‘क्या करें क्या ना करें ये कैसी मुश्किल हाय, कोई तो बता दे इसका हल ओ मेरे भाई.’ भले ही बॉलीवुड का यह गाना कई सालों पुराना हो, लेकिन इसकी लाइनें लगता है कि 12वीं पास करने वाले स्टूडेंट्स के लिए ही बनाई गई थीं. आजकल बचपन से ही करियर बनाने का प्रेशर इतना ज़्यादा हो जाता है कि बच्चे बड़े बाद में होते हैं और करियर के विकल्प पहले ढूँढने लगते हैं. हालाँकि, बावजूद इसके 12वीं के बाद कौन सा करियर चुना जाए, क्यों चुना जाए और आने वाले वक़्त में कौन सा करियर बेहतर होगा साथ ही स्टूडेंट की क्षमता और दिलचस्पी के मुताबिक़ क्या बेस्ट रहेगा, यह जानने की इच्छा हर किसी में देखी जा सकती है. क्या स्टूडेंट्स, क्या पैरेंट्स, दोनों की परेशानी कॉमन होती है. ऐसे में सबसे ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है सहीजगह से सही एक्सपर्ट्स से करियर काउंसलिंग ली जाए और फ्यूचर की टेंशन को हमेशा के लिए ख़त्म कर दी जाए.


क्या होती है करियर काउंसलिंगः 
इस कड़ी में सबसे पहले हमें समझना होगा कि आख़िर करियर काउंसलिंग क्या होती है. जैसा की नाम से इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है, करियर से जुड़े तमाम सवालों-उलझनों का फैक्ट्स और फिगर्स के साथ जवाब देना है करियर काउंसलिंग. यों तो इस काउंसलिंग की ज़रूरत सभी को होती है, लेकिन स्मार्ट और सफल लोग समय पर इसका फ़ायदा उठा लेते हैं. करियर काउंसलिंग में तमाम करियर-एजुकेशन-स्कॉलरशिप्स की जानकारी से हमेशा अपडेट रहने वाले एक्सपर्ट्स, स्टूडेंट्स की भविष्य से जुड़ी शंकाओं का समाधान करते हैं. यह एक्सपर्ट्स, स्टूडेंट्स को उनकी ताक़त, कमजोरी, रिसोर्सेज़ और भविष्य में तेज़ी से आगे बढ़ने वाले सेक्टर्स में से कौन सा उनके लिए बेस्ट है, कि जानकारी देकर उन्हें सही फ़ैसला लेने में सक्षम बनाते हैं.
 
यानी सीधे शब्दों में कहें तो आज के स्टूडेंट्स को कल का सफल व्यक्ति बनाने के लिए कौन सा कोर्स-कॉलेज चुनना चाहिए और किस फ़ील्ड में करियर बनाना चाहिए, यह जानकारी सही वक़्त पर देकर उनका सही गाइडेंस करने के कंप्लीट प्रॉसेस को करियर काउंसलिंग कहते हैं. और इसमें देश-विदेश में मौजूद अवसरों,अच्छे कॉलेज-यूनिवर्सिटीज में मिलने वाली स्कॉलरशिप्स, स्किल्स-स्ट्रेंथ-इंट्रेस्ट के हिसाब से सही करियर डिसाइड करने समेत हर वो जानकारी देना शामिल रहता है, जो स्टूडेंट्स को सही रास्ते चुनने के लिए मोटिवेट करें. 


12वीं के बाद करियर काउंसलिंग की जरूरतः  
अगर विशेषरूप से भारत की बात करें तो यहाँ 12वीं क्लास पास करने के बाद करियर बनाने के लिए सही कोर्स सेलेक्ट करने की सबसे बड़ी टेंशन रहती है. वैसे तो 12वीं में मैथ्स-बायोलॉजी, कॉमर्स, आर्ट्स स्ट्रीम चुनने के साथ ही मोटे तौर पर करियर से जुड़े कोर्स तय हो जाते हैं, लेकिन भविष्य में सफल बनने के लिए कॉलेज-कोर्स सेलेक्ट करने में सावधानी बहुत काम की साबित होती है. 


