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वैलेंटाइन डे: रियल लाइफ से उठकर पर्दे पर दिखी ये असल जीवन की प्रेम कहानियां

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अर्थ (1982), वो लम्हें (2006): बॉलीवुड में जिनके इश्क के चर्चे खूब हुई उन पर फिल्में भी बनीं. इन्हीं में से एक है जाने माने डायरेक्टर महेश भट्ट और अभिनेत्री परवीन बॉबी के प्यार पर बनी फिल्म 'अर्थ' और 'वो लम्हें'. कबीर बेदी से ब्रेकअप के बाद परवीन बॉबी और महेश भट्ट की नजदीकियां बढ़ीं और साल 1977 में दोनों का प्यार परवान चढ़ा. परवीन बॉबी जिन दिनों 'अमर अकबर एंथनी' और 'काला पत्थर' जैसी फिल्में कर रही थीं उसी दौरान वो महेश भट्ट के प्यार में पागल भी थीं. प्यार का खुमार ऐसा था कि महेश भट्ट अपनी पत्नी से अलग हो चुके थे और बॉबी के साथ लिव-इन में रहते थे. कुछ समय बाद परवीन बॉबी को बेहद खतरनाक मानसिक बीमारी हुई जिसका इलाज अमेरिका तक करवाया गया लेकिन वो सही नहीं हुईं. उन्हें लगता था कि कोई उन्हें मारने की कोशिश कर रहा है. इसके बाद महेश भट्ट अपनी पत्नी के पास वापस लौट गए. इसी दौरान महेश भट्ट ने अर्थ की स्टोरी लिखी जो उनकी खुद की कहानी थी. इसमें शबाना आज़मी और स्मिता पाटिल मुख्य भूमिका में थे. इस फिल्म को उस दौर में काफी पसंद किया गया. इसके बाद 2006 में महेश भट्ट फिल्म वो लम्हें लेकर आए जिसमें शाइनी आहूजा और कंगना रनौत मुख्य भूमिका में थे. फिल्म तो पसंद की ही गई साथ ही इस फिल्म के 'बिन तेरे क्या है जीना', 'क्या मुझे प्यार है' और 'तु जो नहीं है तो' जैसे गाने सुपरहिट हुए.
अर्थ (1982), वो लम्हें (2006): बॉलीवुड में जिनके इश्क के चर्चे खूब हुई उन पर फिल्में भी बनीं. इन्हीं में से एक है जाने माने डायरेक्टर महेश भट्ट और अभिनेत्री परवीन बॉबी के प्यार पर बनी फिल्म 'अर्थ' और 'वो लम्हें'. कबीर बेदी से ब्रेकअप के बाद परवीन बॉबी और महेश भट्ट की नजदीकियां बढ़ीं और साल 1977 में दोनों का प्यार परवान चढ़ा. परवीन बॉबी जिन दिनों 'अमर अकबर एंथनी' और 'काला पत्थर' जैसी फिल्में कर रही थीं उसी दौरान वो महेश भट्ट के प्यार में पागल भी थीं. प्यार का खुमार ऐसा था कि महेश भट्ट अपनी पत्नी से अलग हो चुके थे और बॉबी के साथ लिव-इन में रहते थे. कुछ समय बाद परवीन बॉबी को बेहद खतरनाक मानसिक बीमारी हुई जिसका इलाज अमेरिका तक करवाया गया लेकिन वो सही नहीं हुईं. उन्हें लगता था कि कोई उन्हें मारने की कोशिश कर रहा है. इसके बाद महेश भट्ट अपनी पत्नी के पास वापस लौट गए. इसी दौरान महेश भट्ट ने अर्थ की स्टोरी लिखी जो उनकी खुद की कहानी थी. इसमें शबाना आज़मी और स्मिता पाटिल मुख्य भूमिका में थे. इस फिल्म को उस दौर में काफी पसंद किया गया. इसके बाद 2006 में महेश भट्ट फिल्म वो लम्हें लेकर आए जिसमें शाइनी आहूजा और कंगना रनौत मुख्य भूमिका में थे. फिल्म तो पसंद की ही गई साथ ही इस फिल्म के 'बिन तेरे क्या है जीना', 'क्या मुझे प्यार है' और 'तु जो नहीं है तो' जैसे गाने सुपरहिट हुए.
