की सबसे बड़ी ब्लॉकस्टर साबित हुई और ऋषि कपूर के हीरो होने के बावजूद फिल्म की कामयाबी श्रीदेवी के नाम रही.
श्रीदेवी बॉलीवुड की पहली लेडी सुपरस्टार थीं. जो मुकाम उन्होंने हासिल किया वो उनसे पहले कोई हीरोइन नहीं पा पाई थी. वो किरादार को सिर्फ निभाती नहीं थी बल्कि पर्दे पर उसे जीती थी.
फिल्मी पर्दे पर जितेन्द्र के साथ श्रीदेवी की जोड़ी को खूब पसंद किया जाता थाॉ. साल 1983 से 1997 तक श्रीदेवी बॉलीवुड में छाई रहीं. हालांकि जब श्रीदेवी ने बॉलीवुड में कदम रखा था तो उनके भारी शरीर की वजह से काफी आलोचनाएं होती थी. श्रीदेवी के लिए थंडरसाइज जैसे जुमले का इस्तेमाल भी होता था. लेकिन उनकी सुंदरता और एक्टिंग के आगे ये जुमले कब पीछे रह गए पता ही नहीं चला.
श्रीदेवी इस साल फरवरी में दुबई में अपने पति बोनी कपूर के भांजे मोहित मारवाह की शादी में शामिल होने गई थी और ये सफर उनकी जिंदगी का आखिरी सफर साबित हुआ. 24 फरवरी को दुबई में बाथटब में गिरकर डूबने से उनकी मौत हो गई. आखिरी वक्त में उनकी पति बोनी कपूर उनके साथ थे.
श्रीदेवी का जन्म 13 अगस्त 1963 को तामिलनाडु के एक तमिल परिवार में हुआ. श्रीदेवी ने महज 4 साल की उम्र से ही बतौर बाल कलाकार एक्टिंग के फील्ड में कदम रख दिया था. श्रीदेवी की पहली तमिल फिल्म 'थुनाईवन' थी. साल 1967 से 1975 तक श्रीदेवी ने बतौर बाल कलाकार तमिल, तेलगु, मल्यालम और कन्नड़ में फिल्मों में काम किया.
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