चूँकि 12वीं के बाद स्टूडेंट्स के सामने ढेर सारे करियर ऑप्शंस आ जाते हैं, ऐसे में उन्हें कंफ्यूजन से दूर रखना बेहद ज़रूरी हो जाता है. जबकि समझदारी भरा फ़ैसला लेने में मदद करने के लिए करियर काउंसलर्स बहुत काम आते हैं क्योंकि ये हर स्टूडेंट को स्किल्स-इंट्रेस्ट-एस्पिरेशंस के हिसाब से पहले अच्छी तरह समझते हैं और फिर उन्हें केवल उनके हिसाब से ही सबसे बेस्ट ऑप्शंस की जानकारी देते हैं और सही फ़ैसला लेने के लिए मोटिवेट करते हैं. इस दौरान ये काउंसलर भविष्य के लिए ज़रूरी कोर्स कहां उपलब्ध है, क्यों कोई कोर्स किया जाए, कहां से किया जाए, कितना पैसा-वक्त लगेगा, देश-विदेश में मौजूद कॉलेज और उनमें उपलब्ध स्कॉलरशिप्स, एडमिशन प्रॉसेस और इंपॉर्टेंट डेट्स समेत हर जानकारी देते हैं. 


एक सही करियर काउंसलिंग किसी स्टूडेंट के मनमुताबिक यानी फ़र्स्ट च्वाइस वाले करियर को सेलेक्ट करने की सजेशन देने के बजाय उसका पूरा एनालिसिस करके बिल्कुल अलग ऑप्शन बता सकता है, क्योंकि वह जानता है कि अंजानी पसंद में फँसकर परेशान होने के बजाय अपनी पसंद का काम करने में हर व्यक्ति ज़्यादा एंज्वॉय करता है और तरक़्क़ी करता है. जहां सही करियर किसी स्टूडेंट्स के फ्यूचर को सेफ़-सिक्योर-इंट्रेस्टिंग-मोटिवेटिंग और सक्सेसफुल बनाता है, वहीं ग़लत लाइन चुनना एक तरह से ज़िंदगी चौपट करने वाला फ़ैसला हो सकता है. ऐसे में सही रास्ता चुनने में यह करियर गाइडेंस बेहद ज़रूरी और काम का फ़ैसला साबित होता है. 


इसके अलावा करियर काउंसलर हर स्टूडेंट के पास मौजूद रिसोर्सेज़, बैकग्राउंड, फ़ैमिली बिज़नेस/नीड, इंपॉर्टेंस पर ध्यान देता है, इंडस्ट्री ट्रेंड्स, एमर्जिंग फील्ड्स, फ्यूचरिस्टिक विजन, रिक्वायरमेंट्स और सक्सेस रेशियो को देखता-समझता है और फिर इसके बाद हर स्टूडेंट की कैपेबिलिटी/इंट्रेस्ट के मुताबिक़ भविष्य चुनने के ऑप्शंस देता है. यह एक तरह से फ्यूचर की परफ़ेक्ट प्लानिंग कराने है, जहां पर सक्सेस, हेल्थ, वेल्थ, नेम-फेम जैसा सबकुछ शामिल हो. 


इतना ही नहीं, स्टूडेंट्स को उस फ़ील्ड में आने वाले चैलेंजेज से निपटने, करियर से जुड़ी आम ग़लतियों को ना दोहराने, आगे बढ़ने के लिए ज़रूरी स्किल्स अपग्रेड करने, बदलती दुनिया-माहौल और तकनीक के हिसाब से हालात को भाँपकर फ़ैसले लेने या कदम उठाने के बारे में भी पूरी तरह तैयार करने का काम करियर काउंसलर करता है. यानी आने वाले कल में सबसे बेस्ट क्या होगा, हर स्टूडेंट के लिए उसमें बेस्ट ऑप्शन क्या होगा, भविष्य में कौन से चैलेंजेज आ सकते हैं, कौन से कदम उठाने हैं और कौन से नहीं, क्या सेलेक्ट करना और क्या रिजेक्ट जैसी हर बात करियर काउंसलर बताता और समझाता है.


iDreamCareer.com स्टूडेंट्स के लिए साबित हो सकता है गेम चेंजर? 
करियर काउंसलिंग के लिए iDreamCareer किसी अलादीन के चिराग़ से कम नहीं है. यह एक अनोखा प्लेटफॉर्म है, जो आज के स्टूडेंट्स और आने वाले कल को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है. स्टू़डेंट्स इस प्लेटफ़ॉर्म के डैशबोर्ड का मुफ़्त में इंट्रोडक्शन पा सकते हैं और ना केवल भारत बल्कि विदेशों में मौजूद सैकड़ों करियर ऑप्शंस और एकेडेमिक फ़ील्ड से जुड़ी रिसर्च कर सकते हैं. अपने लैपटॉप या मोबाइल में iDreamCareer का पेज खोलते ही स्टूडेंट्स को अपना iDC डैशबोर्ड खोलने के लिए रजिस्टर करने का मौक़ा मिलता है. इस फ़ॉर्म पर अपना नाम, ईमेल और फ़ोन नंबर दर्ज करते ही कोई भी स्टूडेंट मुफ़्त में एक्सेस पा सकता है. 


