Independence Day: फिल्मों के ये दमदार डायलॉग आपके दिल में भी भर देंगे देशभक्ति का रंग
देश आजादी के 72वें साल का जश्न मना रहा है, इन 70 सालों में देश में काफी कुछ बदला है. जैसा की कहा जाता है कि सिनेमा भी हमारे समाज का ही आइना होता है तो देश के बदले हालातों के चलते अब सिनेमा भी बदल गया है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हम 21वीं सदी की फिल्मों के कुछ ऐसे डायलॉग्स के बारे में बता रहे हैं जिन्हें सुनकर दिल में देशभक्ति की भावनाएं और प्रबल हो जाती हैं और सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है.
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View In App...और स्वदेश का ये डायलॉग हम कैसे भूल सकते हैं, जिसमें शाहरुख देश के हालातों की बात को बड़े ही खुले दिल कहा गया है. 'मैं नहीं मानता कि हमारा देश दुनिया का सबसे महान देश है. लेकिन ये जरूर मानता हूं कि हममें काबिलियत है, ताकत है इस देश को महान बनाने की. हम आपस में लड़ते रहते हैं, जबकी हमें लड़ना चाहिए अशिक्षा के खिलाफ, बढ़ती हुई आबादी के खिलाफ, भ्रष्टाचार के खिलाफ.'
आमिर खान की फिल्म 'रंग दे बसंती' एक ऐसी फिल्म है जो देश के आज के हालातों को बेहद खूसबसूरती से दिखाती है. इस फिल्म का एक डायलॉग जो दिल में घर कर गया और युवाओं को आज भी प्रेरणा देता है देश के लिए कुछ करने की.. 'कोई भी देश परफेक्ट नहीं होता उसे परफेक्ट बनाना पड़ता है.'
इसी साल आई आलिया भट्ट की फिल्म राजी का ये डायलॉग सुनकर दिल में कुछ अलग ही भावना जागृत होती है. 'मुल्क के सामने मुझे अपना आप भी नजर नहीं आता, मैं ही तो हूं मुल्क, हिन्दुस्तान हूं मैं..'
इसी फिल्म का एक और शानदार डायलॉग है जो फिल्म की टैगलाइन भी है.. 'वतन के आगे कुछ नहीं खुद भी नहीं.'
इस साल एक और फिल्म आई जिसमें देश की एक ऐसी ऐतिहासिक घटना के बारे में बताया जिसे देश के ज्यादातर लोग जानते भी नहीं थे वो फिल्म थी 'परमाणु'. इसी का एक डायलॉग है, 'हमने जो किया वो देश के लिए था, हम जो सोचा वो देश के लिए था, हमने जो किया वो देश के लिए है और हमने जो पाया वो देश देश का होगा.'
शाहरुख खान की फिल्म 'चक दे इंडिया' का डायलॉग जो फिल्म के टाइटल ट्रेक में भी सुनाई देता है. ये डायलॉग देश की अखंडता और एकता को बेहतरीन तरीके से बताता है, 'मुझे स्टेट्स के नाम ना सुनाई देते हैं और न दिखाई देते हैं. सिर्फ एक का मुल्क का नाम सुनाई देता है इंडिया.'
अक्षय की फिल्म बेबी का ये डायलॉग भला हम कैसे भूल सकते हैं जो देश के लिए एक सैनिक के पागलपन को दर्शाता है. 'मिल जाते हैं कुछ ऑफिसर्स हममें जो थोड़े पागल , थोड़े अड़ियल, जिनके दिमाग में सिर्फ देश और देशभक्ति घूमती रहती है. ये देश के लिए मरना नहीं चाहते बल्कि जीना चाहते हैं ताकि आखिरी सांस तक देश की रक्षा कर सकें.'
अक्षय कुमार ने यूं तो कई देशभक्ति की फिल्में की हैं, साल 2016 में आई फिल्म 'एयरलिफ्ट' भी एक ऐसी ही एक घटना के बारे में लोगों को बताया जिसे शायद सब भूल गए थे. इसी फिल्म का एक डायलॉग है, जब इंसान को चोट लगती है तो उसे सबसे पहले मां की ही याद आती है और वो मां मां ही चिल्लाता है.'
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