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2 स्टेटस : ये फिल्म चेतन भगत और उनकी पत्नी अनुष्का भगत की लव स्टोरी पर बनी है. इससे पहले चेतन भगत ने इसी नाम से बुक भी लिखी जिसे पसंद किया गया था. इसमें उन्होंने बताया था कि जब दो अलग-अलग राज्यों के रहने वाले लोगों को प्यार होता है तो फिर उन्हें अपने परिवार को शादी के लिए मनाना कितना मुश्किल होता है. इस फिल्म में आलिया और अर्जुन कपूर मुख्य भूमिका में हैं. ये फिल्म 18 अप्रैल 2014 को रिलीज हुई थी और लोगों ने इसे काफी पसंद किया था. चेतन भगत की बुक में उन्होंने अपनी इश्क की दांस्ता को जितनी खूबसूरती से लिखा है उतने ही बेहतरीन तरीके से फिल्म को भी दिखाया गया है. इसमें आलिया और अर्जुन की इंटेस केमेस्ट्री की काफी तारीफ हुई थी. 45 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस  पर 173 करोड़ की कमाई की थी. 'ओफ्फो' से लेकर 'लोचा-ए-उलफत' हो गया जैसे  इस फिल्म के गाने भी काफी पॉपुलर हुए थे.
2 स्टेटस : ये फिल्म चेतन भगत और उनकी पत्नी अनुष्का भगत की लव स्टोरी पर बनी है. इससे पहले चेतन भगत ने इसी नाम से बुक भी लिखी जिसे पसंद किया गया था. इसमें उन्होंने बताया था कि जब दो अलग-अलग राज्यों के रहने वाले लोगों को प्यार होता है तो फिर उन्हें अपने परिवार को शादी के लिए मनाना कितना मुश्किल होता है. इस फिल्म में आलिया और अर्जुन कपूर मुख्य भूमिका में हैं. ये फिल्म 18 अप्रैल 2014 को रिलीज हुई थी और लोगों ने इसे काफी पसंद किया था. चेतन भगत की बुक में उन्होंने अपनी इश्क की दांस्ता को जितनी खूबसूरती से लिखा है उतने ही बेहतरीन तरीके से फिल्म को भी दिखाया गया है. इसमें आलिया और अर्जुन की इंटेस केमेस्ट्री की काफी तारीफ हुई थी. 45 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 173 करोड़ की कमाई की थी. 'ओफ्फो' से लेकर 'लोचा-ए-उलफत' हो गया जैसे इस फिल्म के गाने भी काफी पॉपुलर हुए थे.
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'सिलसिला', 'कागज के फूल' : फिल्म 'सिलसिला' में अमिताभ और रेखा एक नहीं हो पाते और रियल लाइफ में भी इस फिल्म के बाद वो कभी साथ नहीं दिखे. ऐसा कहा जाता है कि जिनकी मोहब्बत के किस्से दुनिया पढ़ा करती थी 'सिलसिला' देखकर ऐसा लगा जैसे वो किरदार पर्दे पर अपनी ज़िंदगी जी रहे हैं. बॉलीवुड में गुरुदत्त और वहीदा रहमान के प्यार के चर्चे भी खूब हुए. कहा जाता है कि इन दोनों की फिल्म 'कागज के फूल' (1959) में इन्हीं की लव स्टोरी दिखाई गई.
'सिलसिला', 'कागज के फूल' : फिल्म 'सिलसिला' में अमिताभ और रेखा एक नहीं हो पाते और रियल लाइफ में भी इस फिल्म के बाद वो कभी साथ नहीं दिखे. ऐसा कहा जाता है कि जिनकी मोहब्बत के किस्से दुनिया पढ़ा करती थी 'सिलसिला' देखकर ऐसा लगा जैसे वो किरदार पर्दे पर अपनी ज़िंदगी जी रहे हैं. बॉलीवुड में गुरुदत्त और वहीदा रहमान के प्यार के चर्चे भी खूब हुए. कहा जाता है कि इन दोनों की फिल्म 'कागज के फूल' (1959) में इन्हीं की लव स्टोरी दिखाई गई.
