कल आएगा आर्थिक सर्वेक्षण 2017: जानें क्या है ये और क्यों है जरूरी
नई दिल्लीः कल से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है और कल ही संसद में वित्त वर्ष 2017-18 का आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाएगा. इसके बाद परसों यानी बुधवार यानी 1 फरवरी को आम बजट 2017-18 वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में पेश करेंगे. बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश किए जाने की परंपरा है जिसमें देश की आर्थिक हालत का पूरा ढांचा होता है. लिहाजा आपके लिए भी आर्थिक सर्वेक्षण के बारे में जानना जरूरी है क्योंकि इससे आने वाले बजट का काफी हद तक सटीक अनुमान लग जाता है. इस साल तो आर्थिक सर्वेक्षण और भी अहम हो गया है क्योंकि नोटबंदी के बाद देश की अर्थव्यवस्था पर हुए असर का एकदम सही अनुमान देने वाला साबित हो सकता है.
- आर्थिक सर्वेक्षण है क्या? सालाना आर्थिक सर्वेक्षण आमतौर पर वार्षिक बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है. ये अर्थव्यवस्था की आधिकारिक रिपोर्ट होती है और इस दस्तावेज को बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाता है.
- आर्थिक सर्वेक्षण देश की इकोनॉमी के लिए भविष्य में बनाई जाने वाली योजानाओं और नीतियों के लिए एक दृष्टिकोण होता है. इसमें देश की अर्थव्यवस्था और नीति चुनौतियों की सारी जानकारी विस्तार से बताई जाती है. इस सर्वेक्षण में आर्थिक विकास का अनुमान लगाया जाता है.
- सरकार इसमें अर्थव्यवस्था के तेज़ या धीमे होने से जुड़े कारणों को भी बताती है. इसमें इंडस्ट्री के जरूरी सेक्टर के लिए सुधार के उपायों का विश्लेषण और रोडमैप भी होता है.
- आर्थिक समीक्षा 2015-16 जो वित्त मंत्रालय, भारत सरकार का फ्लैगशिप वार्षिक दस्ताकवेज है.
- ये पिछले 12 महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था में घटनाक्रमों की समीक्षा करता है. सरकार की नीतिगत पहलों और छोटी अवधि से मध्यावधि में अर्थव्यवस्था की संभावनाओं पर प्रकाश डालता है.
- आर्थिक सर्वे सरकार के प्रमुख विकास कार्यक्रमों का क्या नतीजा रहा है इसका पूरा सार प्रस्तुत करता है.
- यह दस्तावेज नीति निर्धारकों, अर्थशास्त्रियों, नीति विश्लेाषकों, कारोबारियों, सरकारी एजेंसियों, छात्रों, रिसर्चर्स, मीडिया और भारतीय इकोनॉमी के विकास में रुचि रखने वालों के लिए उपयोगी होता है.
आर्थिक सर्वेक्षण कौन बनाता है? आर्थिक सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार के साथ एक आर्थिक जानकारों की टीम तैयार करती है. देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रहमण्यम ने इस बार का आर्थिक सर्वे वित्त मंत्री अरुण जेटली को दिया है. इस साल वित्त मंत्री अरुण जेटली 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगे और अगले दिन यानि 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2017-18 पेश किया जाएगा.
आर्थिक सर्वेक्षण सिर्फ सिफारिशें हैं, कानून नहीं! हालांकि ऐसा माना जाता है कि आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर ही बजट के सारे ऐलान भी किए जाते हैं लेकिन सरकार इस सर्वेक्षण की सिफारिशों को मानने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य नहीं है. आर्थिक सर्वेक्षण को सिर्फ नीतियां बनाने के लिए मार्गदर्शक के रूप लिया जाता है लेकिन इसी के आधार पर सारे बजटीय ऐलान होते हैं ये कतई जरूरी नहीं है.