ऑनलाइन करियर काउंसलिंग के एक लीडिंग प्रोवाइडर के रूप में iDreamCareer अब तक भारत और मिडिल ईस्ट में 25 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स के जीवन पर पॉज़िटिव असर डाल चुका है. इस प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद करियर काउंसलर्स अपने-अपने क्षेत्र के साथ करियर से जुड़े सवालों को लेकर एक्सपर्ट हैं और आपके करियर को भी चमकाने में मददगार हो सकते हैं. iDC के करियर डैशबोर्ड के ज़रिये कोई भी फ़्री ट्रायल ले सकता है और इसमें स्टूडेंट्स को 530 से ज़्यादा करियर विकल्प, 21,000 से ज़्यादा कॉलेज, 1150 से ऊपर एंट्रेंस एग्जाम्स की जानकारी के साथ ही 15 से ज़्यादा देशों की 1100 से ज़्यादा स्कॉलरशिप्स के बारे में फटाफट इंफॉर्मेशन मिल जाती है. 


करियर चुनने के दौरान अपनी क्षमताओं, पर्सनालिटी, पॉज़िटिव-नेगेटिव प्वाइंट्स, एटीट्यू़ड और इंट्रेस्ट का भी ध्यान रखना पड़ता है और इसके लिए iDreamCareer का साइकोमेट्रिक टूल ग़ज़ब की सुविधा देता है. इस प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद साइकोमेट्रिक टूल 16 फैक्टर्स पर ध्यान देता है और हिंदी-अंग्रेजी के साथ छह अन्य भाषाओं में उपलब्ध है. अब तक 19.50 लाख से ज़्यादा स्टूडेंट्स के ऊपर यह टेस्ट बेहद सफल साबित रहा है और इसे जमकर पसंद किया गया है. इस टूल की ख़ासियत है कि यह टेस्टिंग के बाद 16 पेज की कंप्लीट करियर रिपोर्ट देता है और इसमें हर स्टूडेंट के हिसाब से टॉप करियर ऑप्शंस की सलाह मौजूद होती है. 


और सबसे ज़रूरी बात तो यह है कि स्टूडेंट्स को रेलुगर सपोर्ट मिलता है और केवल एक बटन क्लिक करने के साथ ही करियर काउंसलर्स उपलब्ध हो जाते हैं. iDC के करियर डैशबोर्ड पर उपलब्ध सिंपली चैट बटन पर क्लिक करते ही करियर एक्सपर्ट संग चैटिंग शुरू हो जाती है और स्टूडेंट को करियर या कॉलेज एप्लीकेशन प्रॉसेस या अन्य किसी सवाल का आसानी से जवाब मिल जाता है. 


लेखक के बारे में:
पूजा मदान, एक अनुभवी और डेडिकेटेड करियर काउंसलर हैं, जिन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और मास्टर्स डिग्री हासिल की है. स्टूडेंट्स को उनके एकेडेमिक और प्रोफेशनल सफर में गाइड करने के लिए पूजा के अंदर काफी जुनून और एक्सपर्टाइज है. जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी से गाइडेंस और काउंसलिंग में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा हासिल करने के साथ ही, वह iDreamCareer में NCDA (यूएसए) द्वारा सर्टिफाइड करियर कोच हैं और उनके पास पांच साल का अनुभव है, जो स्टूडेंट्स को उनके सपनों की मंजिल हासिल करने में मदद करने में मदद करता है. स्टूडेंट्स के जीवन पर पॉजिटिव असर डालने के लिए वह कितनी उत्साहित हैं, यह जानने के लिए उनका मंत्र है, "ऐसा करियर चुनें, जो आपको पसंद हो और आपको अपने जीवन में एक दिन भी काम न करना पड़े."


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