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पैडमैन : अक्षय कुमार, राधिका आप्टे और सोनम कपूर जैसे बड़े सितारों से सजी फिल्म ‘पैडमैन’ तमिलनाडु के रहने वाले अरुणाचलम मुरुगनाथम की जिंदगी पर आधारित है. मुरुगनाथम को अपनी पत्नी से इस कदर प्यार हुआ कि उन्होंने सैनेटरी पैड बनाने वाली मशीन का आविष्कार कर दिया और देश ही नहीं दुनियाभर में ‘पैडमैन’ के नाम से मशहूर हो गए.  साल 1962 में जन्में अरुणाचलम मुरुगनाथम ने 36 साल की उम्र में 1998 में शांति नाम की लड़की से शादी की. शादी के बाद उन्हें पता चला की उनकी पत्नी पीरियड्स के दौरान सैनिटरी पैड्स नहीं बल्कि गंदे कपड़े और अखबारों का इस्तेमाल करती हैं. यही नहीं उनकी पत्नी को पैड्स के बारे में जानकारी तक नहीं थी. इस वाकये के बाद अरुणाचलम मुरुगनाथम ने सस्ते पैड्स बनाने की मशीन बनाने की ठान ली. आज वो अपनी कंपनी चलाते हैं. मुरुगनाथम की कंपनी के पैड्स का इस्तेमाल देशभर के करीब 4500 गावों में होता है. ये सब इतना आसान नहीं था. मुरुगनाथम को इस चीज़ के लिए जागरुकता फैलाने में काफी मेहनत करनी पड़ी. साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने अरुणाचलम को नेशनल इनोवेशन अवॉर्ड से नवाजा. साल 2014 में दुनिया की मशहूर मैगजीन ‘टाइम’ ने उन्हें दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल किया. इन सबके अलावा मुरुगनाथम को साल 2016 में भारत सरकार ने पद्म श्री से भी सम्मानित किया. इन सम्मानों के बाद अब उनकी लाइफ पर बॉलीवुड में बायोपिक बन गई है
पैडमैन : अक्षय कुमार, राधिका आप्टे और सोनम कपूर जैसे बड़े सितारों से सजी फिल्म ‘पैडमैन’ तमिलनाडु के रहने वाले अरुणाचलम मुरुगनाथम की जिंदगी पर आधारित है. मुरुगनाथम को अपनी पत्नी से इस कदर प्यार हुआ कि उन्होंने सैनेटरी पैड बनाने वाली मशीन का आविष्कार कर दिया और देश ही नहीं दुनियाभर में ‘पैडमैन’ के नाम से मशहूर हो गए. साल 1962 में जन्में अरुणाचलम मुरुगनाथम ने 36 साल की उम्र में 1998 में शांति नाम की लड़की से शादी की. शादी के बाद उन्हें पता चला की उनकी पत्नी पीरियड्स के दौरान सैनिटरी पैड्स नहीं बल्कि गंदे कपड़े और अखबारों का इस्तेमाल करती हैं. यही नहीं उनकी पत्नी को पैड्स के बारे में जानकारी तक नहीं थी. इस वाकये के बाद अरुणाचलम मुरुगनाथम ने सस्ते पैड्स बनाने की मशीन बनाने की ठान ली. आज वो अपनी कंपनी चलाते हैं. मुरुगनाथम की कंपनी के पैड्स का इस्तेमाल देशभर के करीब 4500 गावों में होता है. ये सब इतना आसान नहीं था. मुरुगनाथम को इस चीज़ के लिए जागरुकता फैलाने में काफी मेहनत करनी पड़ी. साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने अरुणाचलम को नेशनल इनोवेशन अवॉर्ड से नवाजा. साल 2014 में दुनिया की मशहूर मैगजीन ‘टाइम’ ने उन्हें दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल किया. इन सबके अलावा मुरुगनाथम को साल 2016 में भारत सरकार ने पद्म श्री से भी सम्मानित किया. इन सम्मानों के बाद अब उनकी लाइफ पर बॉलीवुड में बायोपिक बन गई है
