कुछ वर्षों से अयोध्या और राम मंदिर पर अनेक फिल्में देखने को मिली है, परंतु अमरजीत मिश्रा (Amarjeet Mishra) ने अपने कॉन्सेप्ट पर विश्वास जताते हुए कहा कि लाल अयोध्या (Film Laal Ayodhya) मात्र एक फिल्म नहीं बल्कि यह एक लंबे संघर्ष की वास्तविक घटना है, इसके साक्षी वह खुद है. मिश्रा ने बताया कि
फिल्म की कहानी पर उन्होंने गहरा अध्ययन किया है. यह फिल्म उनके लिए और भी संवेदनशील है क्योंकि वह खुद एक कारसेवक के रूप में अनेक वर्षों तक सेवाएं दे चुके हैं.
19 अप्रैल को मुंबई में फिल्म का टाइटल लॉन्च किया गया इस दौरान फिल्म के निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह (Dushyant Pratap Singh), बॉलीवुड के दिग्गज फिल्म निर्माता और सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी (Pahlaj Nihalani), तथा प्रसिद्ध म्यूजिक कंपोजर आनंद शर्मा उपस्थित रहे.लाल अयोध्या टाइटल लॉन्च इवेंट के दौरान पहलाज निहलानी ने कहा कि इस फिल्म की कहानी सुनकर वह भावुक हो गए क्योंकि वास्तव में इस मुद्दे पर इतनी गहराई से पहले कभी काम नहीं किया गया.
बॉलीवुड डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह ने कहा कि यह फिल्म अनेक चौंकाने वाली घटनाओं को सामने लेकर आएगी. अयोध्या संघर्ष सैकड़ो वर्षों की लंबी कहानी है इस दौरान कई संवेदनशील और मार्मिक घटनाएं हुई जो कि वास्तव में आज तक गोपनीय है. फिल्म की शूटिंग के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि फिल्म को वास्तविक रूप देने के लिए लाल अयोध्या की शूटिंग अयोध्या, लखनऊ और भारत के विभिन्न स्थानों पर प्रस्तावित है. पूरी टीम इस फिल्म के लिए कड़ी मेहनत से कार्यरत है हालांकि फिल्म की कहानी और अन्य किरदारों के बारे में उन्होंने ज्यादा जानकारी देने से मना कर दिया. उन्होंने बताया कि बहुत जल्द वह फिल्म के ट्रेलर के साथ दर्शकों के समक्ष उपलब्ध होंगे, और कुछ राज समय के साथ ही खुले तो अच्छा है.
डायरेक्टर दुष्यंत प्रताप सिंह पहले भी कई फिल्मों का सफल निर्देशन कर चुके हैं उन्होंने लाल अयोध्या पर विश्वास जताते हुए कहा कि यह फिल्म उनके करियर की अब तक की सबसे बड़ी फिल्म होगी.लाल अयोध्या की कहानी गहन अनुसंधान का परिणाम है. फिल्म में दिखाए गए में दिखाए गए घटनाक्रम एवं संवाद दर्शकों को भाव विभोर कर देंगे. लाल अयोध्या एक फिल्म ही नहीं बल्कि उन कारसेवकों के लिए एक श्रद्धांजलि है.
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