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 मांझी- द माउंटेनमैन:  प्यार की ताकत ही कुछ और होती है. यही प्यार जब दशरथ मांझी को अपनी पत्नी से हुआ तो उन्होंने उसी जुनून में सिर्फ दो हाथों से पहाड़ का सीना चीर कर रख दिया जो उसकी मोहब्बत की राह में आ खड़ा हुआ था. दशरथ मांझी गया जिले के गहलौर गांव के रहने वाले थे. मांझी की शादी बचपन में ही हो गई थी लेकिन मोहब्बत तब परवान चढ़ी जब वो धनबाद की कोयला खान में काम करने के बाद अपने गांव वापस लौटे. शादी के बाद हंसी खुशी ज़िंदगी बिता रहे मांझी को उस वक्त दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब उनकी गर्भवती पत्नी अचानक पहाड़ से फिसल कर गईं और उन्हें रास्ता ना होने के चलते समय से हॉस्पिटल ना पहुंचाया जा सका. इसके बाद दशरथ पहाड़ तोड़ने के लिए निकल पड़े. दशरथ मांझी पर 'मांझी- द माउंटेनमैन' फिल्म बनीं जिसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने मुख्य भूमिका निभाई इसे केतन मेहता ने डायरेक्ट किया है. मांझी की पत्नी फाल्गुनी की भूमिका में अभिनेत्री राधिका आप्टे हैं. नवाज ने इस फिल्म में अपनी अदाकारी से मांझी को पर्दे पर जीवंत कर दिया. इस फिल्म को लोगों ने काफी सराहा. 21 अगस्त 2015 को फिल्म रिलीज से पहले ही  इंटरनेट पर लीक हो गई और मेकर्स को काफी नुकसान उठाना पड़ा.
मांझी- द माउंटेनमैन: प्यार की ताकत ही कुछ और होती है. यही प्यार जब दशरथ मांझी को अपनी पत्नी से हुआ तो उन्होंने उसी जुनून में सिर्फ दो हाथों से पहाड़ का सीना चीर कर रख दिया जो उसकी मोहब्बत की राह में आ खड़ा हुआ था. दशरथ मांझी गया जिले के गहलौर गांव के रहने वाले थे. मांझी की शादी बचपन में ही हो गई थी लेकिन मोहब्बत तब परवान चढ़ी जब वो धनबाद की कोयला खान में काम करने के बाद अपने गांव वापस लौटे. शादी के बाद हंसी खुशी ज़िंदगी बिता रहे मांझी को उस वक्त दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब उनकी गर्भवती पत्नी अचानक पहाड़ से फिसल कर गईं और उन्हें रास्ता ना होने के चलते समय से हॉस्पिटल ना पहुंचाया जा सका. इसके बाद दशरथ पहाड़ तोड़ने के लिए निकल पड़े. दशरथ मांझी पर 'मांझी- द माउंटेनमैन' फिल्म बनीं जिसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने मुख्य भूमिका निभाई इसे केतन मेहता ने डायरेक्ट किया है. मांझी की पत्नी फाल्गुनी की भूमिका में अभिनेत्री राधिका आप्टे हैं. नवाज ने इस फिल्म में अपनी अदाकारी से मांझी को पर्दे पर जीवंत कर दिया. इस फिल्म को लोगों ने काफी सराहा. 21 अगस्त 2015 को फिल्म रिलीज से पहले ही इंटरनेट पर लीक हो गई और मेकर्स को काफी नुकसान उठाना पड़ा.
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बॉलीवुड की तमाम फिल्मों में लव स्टोरी दिखाई गई हैं. कुछ प्यार में जुनून की ऐसी कहांनियां भी हैं जिन पर फिल्म बनाने के लिए बॉलीवुड मजबूर हो गया. वैलेंटाइन डे पर आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी ही फिल्मों के बारे में जो रीयल लाइव लव स्टोरी से प्रेरित होकर बनी हैं.
बॉलीवुड की तमाम फिल्मों में लव स्टोरी दिखाई गई हैं. कुछ प्यार में जुनून की ऐसी कहांनियां भी हैं जिन पर फिल्म बनाने के लिए बॉलीवुड मजबूर हो गया. वैलेंटाइन डे पर आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी ही फिल्मों के बारे में जो रीयल लाइव लव स्टोरी से प्रेरित होकर बनी हैं.
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